Move to Jagran APP

अखिलेश यादव आजमगढ़ के बजाय इस सीट से लड़ सकते हैं यूपी चुनाव 2022, मुलायम सिंह यादव की रही है पसंदीदा सीट

UP Election 2022 समाजवादी पार्टी पश्चिम उत्तर प्रदेश में बड़ा दांव खेलने की तैयारी में है। अखिलेश यादव के आजमगढ़ सीट से चुनाव लड़ने की चर्चा चल रही थी। बुधवार को अचानक संकेत मिले कि वह गुन्नौर से चुनाव लड़ सकते हैं। पढ़ें क्या है इस सीट का गणित।

By Samanvay PandeyEdited By: Published: Thu, 20 Jan 2022 07:53 AM (IST)Updated: Thu, 20 Jan 2022 06:18 PM (IST)
अखिलेश यादव आजमगढ़ के बजाय इस सीट से लड़ सकते हैं यूपी चुनाव 2022, मुलायम सिंह यादव की रही है पसंदीदा सीट
UP Chunav 2022 : पार्टी के नेता अंदरखाने कह रहे कि एक-दो दिन में तस्वीर साफ हो जाएगी।

सम्भल, (राघवेंद्र शुक्ल)। UP Vidhan Sabha Election 2022 : समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) अब पश्चिम में बड़ा दांव खेलने की तैयारी में है। पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) के UP Chunav 2022 लडऩे की घोषणा के बाद आजमगढ़ सीट पर जाने की चर्चा चल रही थी। बुधवार को अचानक संकेत मिले कि आजमगढ़ नहीं, वह गुन्नौर से चुनाव लड़ सकते हैं। इस दावे में वजन इसलिए भी माना जा रहा क्योंकि, यह सीट उनके परिवार के लिए हर बार मुफीद साबित हुई है। पार्टी के नेता अंदरखाने कह रहे कि एक-दो दिन में तस्वीर साफ हो जाएगी।

loksabha election banner

यादव बहुत यह सीट मुलायम (Mulayam) परिवार की पसंदीदा है। वर्ष 2004 के मध्यावधि चुनाव में मुलायम सिंह (Mulayam Singh Yadav) जीते। इसके बाद वर्ष 2007 में जीत मिली। इससे पहले वर्ष 1998 और 1999 में दो बार सम्भल संसदीय क्षेत्र से जीतकर लोकसभा में भी पहुंचे थे। प्रो. रामगोपाल यादव (Ram Gopal Yadav) सम्भल से वर्ष 2004 में लोकसभा सदस्य बने। धर्मेंद्र यादव गुन्नौर क्षेत्र वाली बदायूं लोकसभा सीट से सांसद रह चुके हैं। पिछले संसदीय चुनाव में वह हार गए थे।

गुन्नौर क्षेत्र के मतदाता शिवपाल यादव (Shivpal Yadav) के भी संपर्क में बने रहते हैं। मुलायम परिवार की इस सशक्त सीट को भाजपा ने वर्ष 2017 में मोदी लहर में छीन लिया था। पहली बार यहां कमल खिला। अब भाजपा दोबारा वापसी करना चाहेगी। जबकि सपा के पास मजबूत विकल्प है। यदि अखिलेश यादव इस विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ते हैं तो प्रभाव आसपास क्षेत्र में भी पड़ेगा। यादव-मुस्लिम बहुल 59 सीटों पर पार्टी लाभ ले सकती है।

गुन्नौर सीट पर एक नजर

कुल मतदाता- 40, 7719

पुरुष मतदाता-21, 9734

महिला मतदाता-18, 7935

सपा के टिकट पर अटकी है निगाह : समाजवादी पार्टी ने अभी तक प्रत्याशी का नाम घोषित नहीं किया है। जिसके चलते प्रत्याशी को लेकर अफवाह का बाजार गर्म है। समर्थक अपने अपने दावेदार का टिकट पक्का मानकर पोस्ट डाल रहे है। भाजपा से प्रत्याशी घोषित होने के बाद भाजपा प्रत्याशी का लगातार विरोध होने पर लोगों की निगाह सपा के टिकट पर लगी हुई है। जिले के साथ 31 विधान सभा पर भाजपा ने अपना प्रत्याशी मैदान में उतार दिया है। समाजवादी पार्टी ने अभी तक अपना पत्ता नहीं खोला है। जिसको लेकर जनता के साथ दावेदारों के समर्थकों में भ्रम की स्थित बनी हुई है। इसलिए टिकट को लेकर अफवाहों का बाजार गर्म है।

तीन प्रबल दावेदारों को लेकर उनके समर्थक प्रत्याशी घोषित करके उनकी पोस्ट भी डाल चुके है। लेकिन दावेदार व पार्टी हाइकमान की तरफ से कोई घोषणा नहीं की गई है। वहीं अधिकांश दावेदारों ने लखनऊ में डेरा डालकर अपने आकाओं की शरण ले रखी है। नामांकन शुरु होने में मात्र दो दिन रहने पर दावेदारों ने टिकट को लेकर एडी चोटी का जोर लगा रखा है। विधान सभा चुनाव में जनता, मुख्य लड़ाई भाजपा व सपा के बीच मेें ही मान रही है, इसलिए इस बार चुनाव रोमांचक होगा। क्योंकि जिस प्रकार से एक प्रत्याशी का विरोध हो रहा है उसी प्रकार से 2012 में भी इसी प्रकार से लोग नाराज थे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.