आहूजा ग्रुप के एमडी की हत्या के लिए ली गई थी एक करोड़ की सुपारी
आहूजा ग्रुप के एमडी और पीएमएस (पंडित मदन स्वरूप) स्कूल के एजुकेशन ट्रस्ट के वित्तीय निदेशक मनोज आहूजा उर्फ मौजी की हत्या की साजिश ने कानून व्यवस्था को हिलाकर रख दिया है। पीएमएस स्कूल के ट्रस्ट में पदाधिकारी बनने को लेकर पूर्व चेयरमैन ने एमडी की हत्या के लिए एक करोड़ की सुपारी तय की। साढ़े 11 लाख रुपये एडवांस के तौर पर दे दिए। पुलिस ने पूरे मामले का पर्दाफाश करते हुए एक शूटर समेत वन विभाग के रिटायर्ड दारोगा और प्रॉपर्टी डीलर को गिरफ्तार कर लिया। पूर्व चेयरमैन को पूछताछ के बाद जमानत पर छोड़ दिया।
मुरादाबाद, जेएनएन। आहूजा ग्रुप के एमडी और पीएमएस (पंडित मदन स्वरूप) स्कूल के एजुकेशन ट्रस्ट के वित्तीय निदेशक मनोज आहूजा उर्फ मौजी की हत्या की साजिश ने कानून व्यवस्था को हिलाकर रख दिया है। पीएमएस स्कूल के ट्रस्ट में पदाधिकारी बनने को लेकर पूर्व चेयरमैन ने एमडी की हत्या के लिए एक करोड़ की सुपारी तय की। साढ़े 11 लाख रुपये एडवांस के तौर पर दे दिए। पुलिस ने पूरे मामले का पर्दाफाश करते हुए एक शूटर समेत वन विभाग के रिटायर्ड दारोगा और प्रॉपर्टी डीलर को गिरफ्तार कर लिया। पूर्व चेयरमैन को पूछताछ के बाद जमानत पर छोड़ दिया।
पीएमएस स्कूल काट्रस्टी बनने के लिए रची गई थी साजिश
सिविल लाइंस में रहने वाले मनोज आहूजा के मुताबिक, रामगंगा विहार के अरन्या सिग्नेचर निवासी हरिओम अग्रवाल पूर्व में पीएमएस स्कूल के ट्रस्टी थे। स्कूल के चेयरमैन शशिकांत मिश्रा के प्रयागराज में रहने के कारण हरिओम ही स्कूल की देखभाल करते थे। उनकी पत्नी मंजू अग्रवाल लंबे समय तक स्कूल की प्रधानाचार्य रहीं। स्कूल में अनियमितताएं करने के आरोप में ट्रस्ट बोर्ड ने दंपती को नोटिस देकर जवाब मांगा था। ऐसे में हरिओम ने ट्रस्ट से इस्तीफा दे दिया था। हरिओम तब से मनोज आहूजा से रंजिश रखते थे।
स्कूल में संदिग्ध के घूमने पर हुआ शक
मनोज ने बताया कि कुछ दिन से उनके स्कूल में कुछ संदिग्ध युवक घूम रहे थे। इस पर जान का खतरा जताते हुए मामले की शिकायत एसएसपी से की गई। उन्हें सुरक्षा के लिए एक गनर मुहैया कराया गया। इंस्पेक्टर शक्ति सिंह के अनुसार मामले की जांच में सामने आया है कि हरिओम ने अपने साथी प्रॉपर्टी डीलर शरद रस्तोगी उर्फ मामू निवासी गोविंद नगर कटघर से खुद को दोबारा से ट्रस्टी बनवाने के लिए संपर्क किया था। शरद ने अपने साथी उमेश भट्ट निवासी लोहागढ़ मुरादाबाद को साथ लेकर शशिकांत मिश्रा को समझाने की कोशिश की। उनके बेटे से भी फोन पर कहा गया कि हरिओम को ट्रस्ट में पदाधिकारी बनाएं। उन्होंने मनोज का दबाव होने की बात कहते हुए इससे इन्कार कर दिया। ऐसे में उमेश ने अपने साथी शूटर केशव शर्मा उर्फ राहुल निवासी गिंदौड़ा पाकबड़ा से संपर्क किया। केशव से मनोज की हत्या करने के लिए एक करोड़ की सुपारी तय की गई। दो किस्त में साढ़े 11 लाख रुपये दिए गए। पुलिस ने केशव, शरद रस्तोगी, उमेश भट्ट को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया, जबकि हरिओम को पूछताछ के बाद जांच पूरी नहीं होने तक छोड़ दिया गया।