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लाइसेंस नवीनीकरण में 11 हजार रुपये की रिश्वत लेने में फंसे रामपुर के कृषि अधिकारी, तीन के खिलाफ मुकदमा

Three booked for taking bribe रुपये मांगने पर उसके साथ मारपीट की और जाति सूचक शब्दों से अपमानित किया। उसने घटना की शिकायत मिलक पुलिस से की। पुलिस ने कार्रवाई नहीं की। मजबूरन अदालत में प्रार्थना पत्र देना पड़ा।

By Narendra KumarEdited By: Published: Fri, 26 Nov 2021 06:19 AM (IST)Updated: Fri, 26 Nov 2021 06:19 AM (IST)
लाइसेंस नवीनीकरण में 11 हजार रुपये की रिश्वत लेने में फंसे रामपुर के कृषि अधिकारी, तीन के खिलाफ मुकदमा
लाइसेंस नवीनीकरण में 11 हजार रुपये की रिश्वत लेने में फंसे रामपुर के कृषि अधिकारी।

मुरादाबाद, जागरण संवाददाता। Three booked for taking bribe : रामपुर में खाद की दुकान का लाइसेंस नवीनीकरण के नाम पर 11 हजार रुपये की रिश्वत लेने के आरोप में जिला कृषि अधिकारी नरेंद्रपाल और विकास भवन के दो कर्मचारी फंस गए हैं। अदालत ने तीनों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के आदेश सिविल लाइंस कोतवाली पुलिस को दिए हैं। तीनों पर रिश्वत लेकर काम न करने, मारपीट करने और जातिसूचक शब्दों से अपमानित करने का आरोप है।

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अदालत ने यह आदेश मिलक कोतवाली क्षेत्र के पुरैनिया जदीद गांव के तिलक सिंह के प्रार्थना पत्र पर सुनवाई के बाद दिए हैं। उन्होंने अधिवक्ता अजय तिवारी के माध्यम से प्रार्थना पत्र न्यायालय में दिया था, जिसमें शिकायतकर्ता का कहना है कि उसकी रठौंडा चौराहे पर खाद की दुकान थी, जिसके लाइसेंस की अवधि समाप्त हो चुकी थी। छह माह पहले वह विकास भवन में जिला कृषि अधिकारी नरेंद्र पाल से मिला। वहां विकास भवन के दो अन्य स्टाफ शिव कुमार और इंद्रपाल मलिक भी मौजूद थे। उसने लाइसेंस नवीनीकरण के लिए कहा। पहले आरोपितों ने मना कर दिया। आरोप है कि बाद में 11 हजार रुपये देने पर लाइसेंस नवीनीकरण करने की बात कही। उसने 11 हजार रुपये दे दिए। इसके बाद न तो उसका लाइसेंस नवीनीकरण हुआ और न ही रुपये लौटाए। रुपये मांगने पर उसके साथ मारपीट की और जाति सूचक शब्दों से अपमानित किया। उसने घटना की शिकायत मिलक पुलिस से की। पुलिस ने कार्रवाई नहीं की। मजबूरन अदालत में प्रार्थना पत्र देना पड़ा। एससी-एसटी एक्ट कोर्ट के विशेष न्यायाधीश अमित वीर सिंह ने प्रार्थना पत्र पर सुनवाई के बाद कृषि अधिकारी समेत तीनों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के आदेश कर दिए हैं। उधर, कृषि अधिकारी का कहना है कि आरोप गलत है। खाद विक्रेता का लाइसेंस फरवरी 2023 तक वैध है। 

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