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साढ़े तीन साल बाद रेलवे करने जा रहा ये काम, नई समय सार‍िणी से कम हो जाएगा यात्रा का समय

नियमित ट्रेनों के चलने का अंतिम बार 15 अगस्त 2018 को समय सारणी जारी की गई थी। वर्ष 2019 में नियमित ट्रेनों की समय सारिणी बनाने की जिम्मेदारी आइआइटी मुंबई को दी गई थी। जब तक समय सारिणी तैयार हो पाती तब तक कोरोना संक्रमण फैलना शुरू हो गया।

By Narendra KumarEdited By: Published: Mon, 03 Jan 2022 02:03 PM (IST)Updated: Mon, 03 Jan 2022 02:03 PM (IST)
साढ़े तीन साल बाद रेलवे करने जा रहा ये काम, नई समय सार‍िणी से कम हो जाएगा यात्रा का समय
साढ़े तीन साल के बाद बनाया जाएगा ट्रेनों का नियमित टाइम टेबल।

मुरादाबाद, जागरण संवाददाता। रेल प्रबंधन साढ़े तीन साल के बाद ट्रेनों का नियमित समय सारिणी बनाने की तैयारी में है। इसमें ट्रेनों का समय घटाया जाना प्रस्तावित है। नई समय सारिणी की तैयारी में रेल मंडल की टीम जुट गई है। तीन साल में रेलवे ने बहुत सारे सुधार किए हैं, ताकि ट्रेनों की रफ्तार बढ़ाई जा सके। इसके आधार पर बड़ी संख्या में ट्रेनों के गंतव्य तक पहुंचाने के समय में कमी आएगी।

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नियमित ट्रेनों के चलने का अंतिम बार 15 अगस्त 2018 को समय सारणी जारी की गई थी। वर्ष 2019 में नियमित ट्रेनों की समय सारिणी बनाने की जिम्मेदारी आइआइटी मुंबई को दी गई थी। जब तक समय सारिणी तैयार हो पाती तब तक कोरोना संक्रमण फैलना शुरू हो गया। 22 मार्च 20 से 31 मई तक सभी ट्रेनों का संचालन बंद कर दिया गया। एक जून से धीरे-धीरे नियमित ट्रेनों के बजाय स्पेशल ट्रेनों का संचालन शुरू किया गया। इसके चलते अस्थायी समय सारिणी बनाई गई। स्पेशल ट्रेनों की समय सारणी एक अक्टूबर 2021 को जारी हुई थी। पहली दिसंबर से नियमित ट्रेनों का संचालन किया जा रहा है। पहली जुलाई 22 से नियमित समय सारिणी लागू की जानी है। मुख्यालय के परिचालन विभाग ने सभी मंडल रेल प्रशासन को आदेश दिया है कि अभी से नियमित ट्रेनों की समय सारिणी बनाने की तैयारी शुरू कर दें, जिससे रेलवे बोर्ड स्तर पर होने वाली बैठक में इसे प्रस्तुत क‍िया जा सके। कई स्थानों पर सिंगल लाइन के स्थान पर दोहरी लाइन बिछाई जा चुकी है। पुराने व जर्जर रेलवे लाइन व स्लीपर बदल दिए गए हैं। इससे ट्रेनों को 130 से 160 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से चलाया जा सकता है। मुरादाबाद रेल मंडल में लक्सर से हरिद्वार तक दोहरीकरण के साथ पुराने लाइन को हटाकर नई रेल लाइन डाली गई है। इस मार्ग पर शीघ्र ही 121 किलो मीटर प्रतिघंटा की स्‍पीड से ट्रेनों को चलाया जाना प्रस्तावित है। इसके बाद हरिद्वार से लक्सर ट्रेन 50 मिनट के बजाय 18 मिनट में पहुंच जाएगी। इसी तरह से सहारनपुर से लखनऊ तक लाइन व स्लीपर बदले जा चुके हैं। नियमित समय सारिणी से ट्रेनों का समय घटाया जाएगा। मुरादाबाद से लखनऊ चलने वाली कई ट्रेनों में एक से दो घंटे तक समय कम किया जा सकता है।


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