Pollution of the city: लॉकडाउन के बाद ग्रीन से ऑरेंज जोन की तरफ बढऩे लगा शहर का प्रदूषण Moradabad News
जून का दिन ही ऐसा था जब एक्यूआइ 191 दर्ज किया गया था।दर्ज किया गया शहर की हवा का गुणवत्ता सूचकांक।महानगर की हवा की गुणवत्ता कुछ इस तरह बिगड़ती चली गई।
मुरादाबाद (अनुज मिश्र)। देश के टॉप टेन प्रदूषित शहरों का जिक्र हो और मुरादाबाद का नाम न आए, ऐसा संभव नहीं था, लेकिन देशभर में हुए लॉकडाउन ने इस मिथक को तोड़ दिया। लॉकडाउन में हवा के स्तर में सुधार हुआ, रेड जोन में बनी रहने वाली हवा ग्रीन जोन तक पहुंच गई। अब अनलॉक-1 में छूट बढ़ी, वाहन चले और कारखाने शुरू हुए। लिहाजा अब प्रदूषण की गाड़ी भी ग्रीन से आरेंज जोन की ओर बढ़ चुकी है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़ों पर गौर करें तो शाम पांच बजकर 12 बजे के बुलेटिन के मुताबिक शहर की हवा का गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआइ)123 दर्ज किया गया। राहत वाली बात यह रही कि देश के टॉप टेन प्रदूषित शहरों की सूची में मुरादाबाद का नाम नहीं है।
प्रदूषण पर एक नजर
तारीख एक्यूआइ
2 जून 103
3 जून 106
4 जून 128
7 जून 122
8 जून 148
9 जून 145
10 जून 191
11 जून 117
12 जून 103
नोट: बढ़ते प्रदूषण के आंकड़े केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के मुताबिक हैं।
एक से 12 जून तक हवा की गुणवत्ता
तारीख एक्यूआइ
01 51
05 69
06 60
हवा की गुणवत्ता का यह है पैमाना
0-50 अच्छा
51-100 संतोषजनक
101-200 औसत
201-300 खराब
301-400 बहुत खराब
401-450 गंभीर
451-500 खतरनाक
देश के टॉप आठ सबसे प्रदूषित शहर
शहर एक्यूआइ
भिवानी 232
हिसार 229
पानीपत 203
मेरठ 159
कुरुक्षेत्र 156
धौरहरा 155
बुलंदशहर 151
ग्रेटर नोएडा 150
नोट : हवा का गुणवत्ता सूचकांक केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुताबिक है।
दस जून को दो सौ के करीब पहुंचा था एक्यूआइ
जून माह की बात करें तो केवल दस जून का दिन ही ऐसा था जब एक्यूआइ 191 दर्ज किया गया। 13 जून तक यह सर्वाधिक एक्यूआइ रहा। वहीं आठ जून को 148 और नौ जून को 145 एक्यूआइ दर्ज किया गया।
बीते वर्ष गर्मी के समय में यह थी प्रदूषण की स्थिति
बीते वर्ष गर्मी के समय में शहर की हवा के गुणवत्ता सूचकांक के स्तर पर गौर करें तो मार्च से लेकर मई तक एक्यूआइ अधिकतम चार सौ के बीच तक दर्ज किया गया था। हालांकि, जून में एक्यूआइ में गिरावट देखी गई थी। 29 जून को अधिकतम एक्यूआइ 248 दर्ज किया गया था।
शहर की हवा यलो जोन में है। हवा का यह स्तर भी सेहत के लिए ठीक है। अब मानसून भी आने वाला है, लिहाजा हवा का स्तर अभी ठीक रहेगा। लॉकडाउन ने यह सिद्ध कर दिया है कि बढ़ते प्रदूषण को हम रोक सकते हैं।
-डॉ. अनामिका त्रिपाठी, विभागाध्यक्ष, वनस्पति विज्ञान विभाग हंदिूू कॉलेज एवं प्रोजेक्ट कोआॢडनेटर नेशनल एयर मॉनीटरिंग प्रोग्राम।