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अयोध्या में मंदिर निर्माण की आधारशिला के बाद श्रीराम की मूर्तियों की बढ़ी डिमांड

Ram temple Ayodhya पीतल बाजार में रामराज का असर दिख रहा है। यहां पर सबसे ज्यादा पीतल और कांस्य से बनी मूर्तियों की बिक्री होती है।

By Narendra KumarEdited By: Published: Thu, 20 Aug 2020 04:10 PM (IST)Updated: Thu, 20 Aug 2020 04:10 PM (IST)
अयोध्या में मंदिर निर्माण की आधारशिला के बाद श्रीराम की मूर्तियों की बढ़ी डिमांड
अयोध्या में मंदिर निर्माण की आधारशिला के बाद श्रीराम की मूर्तियों की बढ़ी डिमांड

मुरादाबाद, जेएनएन। प्रधानमंत्री नरेंद्रर मोदी ने पांच अगस्त को अयोध्या में राममंदिर निर्माण की आधारशिला का पूजन कर निर्माण कार्य का शुभारंभ किया था। इस ऐतिहासिक दिन की रामभक्त सालों से प्रतिक्षा कर रहे थे। इस सपने के साकार होने का सबसे बड़ा असर मुरादाबाद के पीतल बाजार में दिखने लगा। सूबे में सबसे ज्यादा विदेश में निर्यात करने वाले शहरों में मुरादाबाद का नाम सबसे ऊपर है। विदेशियों को भी यहां के निर्मित उत्पाद सबसे ज्यादा पसंद आते है। इसी के कारण जो उत्पाद दूसरे शहरों में बनते हैं,लेकिन उनकी बिक्री मुरादाबाद के बाजार से होती है। 

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राममंदिर के शिलान्यास के बाद से पीतल कारोबारियों के पास सबसे ज्यादा रामदरबार और राम की मूर्तियों के आर्डर आ रहे हैंं। देश के महाराष्ट्र,गुजरात,तमिलनाडु,कर्नाटक के साथ ही दिल्ली और हरियाणा के व्यापारी पीतल की मूर्तियों को खरीदने के सबसे ज्यादा आर्डर दे रहे हैं। पीतल कारोबारियों का कहना है कि ऐसा नहीं है कि इससे पहले राम की मूर्तियों को बनाने के आर्डर नहीं मिलते थे,साल कुछ ही आर्डर इन मूर्तियों के बनाने के आते हैं। लेकिन मौजूदा समय में एक दिन में सौ से ज्यादा लोग मूर्तियों के बारे में जानकारी मांगते हैं,वहीं 20 से 25 लोग आर्डर भी दे रहे हैं। महाराष्ट्र से पहले इन दिनों गणेश प्रतिमा के आर्डर सबसे ज्यादा आते थे,लेकिन मौजूदा समय में राम की मूर्तियों को मंगाया जा रहा है। पीतल बाजार में यह पहली बार देखने को मिल रहा है,जब राम और रामदरबार की मूर्तियों की मांग बढ़ी है।

अलीगढ़ में बनती हैं मूर्तियां

पीतल नगरी के नाम से मुरादाबाद का नाम दुनिया में मशहूर है। लेकिन पीतल की मूर्तियों का निर्माण मुरादाबाद में नहीं किया जाता है। पीतल मूर्तियों के बनाने के कारखाने सबसे ज्यादा अलीगढ़ में हैं,लेकिन बिक्री वहां से न होकर सबसे ज्यादा मुरादाबाद से होती है। पीतल कारोबारियों का कहना है कि मूर्तियों के ढलने के बाद मुरादाबाद के कारीगर ही मूर्तियों की फिनिङ्क्षशग का काम करते हैं,इसके बाद ही उनकी सुंदरता बढ़ जाती है। इसी कारण से अलीगढ़ में मूर्ति बनने के बाद भी उसे फिनिङ्क्षशग के लिए मुरादाबाद भेजा जाता है,और बिक्री भी यहीं से होती है।

बोले व्यापारी

राम और रामदरबार की मूर्तियां बनाने के इस समय सबसे ज्यादा आर्डर मिल रहे हैं। अभी तक सभी देवी-देवताओं और अन्य महापुरुषों की मूर्तियों के बनाने के आर्डर आते थे। लेकिन राममंदिर शिलान्यास के बाद राम की मूर्तियों सबसे ज्यादा आर्डर दूसरे राज्यों से आ रहे हैं।

अतुल अग्रवाल,पीतल कारोबारी

बीते कुछ वर्षों में रामदरबार की मूर्तियों की मांग बहुत ज्यादा नहीं थी। लेकिन इस समय सबसे ज्यादा मांग राम की मूर्तियों की जा रही है। आर्डर को तैयार कर जल्द भिजवाने का भी दबाव रहता है। लॉकडाउन के बाद अब बाजार में तेजी भी दिख रही है।

अर्पित कुमार,पीतल कारोबारी 


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