नवाब खानदान के तहखाने में बंद हो गए एडवोकेट कमिश्नर, जानिए क्या है पूरा मामला Rampur News
पूर्व मंत्री नवाब काजिम अली खां उर्फ नवेद मियां ने बताया कि इस जायदाद को बेचने या पट्टा करने का अधिकार किसी को नहीं था। ऐसा हुआ है तो जमीन बेचने व खरीदने वाले दोनों ही दोषी हैं।
रामपुर, जेएनएन। नवाब खानदान रामपुर में संपत्ति बंटवारे की प्रक्रिया चल रही है। इसके तहत एडवोकेट कमिश्नर सर्वे करने के लिए पहुंचे थे। इस दौरान एक ऐसा वाकया सामने आया जिससे सर्वे करने वाली टीम परेशान हो गईं।
यह है पूरा मामला
कोठी के सर्वे में जुटे एडवोकेट कमिश्नर और अधिवक्ता तहखाने के एक कमरे में बंद हो गए। एडवोकेट कमिश्नर अरुण प्रकाश सक्सेना, मुजम्मिल हुसैन व सौरभ सक्सेना काफी अंदर के कमरों में चले गए। बाहर से किसी ने दरवाजा लॉक कर दिया। एडवोकेट कमिश्नर के साथ ही तहखाने में मौजूद अधिवक्ता हर्ष गुप्ता व संदीप सक्सेना ने कोठी के बाहर बैठे पूर्व मंत्री नवाब काजिम अली खां के पीआरओ काशिफ खां को फोन कर स्थिति से अवगत कराया। तब उन्हे तहखाने से बाहर निकाला जा सका।
लक्खी बाग में एक लाख पेड़
कोठी शाहबाद स्थित लक्खी बाग से पेड़ों का कटान भी किया गया है। पूर्व मंत्री नवाब काजिम अली खां उर्फ नवेद मियां ने हरे पेड़ों का अवैध कटान मिलने पर सख्त नाराजगी जाहिर की। इसके बाद उन्होंने क्षेत्राधकारी और उपजिलाधिकारी को तहरीर दी, जिसमें अवैध कटान रोकने के लिए प्रभावी कार्रवाई की मांग की गई है।
नवेद मियां ने बताया कि कोठी शाहबाद की जमीन पर एक लाख आम के पेड़ लगाए गए थे, जिसकी वजह से इसे लक्खी बाग कहा जाता है। सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के बाद से बंटवारे की प्रक्रिया के बीच ही इस संपत्ति के कब्जेदारों द्वारा लगातार अवैध ढंग से पेड़ों का कटान कराया जा रहा है। हरे पेड़ भी काटे जा रहे हैं। पूर्व मंत्री के पीआरओ काशिफ खां ने बताया कि पुलिस अधीक्षक और जिलाधिकारी को इस बारे में अवगत कराया गया है और गैरकानूनी ढंग से जारी पेड़ों का कटान रोकने की मांग की गई है।
जमीन कब्जाने वालों में खलबली
मुकदमेबाजी और देखरेख न होने का फायदा उठाकर तमाम लोगों ने नवाबों की शाहबाद स्थित संपत्ति पर कब्जा कर लिया। अब संपत्ति के बंटवारे की प्रक्रिया शुरू होने से इन लोगों में खलबली मच गई है। एडवोकेट कमिश्नर ने कोठी शाहबाद की 260 एकड़ में फैली ऐसी जमीनों का भी सर्वे किया जिन पर पक्के निर्माण हो चुके हैं। इससे लोग परेशान नजर आए। कुछ लोगों का कहना था कि उन्होंने जमीन खरीदकर निर्माण किया है। उनके पास कागजात हैं।