प्रशासन ने चुनाव के लिए कसी कमर, मतदाताओं को भी निभाना होगा फर्ज
लोकसभा चुनाव की तारीख हालांकि अभी घोषित नहीं की गई है, लेकिन जिला प्रशासन ने कमर कस ली है।
मुरादाबाद । लोकसभा चुनाव की तारीख हालांकि अभी घोषित नहीं की गई है, लेकिन रामपुर जिला प्रशासन इसको लेकर अभी से चुस्त दुरुस्त नजर आने लगा है। वहीं सियासी दलों में सरगर्मियां तेज हो गई हैं। प्रशासन ने अपनी ओर से तैयारियों को गति प्रदान कर दी है। बीएलओ को कार्य पूरा करने के निर्देश बीएलओ को अपना कार्य पूर्ण करने के निर्देश दिए गए हैं। सुपरवाइजर और लेखपालों से मतदान केंद्रों की स्थिति के विषय में जानकारियां इकट्ठी की जा रही हैं। साथ ही 25 जनवरी को मतदाता दिवस पर 18 वर्ष की आयु पूर्ण कर चुके नए मतदाताओं का नाम मतदाता सूची में दर्ज करने, मतदेय स्थलों पर बिजली, पानी, संचार की सुविधाओं तथा वैकल्पिक सुविधाओं के संबंध में संपूर्ण जानकारी के साथ ही मतदान केंद्रों के फोटोग्राफ उपलब्ध कराने के निर्देश जिलाधिकारी द्वारा दिए गए हैं। आज है मतदाता दिवस 25 जनवरी को राष्ट्रीय मतदाता दिवस है। हर चुनाव के बाद अक्सर वो¨टग के कम प्रतिशत का दुखड़ा रोया जाता है। वास्तविकता यह है कि राजनीतिक दलों की जीत-हार इस प्रतिशत पर ही निर्भर करती है। लगभग प्रत्येक चुनाव में इसका प्रभाव देखने को मिलता है। आज की तारीख में नोटा के बटन ने भी सियासी दलों की नींद हराम कर रखी हैं। हाल ही में मध्य प्रदेश में जिस तरह अप्रसन्न जनता जनार्दन ने नोटा का प्रयोग किया था, उससे जो परिणाम सामने आए, उससे खासकर भाजपा की हालत खराब है। इतने मतदाता है जिले में जनपद की बात करें तो यहां पुरुष मतदाताओं की संख्या 8,72,084 तथा महिला मतदाताओं की संख्या 7,44,900 रही थी। पिछले चुनाव में 5,26,970 पुरुष तथा 4,29,419 महिला मतदाताओं ने मतदान किया था। इस बार के लोकसभा चुनाव के लिए हुए पुनरीक्षण के बाद जनपद में 28 हजार मतदाता और बढ़ गए हैं। इन मतदाताओं में 14 हजार युवा वोटर्स की संख्या हैं। दो माह के अभियान में 28 हजार नए मतदाताओं को सम्मिलित किया गया है। चुनाव शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हो, इसके के लिए जनपद को कुल 140 सेक्टर्स में विभाजित किया गया है। बीस जोन बनाए गए हैं। सेक्टर व जोन बनाए जाने के बाद मजिस्ट्रेटों की तैनाती पर भी कार्य किया जा रहा है। जिलाधिकारी महेंद्र बहादुर ¨सह ने जर्जर बूथों को बदलने पर भी विचार करना शुरू कर दिया है। जिलाधिकारी द्वारा अधिकारियों को संवेदनशील और अतिसंवेदनशील बूथों का सर्वे करने के निर्देश दिए गए हैं।