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Accident in Moradabad : ज्ञानपुर गांव में एक साथ पहुंचे चार लोगों के शव, हर शख्‍स की आंखों में आंसू

Accident in Moradabad मृतकों के स्वजन को सांत्वना देने वालों की भीड़ उमड़ पड़ी। परिवार वालों का रोना देखकर हर आंख नम हो गई। चार मौतों की वजह से तमाम घरों के चूल्हे भी नहीं जले। देर शाम गमगीन माहौल में चारों शवों का अंतिम संस्कार कर दिया गया।

By Narendra KumarEdited By: Published: Mon, 29 Nov 2021 07:47 AM (IST)Updated: Mon, 29 Nov 2021 07:47 AM (IST)
Accident in Moradabad : ज्ञानपुर गांव में एक साथ पहुंचे चार लोगों के शव, हर शख्‍स की आंखों में आंसू
एक ही गांव में चार मौतें होने से पसरा सन्नाटा।

मुरादाबाद, जागरण संवाददाता। Accident in Moradabad : रविवार का दिन मझोला के गांव ज्ञानपुर निवासियों के लिए दुखद रहा। एक ही परिवार के तीन लोगों समेत चार की मौत से पूरे गांव में मातम पसर गया। हर शख्स की आंख में आंसू थे। शाम को जैसे ही शव गांव पहुंचे मृतकों के स्वजन को सांत्वना देने वालों की भीड़ उमड़ पड़ी। परिवार वालों का रोना देखकर हर आंख नम हो गई। चार मौतों की वजह से तमाम घरों के चूल्हे भी नहीं जले। देर शाम गमगीन माहौल में चारों शवों का अंतिम संस्कार कर दिया गया।

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थाना पाकबड़ा क्षेत्र में रविवार सुबह करीब 11 बजे सड़क हादसे में रिटायर्ड कांस्टेबल पवन कुमार, उनकी पत्नी सुशीला और पौत्री अनवी की मौत होने की खबर मिलते ही गांव में मातम पसर गया था। इसके बाद खबर आई कि हकीमपुर और सलेमपुर के बीच ट्रेन की चपेट में आकर इसी गांव निवासी 24 वर्षीय दीपक की भी मौत हो गई है। देर शाम पोस्टमार्टम के बाद पाकबड़ा पुलिस ने चारों शव उनके परिवार वालों को सौंप दिए। सूचना मिलते ही उनके स्‍वजन में भी मातम छा गया। रिश्तेदारों ने पहुंचकर उनके घर वालों को ढांढस बंधाया।

पवन ने आठ महीने पूर्व लिया था वीआरएस : सेवानिवृत्त हेड कांस्टेबल पवन कुमार ने आठ महीने पहले पुलिस विभाग से रिटायरमेंट ले लिया था। उसके बाद से घर पर परिवार के साथ रहते थे। पवन कुमार के परिवार में दो पुत्र गौतम व भूपेंद्र चौधरी और पुत्री चंचल हैं। वह इन दिनों सबके साथ खुश थे। अक्सर रिश्तेदारी में जाते रहते थे। बेटों को समय नहीं मिलता था तो वह खुद ही शादी समारोह में बच्चों को लेकर चले जाते थे। वीआरएस लेते समय पवन कुमार की तैनाती गाजियाबाद में थी, उनके बड़े पुत्र गौतम चौधरी अधिवक्ता हैं जबकि छोटा भूपेंद्र सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहा है। परिवार में इकलौती बेटी चंचल है। गौतम चौधरी के परिवार में पत्नी प्रियंका के अलावा एक बेटा और एक बेटी है। अनवी चौधरी परिवार में सभी की लाडली थी। पलक झपकते ही उसकी हर फरमाइश पूरी कर दी जाती थी। दादी और दादा तो उसे हमेशा अपने सीने से लगाए रहते थे। किसी को क्या पता था कि वह दादा-दादी को इतना प्यार करती है कि अंतिम यात्रा में भी उनके साथ ही जाएगी।

सुशीला की जाने की नहीं थी इच्छा : सेवानिवृत्त हेड कांस्टेबल पवन कुमार की पत्नी सुशीला देवी शादी में जाने के लिए मना कर रहीं थीं। बेटों ने कहा कि मां तुम कही नहीं जातीं। पापा के साथ यहां चली जाओ। ये बात बिलखते हुए बेटे गौतम चौधरी ने बताई। गौतम ने कहा कि मेरी मां सुशीला देवी शादी में जाने के लिए मना कर रहीं थी कि मेरा मन नहीं है। मैंने ही उन्हें जिद करके भेजा था। गौतम ने कहा मुझे पता होता कि मेरी मां को मौत खींच कर ले जा रही है, ताे मैं किसी को नहीं जाने देता।


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