पुलिस कप्तान के एक कदम से सीतापुर कांड में कैसे आया नया मोड़, जानिए पूरा मामला Moradabad News
पुलिस प्रशिक्षण पाठ्यक्रम में शामिल हो सकता है सीतापुर कांड। पुलिस अकादमी के एडीजी ने मांगा सीतापुर कांड का ब्योरा।
मुरादाबाद(श्रीशचंद्र मिश्र)। उत्तर प्रदेश का बहुचर्चित सीतापुर कांड पुलिस के लिए नजीर बन गया है। सोनभद्र में तैनात आइपीएस प्रभाकर चौधरी ने घटना से पार पाने की कोशिश की, वह महकमे में कौतूहल बन गए हैं। उच्चाधिकारियों तक ने माना कि पुलिस अफसरों के प्रशिक्षण की दृष्टि से घटना महत्वपूर्ण है। यही कारण है कि पुलिस अकादमी के एडीजी राजीव कृष्ण ने घटना से संबंधित रिपोर्ट में दिलचस्पी दिखाते हुए प्रकरण की फाइल तलब की है। इसके बाद माना जा रहा है कि इसे पुलिस प्रशिक्षण के पाठ्यक्रम में शामिल किया जा सकता है।
क्या है सीतापुर कांड
सीतापुर क्लब पर कब्जे को लेकर जिला प्रशासन व क्लब अध्यक्ष के बीच विवाद था। 31 अक्टूबर 2018 को प्रशासनिक अमला क्लब भवन गिराने पहुंचा था। क्लब अध्यक्ष ओमप्रकाश गुप्ता व उनके वकील साथियों ने इसका विरोध किया। तब पुलिसकर्मियों ने क्लब अध्यक्ष से अभद्रता की। मामला बढऩे पर क्लब अध्यक्ष व उनके एक साथी को हिरासत में ले लिया गया। जब यह बात बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों को पता चली तब तक अध्यक्ष हरीश त्रिपाठी की अगुवाई में वकील कोतवाली पहुंच गए। वकीलों ने क्लब अध्यक्ष व उनके साथी को छुड़ा लिया और डीएम शीतल वर्मा को ज्ञापन देने पहुंच गए। डीएम ने मिलने से इन्कार कर दिया। इससे वकीलों का गुस्सा भड़क गया। उसी दिन देर शाम एसपी प्रभाकर चौधरी जिला जज से मिलने उनके चैंबर पहुंचे थे। यह बात वकीलों को पता चल गई। सैकड़ों वकील जिला जज के चैंबर में पहुंचे। चैंबर में घुसने की कोशिश करने लगे। तब एसपी के पीआरओ ने वकीलों को रोकने की कोशिश की। इस पर वकीलों ने पीआरओ की जूतों से पिटाई की। यह पूरा मामला वीडियो में कैद हो गया। वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ तो पुलिस महकमे में सन्नाटा छा गया।
आक्रोश के अंदेशे को भांपकर उठाया कदम
वीडियो वायरल होने के कुछ ही देर बाद एसपी प्रभाकर चौधरी ने आरोपितों की गिरफ्तारी का आदेश दे दिया। अधिकांश आरोपितों की गिरफ्तारी हो गई। शेष ने कोर्ट में सरेंडर कर दिया। आरोपित वकीलों पर कानूनी कार्रवाई करते वक्त एसपी को यह अंदेशा था कि उनके आक्रोश की आग पूरे प्रदेश में फैलेगी। ऐसे में उन्होंने तत्काल हाइकोर्ट से संपर्क साधा। हाइकोर्ट ने प्रदेश में वकीलों के किसी भी प्रकार के प्रदर्शन पर प्रतिबंध लगा दिया। मामले में हाइकोर्ट के सीधे दखल से वकील बैकफुट पर आ गए। इससे पुलिस को बड़ी राहत मिली।
घटना महत्वपूर्ण है
एडीजी/निदेशक डा. भीमराव आंबेडकर पुलिस अकादमी राजीव कृष्ण ने कहा कि डॉ. भीमराव आंबेडकर पुलिस अकादमी में दारोगा ही नहीं बल्कि पीपीएस और आइपीएस अफसरों तक का प्रशिक्षण होता है। अफसरों के प्रशिक्षण के लिहाज से घटना महत्वपूर्ण है। संबंधित अधिकारी से घटना की रिपोर्ट मांगी गई है।