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मुरादाबाद के ताजिये में लगी अाग से झुलसे 50 लोग, न्यायिक जांच के आदेश

मुरादाबाद के जयंतीपुर से कर्बला जाते समय ताजिया हाइटेंशन लाइन के संपर्क में आने से जल गया। ताजिये में करंट आने और आग लगने से करीब 25 लोग झुलस गए। सभी को अस्पताल में भर्ती कराया गया।

By RashidEdited By: Published: Sat, 22 Sep 2018 12:42 AM (IST)Updated: Sun, 23 Sep 2018 07:06 PM (IST)
मुरादाबाद के ताजिये में लगी अाग से झुलसे 50 लोग, न्यायिक जांच के आदेश
मुरादाबाद के ताजिये में लगी अाग से झुलसे 50 लोग, न्यायिक जांच के आदेश

मुरादाबाद : जयंतीपुर से कर्बला जाते समय हाइटेंशन लाइन के संपर्क में आने से ताजिये में आग लग गई। ताजिये में करंट आने से करीब 50 लोग झुलस गए, जिसमें पांच की हालत गंभीर बनी हुई है। घटना से इलाके में अफरा-तफरी मच गई। झुलसे 36 लोगों को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। कई लोगों को निजी अस्पताल में भी भर्ती किया गया है। एक साथ इतनी संख्या में झुलसे लोगों के पहुंचने पर अस्पताल में व्यवस्थाओं की पोख खुल गई। पुलिस और प्रशासनिक अफसर भी अस्पताल पहुंचे।

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घटना मझोला के मंडी रोड पर सैनी सीमेंट स्टोर के पास हुई है। मुहर्रम के 10वें दिन क्षेत्र के गांव जयंतीपुर के लोग ताजिया लेकर कटघर के करुला स्थित कर्बला जा रहे थे। ताजिये की ऊंचाई करीब 16 फीट थी। जिस रास्ते से ताजिया लेकर गुजरा जा रहा था, वहां हाइटेंशन बिजली की लाइन थी। वहीं, ताजिये के ऊपर लाउडस्पीकर भी रखा हुआ था। शुक्रवार रात करीब 10.45 बजे जब अजादार ताजिया लेकर लाइन के नीचे से निकले, तो करंट ताजिया में उतर गया। तेज धमाके के साथ ताजिये में करंट दौड़ा और आग लग गई। ताजिये के आसपास चल रहे अजादार करंट लगने के बाद चीखने-चिल्लाने लगे। करंट से 25 युवक झुलस गए। घटना से मौके पर हड़कंप मच गया। अफरा-तफरी के माहौल में सभी झुलसे लोगों को एंबुलेंस में डालकर जिला अस्पताल में ले जाया गया। सभी को बर्न वार्ड में भर्ती कराया गया है। सीओ सिटी पूनम सिरोही और सीओ एलआइयू सुनीता दहिया ने मौके पर पहुंच कर मरीजों को भर्ती कराने का बंदोबस्त कराया। 

करंट से बचने का नहीं मिला समय 

मंडी रोड पर सड़क ऊंचाई पर थी। 16 फीट के ताजिये में करंट दौड़ा तो किसी को बचने का समय और सहारा तक नहीं मिल पाया। ताजिये को पकड़कर चल रहे अजादार करंट की चपेट में अपनी जगह से हिल तक नहीं सके। इस दौरान स्पार्किंग के बाद आग के शोले नीचे गिरे और देखते-देखते जलता ताजिया नीचे आ गिरा। यह देखकर मंजर और भी भयावह हो गया था। ज्यादातर अजादार ताजिये की आग के नीचे गिरने से झुलसे हैं। पूरे इलाके में अफरातफरी मच गई। करंट को देखकर आसपास के लोग भी बचाने की हिम्मत नहीं जुटा पाए।

प्रत्यक्षदर्शियों की जुबानी

प्रत्यक्षदर्शी इरशाद और मोहम्मद कासिम ने बताया कि ताजिया जैसे ही हाइटेंशन लाइन से टकराया। अचानक ही ताजिये में भयंकर आग लग गई। जब तक अजादार करंट की चपेट में जकड़े हुए थे। उन्हें भागने का मौका तक नहीं मिला। इतने ही समय में ताजिया जल कर अजादारों के ऊपर गिरने से बड़ी संख्या में लोग झुलस गए। आग बुझने के बाद ही आसपास की भीड़ ने हिम्मत दिखाते हुए लोगों को बचाया। उसके बाद एंबुलेंस को सूचना दी गई। बताया जाता है कि काफी देरी बाद एंबुलेंस मौके पर पहुंची, तब तक बड़ी संख्या में लोग सड़क पर पड़े हुए तड़प रहे थे। समय पर एंबुलेंस नहीं मिलने के कारण लोगों ने हंगामा कर दिया था। झुलसी अवस्था में कुछ अजादार को उनके परिजन उठाकर निजी अस्पताल में ले गए। करीब दस लोगों को आनन- फानन में निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जबकि 25 के करीब मरीजों को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। 

मरीजों की संख्या बढ़ी तो खुला नया बर्न वार्ड 

ताजिये में झुलसकर जिला अस्पताल पहुंचे मरीजों की संख्या बढ़ने से बर्न वार्ड भर गया था। इमरजेंसी के सभी बेड तक भर गए थे। ऐसे में तत्काल नया बर्न वार्ड खोला गया, जिला अस्पताल से घर पर चले गए डाक्टरों को भी आनन-फानन में बुलाया गया। इमरजेंसी में उपचार देने के बाद सभी को झुलसी अवस्था में बर्न वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया। सीओ पूनम सिरोही ने बताया कि पुलिस बल की ओर से झुलसे लोगों के लिए बंदोबस्त कराए जा रहे है। बर्न वार्ड में पंखे चला दिए गए है, ताकि झुलसे लोगों को राहत मिल सके। 

 तड़पते रहे अजादार, बेबस देखते रहे परिजन

मंडी रोड पर हादसे के बाद का मंजर देखकर परिजन भी बेबस नजर आए। अजादार उनके सामने ही तड़पते रहे। एंबुलेंस कॉल करने के बाद भी करीब तीस मिनट की देरी से पहुंची, जब तक झुलसे अजादार सड़क पर लेट गए थे। आग की तपिश उनके शरीर में दौड़ रही थी। लगातार बिजली आपूर्ति बंद करने के लिए कॉल की गई। उसके बावजूद भी काफी देरी बाद बिजली आपूर्ति बंद की गई। ताजिये के मालिक मेहंदी हसन उर्फ कल्लू ने बताया कि उसके परिवार के लोगों ने पहले से ही हादसे को देखकर ताजिया 16 फीट का बनाया था, उसके बावजूद भी हादसा हो गया। 

रात को पहुंचे अफसर 

हादसे की सूचना सोशल साइट्स पर वीडियो बनाकर अपलोड कर दी गई। बिजली विभाग से लेकर प्रशासनिक अफसरों तक को कॉल की गई। सबसे पहले सीओ कोतवाली पूनम सिरोही पुलिस बल के साथ पहुंची। उसके बावजूद प्रशासन और बिजली विभाग का कोई अफसर मौके पर नहीं पहुंचा। लोगों में प्रशासनिक और बिजली विभाग के अफसरों के प्रति गुस्सा है। रात को जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह, एसएसपी जे रविन्दर गौड मौके पर पहुंचे। एडीएम सिटी राजेंद्र सिंह सेंगर को मौके पर जयंतीपुर भेजा। 

एक दूसरे को बचाने के चक्कर में झुलसे 

ताजिये में शामिल 35 लोग झुलस गए, जो अस्पताल के बर्न वार्ड में तड़प रहे हैं, उन्हें उपचार दिया जा रहा है। लेकिन अभी भी बैचेन हैं। इसरार की मां जुबेदा का कहना है कि बेटे को पहले ही घर से चलने से पहले रोका था। शानू और जुबैर दोनों भाई भी पूरी तरह से झुलस गए हैं। उनका कहना है कि शानू को बचाने के चक्कर में जुबैर भी झुलस गया है। पर सवाल यह है कि इस हादसे का जिम्मेदार कौन है? क्या ताजिया लाने से पहले रूट का निरीक्षण नहीं किया गया था, जहां पर हादसा हुआ है, वहां पर सड़क पर मिट्टी पड़ने से उसकी ऊंचाई काफी हो गई थी। ताजिये से आगे चल रहे अजादार ने भी इस ओर ध्यान नहीं दिया है। 

मदद में आड़े नहीं आया मजहब

जयंतीपुर में मेहंदी हसन उर्फ कल्लू के ताजिये में हाइटेंशन करंट से आग लगने के बाद हर कोई मदद के लिए दौड़ पड़ा। मजहब भी मदद में आड़े नहीं आया। मंडी रोड पर सैनी सीमेंट स्टोर के पास हाइटेंशन करंट से ताजिया में आग लगते ही चीख पुकार मच गई। ढोलों और मातमी धुनों के बीच आसपास में रहने वाले ङ्क्षहदू समाज के लोग भी जाग रहे थे। मजहब की दीवार तोड़कर सभी आग से झुलसे हजरत इमाम हुसैन के दीवानों की जान बचाने के लिए दौड़ पड़े। झुलसने वालों में ज्यादातर युवा ही हैं। चश्मदीद यासीन ने बताया कि पुलिस की सूचना के बाद भी कोई एंबुलेंस नहीं पहुंची। लोग बाइकों से ही आग से झुलसे युवाओं को लेकर जिला अस्पताल पहुंच गए। करीब आधा घंटे बाद एम्बुलेंस पहुंची तो चंद लोग ही वहां रह गए थे। इरफान का कहना था कि आग से झुलसे लोगों को अस्पताल तक लाने में ङ्क्षहदू समाज के लिए लोगों ने भी मदद की है। 

खुल गई अस्पताल के सिस्टम की पोल

- जयंतीपुर हादसे में झुलसे लोग जिला अस्पताल पहुंचे तो वहां ठीक से इलाज का इंतजाम नहीं था। इमरजेंसी से स्पेशल वार्ड में शिफ्ट किया तो ताजिये से झुलसे लोग खुद ही बोतल हाथ में थाम कर चल दिए। स्टेचर तक का अस्पताल में इंतजाम नहीं था। एक बेड पर दो-दो मरीजों को लिटा दिया गया।  

चीखता रहा कंट्रोल रूम

- जयंतीपुर हादसे की सूचना मिलते ही एसएसपी ने आसपास के थाना प्रभारियों को मौके और जिला अस्पताल पहुंचने के आदेश जारी कर दिया। कंट्रोल रूम ने थाना प्रभारियों की लोकेशन लेकर बुलाना शुरू किया तो कई बोले ही नहीं। 

शहर में कोहराम, सोता रहा बिजली विभाग 

करंट की चपेट में आने की सूचना पूरे शहर में आग की तरह फैल गई। आस-पास के लोग, रिश्तेदार और परिजन हाल जानने को जिला अस्पताल में बेचैन दिखे लेकिन जिनके कंधों पर मुहर्रम को शांतिपूर्ण निपटाने की जिम्मेदारी थी। वह सोते रहे। आलम यह रहा कि घटना के बाद भी बिजली विभाग के आला अधिकारी और कर्मचारी न मौके पर पहुंचे और न ही जिला अस्पताल पहुंचने की हिम्मत की। परिजन चीख चीख कर बिजली विभाग को कोसते रहे।

बिजली लाइनों में सुधार का दावा हवाई

-बिजली विभाग के आला अधिकारी मुहर्रम को लेकर बिजली लाइनों में सुधार के दावे करते रहे। जिलाधिकारी के निर्देश पर सारी व्यवस्था चाक चौबंद बताते रहे। हादसे ने विभाग के सारे दावों की पोल खोल दी। घटना के बाद बिजली विभाग जिम्मेदारी लेने की बजाय ट्रांसमिशन की लाइन होने का हवाला दे अपना पल्ला झाड़ता रहा। पीड़ितों के परिजन ने बताया कि पास के बिजली कर्मियों से बताया कि वह ट्रांसमिशन की लाइन है। उसकी जिम्मेदारी हमारी नहीं है। ऐसे में विभाग की संजीदगी का अंदाजा लगाया जा सकता है। 

बजती रही घंटी, नहीं उठा फोन 

सूबे के सीएम योगी आदित्यनाथ अफसरों को जनता के फोन उठाने में लापरवाही न बरतने के निर्देश दे रहे है। लापरवाही पर कार्रवाई की चेतावनी के बाद भी बिजली विभाग के अफसर बेखौफ है। इतनी बड़ी घटना के बाद भी बिजली अफसरों ने फोन उठाना मुनासिब नहीं समझा। अफसर अपने-अपने घरों पर आराम से सोते रहे, पीड़ित चीखते रहे, परिजन बिलखते रहे।

पुलिस ने पहुंचाई तत्काल मददः एसएसपी

एसएसपी जे रविन्दर गौड ने बताया कि हादसे की सूचना मिलने के बाद सीओ कोतवाली और सीओ एलआइयू को टीम के साथ घटना स्थल पर भेजा गया है। अस्पताल में झुलसे लोगों को उपचार दिलाने के लिए पुलिस को व्यवस्था बनाने के आदेश दिए गए। साथ ही घायलों को पुलिस की मदद से अस्पताल तक पहुंचाया गया है। यदि किसी पक्ष की ओर से मामले की तहरीर दी गई तो रिपोर्ट दर्ज करा दी जाएगी। 

ताजिया में लगी आग की होगी मजिस्टे्रटियल जांच

 मझोला के जयंतीपुर में शुक्रवार की रात मुर्हरम के जुलूस के दौरान ताजिया में करंट उतरने पर जिलाधिकारी ने मजिस्टे्रटियल जांच बैठा दी है। अपर जिलाधिकारी नगर राजेंद्र सिंह सेंगर करेंगे। हाईटेंशन से टकराने के कारण तेज आवाज के साथ आग लग गई थी। प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए जिलाधिकारी ने पूरे प्रकरण की मजिस्ट्रेटियल जांच के लिए अपर जिलाधिकारी नगर को नामित किया है। डीएम ने बताया कि एडीएम सिटी गहनता पूर्वक जांच कर अपनी स्पष्ट आख्या एक पखवाड़े के अंदर प्रस्तुत करेगें। ऐसे हादसे नहीं हो। इसके सुझाव एवं उपाय भी बताएंगे।है। इस बीच शिनवार को झुलसे बीस ताजिएदारों को अस्पताल से छुट्टी दी गई  

आसमान से आग गिरी तो लगा कि अब कोई नहीं बचेगा 

मझोला के मंडी रोड पर सैनी सीमेंट स्टोर के पास हाईटेंशन लाइन की चपेट में आने से ताजिये में करंट दौड़ गया। शुक्रवार को दस मुहर्रम को क्षेत्र के गांव जयंतीपुर के लोग ताजिया लेकर कटघर के करुला स्थित कर्बला जा रहे थे। सोलह फीट ऊंचा ताजिया परंपरागत रास्ते के ऊपर से गुजर रही हाईटेंशन बिजली लाइन से टकरा गया। आग लगने से ताजिया नीचे गिर गया और कई ताजिएदार आग की चपेट में आ गए। 

हर कोई जान बचाने की जद्दोजहद में था

अस्पताल में भर्ती नवी हसन, भोला, नाजिम ने बताया कि आसमान से अचानक ही आग की लपटे ऊपर गिर गई थी। ऐसा लग रहा था कि अब नहीं बच पाएंगे। ऊपर से बिजली के करंट ने दोहरी मार दे डाली। आग की लपटे नीचे आने तक कम हो गई थीं। वरना कोई बच नहीं पाता। उस समय लोगों में ऐसी भगदड़ मची कि हर कोई अपनी जान बचाने की जद्दोजहद में था।  


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