ईंट भट्ठे पर काम करते थे 50 बाल मजदूर, पुलिस ने छुड़ाया Rampur News
एसडीएम ने बताया कि बाल श्रम कानून ते तहत कार्रवाई की जाएगी। 14 वर्ष से कम उम्र होने पर बड़ा जुर्माना लगाया जाएगा। भट्ठा मालिकों पर रिपोर्ट भी दर्ज कराई जाएगी।
रामपुर। टांडा क्षेत्र में शनिवार को उपजिलाधिकारी ने ईंट भट्ठों पर छापा मारा तो 50 बाल मजदूर काम करते मिले। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
यह है पूरा मामला
टांडा के एसडीएम गौरव कुमार ने शनिवार को सैदनगर क्षेत्र के तीन ईंट भट्ठों पर छापेमरी की। यहां 14 वर्ष से कम उम्र के 50 बच्चे मजदूरी करते पाए गए। एसडीएम ने तुरंत बाल श्रम विभाग के अफसरों को मौके पर बुलाया। बच्चों को मेडिकल के लिए जिला अस्पताल भेजा।
तह तक जाने में जुटी पुलिस
एक साथ इतने बाल श्रमिक मिलने से जिले के आला अधिकारी भी स्तब्ध हंै। आसपास के लोग भी इस बात से अनजान थे कि भट्ठे पर इतनी संख्या में बाल मजदूर काम कर रहे हैं, यही वजह है कि पुलिस को इसकी भनक तक नहीं लगी।
शामिल हो सकते हैं कई लोग
आम तौर पर ईंट भट्ठों पर ठेके पर मजदूर रखे जाते हैं। भट्ठे पर मजदूरों को उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी ठेकेदार की ही होती है। वे इसके लिए मालिक से एक मुश्त रकम भी ले लेते हैं। ऐसे में सवाल यह उठता है कि क्या ठेकेदार ने बाल श्रमिकों की उम्र छिपाई या फिर भट्ठा मालिक को इसकी जानकारी दी।
ठेकेदार करते हैं कई तरह के खेल
इससे पूर्व मंडल में भट्ठों पर मजदूर उपलब्ध कराने वाले ठेकेदारों के कई तरह के खेल सामने आ चुके हंै। मसलन वे मालिक से एक मुश्त पैसा लेकर मजदूरों को ले आते हैं। इसके बाद इन्हीं मजदूरों में से कुछ को ज्यादा पैसे का लालच देकर पुलिस को फोन भी करा देते हैं। पुलिस को जानकारी दी जाती है कि भट्ठे पर मजदूरों को बंधक बनाकर कार्य कराया जाता है। इसके लिए पुलिस मौके पर पहुंचकर मजदूरों को छुड़ा लेती है। इसके बाद ठेकेदार मालिक को रुपये भी वापस नहीं करता है।