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एमडीए की समन योजना की 40 फाइलें अफसरों के दफ्तर में फंसी

मधुबनी कालोनी के डॉक्टरों और ज्वैलर्स को उम्मीद थी कि समन योजना में उनका नक्शा नियमित हो जाएगा। एमडीए के नियमों को तोड़कर जो घर को कमिर्शियल बना दिया है वह कंपाउंडिंग होने के बाद नियमित हो जाएगा।

By Abhishek PandeyEdited By: Published: Sat, 31 Oct 2020 10:15 AM (IST)Updated: Sat, 31 Oct 2020 10:15 AM (IST)
एमडीए की समन योजना की 40 फाइलें अफसरों के दफ्तर में फंसी
एमडीए की समन योजना की 40 फाइलें अफसरों के दफ्तर में फंसी

मुरादाबाद, जेएनएन। मधुबनी कालोनी के डॉक्टरों और ज्वैलर्स को उम्मीद थी कि समन योजना में उनका नक्शा नियमित हो जाएगा। एमडीए के नियमों को तोड़कर जो घर को कमिर्शियल बना दिया है, वह कंपाउंडिंग होने के बाद नियमित हो जाएगा। कई उद्योगपति भी अपनी फैक्ट्रियों को नियमित कराने के लिए फाइल तैयार करा रहे थे। लेकिन, समन योजना पर स्टे हो जाने की वजह नक्शे से इतर बने भवनों की फाइले अफसरों के दफ्तर में फंस गई हैं। हाई कोर्ट के फैसले के बाद ही इस मामले में आगे कोई कार्रवाई हो पाएगी।

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मुरादाबाद विकास प्राधिकरण क्षेत्र में नक्शे से इतर मकान बनाने वालों में खुशी थी। एमडीए के शमन शुल्क योजना से उन्हें चार गुना फायदा होने वाला था। कंपाउंड कराने के लिए उन्हें पैनल्टी भी कम देनी पड़ती और नक्शा पास होने के बाद उनका भवन भी वैध हो जाता। शहरी क्षेत्र में अनाधिकृत निर्माण को नियमितीकरण करने के लिए 15 जुलाई से शमन योजना शुरू हुई थी। 21 जनवरी तक इस योजना का लोग लाभ उठाने को एमडीए प्रचार-प्रसार करा रहा था। लेकिन, इस योजना पर ही हाईकोर्ट ने स्टे कर दिया। एमडीए के सचिव सर्वेश कुमार गुप्ता ने बताया कि समन योजना के तहत करीब 40 फाइलें आईं थी। इनमें मधुबनी के ही कई मामले थे। इसके अलावा रामगंगा विहार के भी कुछ मामले हैं। इसके अलावा शहर के अन्य स्थानों से भी समन योजना के लिए आवेदन आए हैं। लेकिन, अभी कार्रवाई को रोक दिया गया है। 18 अक्टूबर को इस मामले में हाईकोर्ट में सुनवाई होनी है। हाईकोर्ट ने इस मामले में सुनवाई को अगली तारीख लगा दी। लेकिन, अभी तक कोई फैसला नहीं हो पाया है।

सबको मिलेगा समन योजना से फायदा

-300 वर्ग मीटर चक के कोने के भूखंडों में फ्रंट, सैट-बैक के अनुरूप साइड सेट-बैक के कुल क्षेत्रफल का अधिकतम 50 फीसद से अधिक निर्माण समनीय रखा गया था। निर्मित क्षेत्र एंव उसके बाहर के भूखंडीय विकास के अंतर्गत 300 वर्ग मीटर क्षेत्रफल तक के भूखंडों पर निर्मित सभी उपयोगों के ‌भवनों के भूखंड के कुल क्षेत्रफल का 20 फीसद अतिरिक्त भू-अच्छादन इस प्रतिबंध के साथ शमनीय श्रेणी में रखा गया था। इससे बड़े क्षेत्रफल के भूखंडों में फ्रंट सेट-बैक के कुल क्षेत्रफल का अधिकतम 25 फीसद, पीछे से सेट-बैक में अधिकतम 75 फीसद और साइड सेट-बैक में अधिकतम 25 फीसद अतिरिक्त निर्माण इस शर्त के साथ शमनीय माना गया था। इसके अलावा भूखंड के कुल क्षेत्रफल का अधिकतम 20 फीसद अतिरिक्त भू-आच्छादन शमनीय रखना था। 


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