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35 साल के संघर्ष को मिली मंजिल, बनेगा एफओबी

गोविंद नगर फुटओवरब्रिज को रेलवे मंत्रालय ने स्वीकृति। वर्षो लग गए यहां तक पहुंचने में।

By JagranEdited By: Published: Thu, 26 Jul 2018 12:10 PM (IST)Updated: Thu, 26 Jul 2018 12:10 PM (IST)
35 साल के संघर्ष को मिली मंजिल, बनेगा एफओबी
35 साल के संघर्ष को मिली मंजिल, बनेगा एफओबी

मुरादाबाद (जेएनएन) : गोविंदनगर वासियों की फुटओवर ब्रिज (एफओबी) को लेकर 35 सालों का संघर्ष रंग लाया। रेलवे बोर्ड से स्वीकृति की जानकारी मिलते ही क्षेत्रवासियों के चेहरे खिल उठे। फुट ओवर ब्रिज को लेकर पहला आदोलन 1987 में शुरू हुआ था। तब यहां की आबादी दो हजार थी। वर्तमान में 20 हजार है। यह आबादी अभी तक रेलवे टै्रक से होकर गुजरती आ रही है। स्कूली बच्चे ट्रैक पर ट्रेन खड़ी होने से उसके नीचे से जान जोखिम में डालकर स्कूल व घर पहुंचते हैं।

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काफी पुरानी है मांग

अनेकों बार डीआरएम डीएम, मंडलायुक्त, नगर निगम कार्यालय में धरना-प्रदर्शन से लेकर शासन तक लिखा पढ़ी हुई थी। लेकिन रेलवे ने अपनी जमीन पर नगर निगम को फुट ओवरब्रिज नहीं बनाने दिया जबकि एक दशक पहले नगर निगम बोर्ड में फुट ओवरब्रिज बनाने का प्रस्ताव स्वीकृत हो चुका है। तीन साल पहले सांसद सर्वेश सिंह ने पुल निर्माण को रेल राज्य मंत्री से स्वीकृति दिलाई लेकिन इन तीन सालों में रेलवे व नगर निगम के बीच कई मुद्दों को लेकर सहमति नहीं बनी। अब सभी बाधाएं दूर होने के बाद रेलवे फुट ओवरब्रिज बनाएगा।

नगर निगम देगा पांच करोड़ रुपये

नगर निगम रेलवे को पांच करोड़ रुपये देगा। एक दशक पहले नगर निगम ने इस पुल के लिए तीन करोड़ रुपये सुरक्षित रखे थे लेकिन महंगाई को देखते हुए अब इसकी कीमत बढ़ाकर पांच करोड़ रुपये कर दी गई है। रेलवे की ओर से जब पैसे की डिमांड की जाएगी तभी नगर निगम यह पैसा हस्तांतरित कर देगा। शीघ्र ही अवस्थापना की बैठक होने वाली है, जिसमें पांच करोड़ रुपये अवस्थापना से दिलाने को मंजूरी मिलनी है। रेलवे जमीन पर पुल बनाने की एवज में नगर निगम ने 3000 वर्ग मीटर जमीन भदौड़ा में रेलवे ट्रैक के किनारे दी है। रेलवे अपनी जमीन पर फुट ओवर ब्रिज बनाने को जमीन व पुल निर्माण की कीमत मिलने के बाद ही तैयार हुआ है।

अब तक फुट ओवरब्रिज में आई बाधाएं

दस साल पहले गोविंद नगर में नगर निगम ने फुट ओवरब्रिज बनाने की पेशकश को ठुकराया। आठ साल पहले टै्रक पर घटनाएं होने से रेलवे ने गोविंदनगर रेल लाइन पर बेरीकेडिंग लगाई, जिसका विरोध हुआ। तीन साल पहले गृह रेल राज्य मंत्री से स्वीकृति के बाद रेलवे ने पुल की लागत से अलग छह करोड़ रुपये जमीन की कीमत मांगी। तीन साल पहले ही नगर निगम जमीन की कीमत देने से किया इन्कार। दो साल पहले डीएम, मंडलायुक्त व डीआरएम के बीच बातचीत के बाद जमीन के बदले जमीन देने पर सहमति। जमीन हस्तांतरण में रेलवे व नगर निगम में देरी को लगते रहे आरोप-प्रत्यारोप। छह महीने तक जमीन हस्तांतरण की फाइल एसडीएम के यहां लटकी रही। डेढ़ साल पहले रेलवे ने नगर निगम का डिजाइन किया था निरस्त। चार महीने पहले रेलवे द्वारा तैयार डिजाइन पर नगर निगम ने लगाई थी आपत्ति। रेलवे द्वारा डिजाइन सही करने के बाद नगर निगम ने दी सहमति।

काफी समय से था प्रयास : महापौर

नगर निगम की ओर से पुल निर्माण को लेकर लंबे समय से प्रयास चल रहे थे। केंद्र सरकार ने गोविंद नगर फुट ओवरब्रिज को लेकर दिलचस्पी दिखाई है। क्षेत्र की जनता के लिए यह खुशी की बात है।

विनोद अग्रवाल, महापौर

रेलवे की डिजाइन से बनेगा पुल : नगर आयुक्त

गोविंदनगर फुट ओवरब्रिज के लिए नगर निगम पांच करोड़ रुपये देने का वादा कर चुका है। रेलवे की डिमांड आने पर यह पैसा हस्तांतरित कर दिया जाएगा। पुल रेलवे की डिजाइन के अनुसार ही बनेगा।

अवनीश कुमार शर्मा, नगर आयुक्त

स्वीकृति मिलने में लग गए वर्षो

वर्ष 1987 में गोविंद नगर अंडर पास बनाने को लेकर आंदोलन शुरू। चार अक्टूबर 1988 को रेलवे ने माना कि यहां अनमैंड रेलवे फाटक होना चाहिए। वर्ष 2003 में जन आंदोलन तेज, पांच फरवरी 2004 में रेलवे ने गोविंद नगर अंडर पास स्वीकृति दी और 88 लाख रुपये जिला प्रशासन ने मांगा। फंड के अभाव में मामला लटका, दिसंबर 09 में मंडलायुक्त के दबाव में नगर निगम व मुविप्रा ओवर ब्रिज बनाने को बजट देने को तैयार, जनवरी 10 में नगर निगम व मुविप्रा ने ओवर ब्रिज का नक्शा बनाने को आर्किटेक्ट को 20 लाख रुपए दिए। फरवरी 11 में सांसद अजहरउद्दीन ने रेल मंत्री के वार्ता की और अपने फंड से बजट उपलब्ध कराने की बात कही। जून 2014 से फिर से गोविंदनगर अंडर पास या फुट ओवर ब्रिज की मांग उठी। सांसद सर्वेश सिंह ने गोविंद नगर अंडर पास को लेकर रेल मंत्री तक वार्ता की

इन दुर्घटनाओं के कारण एफओबी की उठी थी मांग

14 अगस्त 2005 : गोविंद नगर के पास लाइन के किनारे खड़ी कार सियालदाह एक्सप्रेस से टकराई

23 जनवरी 2006 गोविंदनगर के पास मालगाड़ी से कार का पिछला हिस्सा टकराया

5 मई 2007 : महानगर के गोविंद नगर में ट्रेस पास करते घोड़ा तांगा रामनगर पैसेंजर से टकराया

8 मई 2007 : महानगर के गोविंद नगर में ट्रेस पास करते टेंपो अवध असम एक्सप्रेस के टकरायी

9 मई 2007: महानगर के गोविंद नगर में ट्रेस पास करते ट्रक लाइन में फंसा, मालगाड़ी से टक्कर होते बाल-बाल बचा

22 जुलाई 2007: महानगर के गोविंद नगर की लाइन पार करते मोटर साइकिल सवार युवक आला हजरत एक्सप्रेस से टकराया

10 सितम्बर 2007: गोविंद नगर के पास ट्रेस पास कर करते मोटर साइकिल सवार गरीब नवाज एक्सप्रेस से टकराया

20 अप्रैल 2008: महानगर के गोविन्द नगर के पास ट्रेस पासिंग करते सम्पर्क क्रांति एक्सप्रेस से कार टकरायी, महिला घायल

5 अप्रैल 2009: रेलवे लाइन पार करते एक युवक मालगाड़ी से कटा

7 अप्रैल 2010: गोविंद नगर में अवध असम एक्सप्रेस से कार टकरायी, चालक घायल

27 मई 2010: गोविंद नगर में जननायक एक्सप्रेस से मिनी ट्रक टकरायी

16 मार्च 2012: गोविंद नगर के पास ठेला सम्पर्क क्रांति से टकराया

2 जुलाई 2012: गोविंद नगर के पास रामनगर पैसेंजर से टै्रक्टर ट्राली टकरायी


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