जौहर विवि की जमीनों की लेकर आजम पर दर्ज हो चुके हैं 30 मुकदमे, जांच में उलझी पुलिस Rampur News
आजम चांसलर बन गए। इस यूनिवर्सिटी को मौलाना मोहम्मद अली जौहर ट्रस्ट चलाती है और आजम खां ट्रस्ट के अध्यक्ष भी हैं। इसकी जमीनों को लेकर पहले से विवाद है।
रामपुर(मुस्लेमीन)। मोहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी की जमीनों को लेकर सांसद आजम खां के खिलाफ 30 मुकदमे दर्ज हो चुके हैं। इन सभी मुकदमों की जांच के लिए पुलिस की स्पेशल टीम बनी है। यह टीम करीब दो माह से जांच पड़ताल में लगी है। आजम खां की बहन को थाने ले जाकर पूछताछ कर चुकी है। विधायक नसीर खां के भी बयान दर्ज किए हैं, लेकिन इसके बाद भी कोई खास जानकारी नहीं जुटा सकी है।
जौहर यूनिवर्सिटी सांसद आजम खां का ड्रीम प्रोजेक्ट है। पहले यह यूनिवर्सिटी सरकारी बनाई जा रही थी और आजम खां इसके चांसलर बनना चाहते थे। तत्कालीन मुलायम ङ्क्षसह सरकार ने साल 2005 में इसका विधेयक भी पास कर दिया, लेकिन राज्यपाल ने आजम खां को सरकारी यूनिवर्सिटी का चांसलर बनाए जाने पर आपत्ति जताते हुए विधेयक को मंजूरी नहीं दी। इसके बाद इसे प्राइवेट यूनिवर्सिटी बनाया गया।
आजम पर 26 किसानों ने कराए मुकदमे
यूनिवर्सिटी के पड़ोसी गांव आलियागंज के 26 किसानों ने आजम खां के खिलाफ अजीमनगर थाने में मुकदमे कराए हैं कि उनकी जमीन को सपा शासनकाल में जबरन यूनिवर्सिटी में मिला लिया। प्रशासन ने भी किसानों की जमीन कब्जाने का मुकदमा कराया है। इसके अलावा कस्टोडियन की जमीन को लेकर भी दो मुकदमे कराए गए हैं। इन सभी मुकदमों की विवेचना के लिए पुलिस अधीक्षक ने स्पेशल टीम बनाई है। इस टीम ने यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार को नोटिस देकर जमीनों का रिकार्ड मांगा था, लेकिन उन्होंने यह कह दिया कि सारे रिकार्ड जौहर ट्रस्ट के पास हैं। इसके बाद स्पेशल टीम ने 30 अगस्त को आजम खां की बड़ी बहन निकहत अफलाक को थाने ले जाकर पूछताछ की। वह ट्रस्ट की कोषाध्यक्ष हैं। पुलिस ने पूछताछ के बाद कहा कि उन्होने कोषाध्यक्ष होने से ही इन्कार कर दिया। हालांकि निकहत अफलाक का कहना था कि पुलिस उन्हे जबरन घर से उठाकर ले गई। वह घबरा गईं और सही जानकारी नहीं दे सकीं। इसके बाद पुलिस टीम ने आजम खां की पत्नी राज्यसभा सदस्य डॉ. तजीन फात्मा, विधायक नसीर खां, जिला सहकारी बैंक के पूर्व चेयरमैन सलीम कासिम और निकहत अफलाक को नोटिस जारी कर तीन दिन में बयान देने को कहा। ये सभी ट्रस्ट के पदाधिकारी हैं। विधायक नसीर खां तो शुक्रवार को बयान दे चुके हैं, लेकिन अन्य किसी ने बयान नहीं दिए।
टीम को चाहिए जमीन की खरीद फरोख्त के रिकार्ड
सासंद आजम खां कहते हैं कि उन्होने एक-एक इंच जमीन खरीदी है और उनके पास रजिस्ट्री भी हैं, जबकि किसानों ने आरोप लगाया है कि जबरन जमीन कब्जाई है। अब पुलिस जमीनों की खरीद फरोख्त के रिकार्ड तलाश रही है। जमीन की रजिस्ट्री कब कराई गई और किस खाते से किस किसान को कितना पैसा दिया गया। टीम के प्रभारी दिनेश गौड़ का कहना है कि आजम खां की बहन से पूछताछ करने पर भी खास जानकारी नहीं मिल सकी थी। वह ट्रस्ट की कोषाध्यक्ष हैं, इसलिए उनसे ट्रस्ट के खातों और उनसे जारी धनराशि के बारे में जानकारी करनी थी, लेकिन वह कोई जानकारी नहीं दे सकीं। विधायक नसीर खां ट्रस्ट के संयुक्त सचिव हैं। उन्होंने भी कोई विशेष जानकारी नहीं दी। जांच पड़ताल चल रही है।