विदेश घूम कर आए मुरादाबाद के 129 लोग लापता, लोकेशन नहीं हो रही ट्रेस Moradabad News
जो फोन नंबर दिए गए थे वह भी बंद चल रहे हैं। इनके पते फर्जी होने की आशंका के चलते पुलिस इन्हें संदेह की नजर से देख रही है।
मुरादाबाद (रितेश द्विवेदी)। कोरोना संक्रमण से बचाव को लेकर विदेश से आए लोगों की ट्रैवेल हिस्ट्री खंगालने में 129 ऐसे लोगों का पता चला है, जो पासपोर्ट में दर्ज पते पर नहीं मिले हैं। उनकी लोकेशन पुलिस खोज नहीं सकी है। सर्विलांस टीम को भी नाकामी हासिल हुई है। पते फर्जी होने की आशंका के चलते दोबारा थाना स्तर से उनकी तलाश हो रही है।
एयरपोर्ट अथॉरिटी ने भेजी सूची
एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया की ओर से भेजी सूची में दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट से 22 मार्च 2020 तक विदेश यात्रा से 1286 लोग लौटकर आए। इनमें से 1138 लोगों का पता लगा लिया गया है। पुलिस उन तक पहुंच गई। सभी घरों पर 14 दिनों के लिए क्वारंटइन हैं। हालांकि प्रशासन ने सेल्फ डिक्लेरेशन की सुविधा भी दी थी लेकिन, इन 129 लोगों ने कोई जानकारी नहीं भेजी। ये लोग एयरपोर्ट से बाहर निकले और प्रशासन और पुलिस के लिए पहेली बन गए हैं। इनका ट्रैवेल रिकार्ड नहीं मिल रहा है। 456 लोगों ने तो ऑनलाइन सेल्फ डिक्लेरेशन भेज दिया था।
आठ इंडोनेशिया मूल के नागरिक भी शामिल
विदेश से आए लोगों में तब्लीगी जमात में शामिल आठ इंडोनेशिया मूल के नागरिक भी शामिल हैं। उनके संपर्क में आए कुल 68 लोगों को क्वारंटाइन किया गया है।
किराए के पते पर जारी कराया पासपोर्ट
मोवीन सरदार (ठाकुरद्वारा) के रहने वाले है। 26 जनवरी 2020 को ओमान से लौटे थे। पता तो दूर मोबाइल से भी नहीं ट्रैस हुए। हनी सिंह (न्यू फेंड्स कॉलोनी) 20 मार्च 2020 को लौटने के बाद नहीं मिले। सफी अहमद (बिलारी तहसील के महमूदपुर माफी गांव) की 21 मार्च को ओमान से लौटने के बाद उनकी लोकेशन नही पता चली है। जांच में पता चला है कि पुलिस सत्यापन में इन सभी लोगों ने स्थायी पते की जानकारी नहीं दी थी।
जनपद से जो भी लोग विदेश या दूसरे राज्यों में गए थे। लगभग सभी को सर्विलांस के माध्यम से ट्रैक कर लिया गया है। 129 लोग ऐसे हैं, जिनका पासपोर्ट तो मुरादाबाद जिले के नाम से जारी हुआ लेकिन, यह लोग दर्ज पते पर नहीं मिले हैं। पुलिस जांच में पता चला है कि अब यह सभी लोग जिले को छोड़कर चले गए हैं। इन लोगों की पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है।
राकेश कुमार सिंह, जिलाधिकारी
पासपोर्ट में स्थायी और अस्थायी पता देना अनिवार्य है। थाना के साथ ही एलआइयू की रिपोर्ट मांगी जाती है। पासपोर्ट में दर्ज पता दस साल के लिए होता है। अगर प्रशासन के द्वारा हमसे जानकारी मांगी जाएगी तो हम उन लोगों के दस्तावेजों की जांच कर सही जानकारी उपलब्ध करा सकते हैं।
मुहम्मद नसीम, क्षेत्रीय पासपोर्ट अधिकारी, बरेली
स्वास्थ्य विभाग ने जारी किए आंकड़े
विदेश से आए लोगों की संख्या 1281
ट्रैक किए गए लोगों की संख्या 1133
अभी तक नहीं मिले लोगों की संख्या 129
विदेश से आए क्वारंटाइन लोगों की संख्या 645
28 दिन का क्वारंटाइन पूरा कर चुके लोगों की संख्या 488
जांच के लिए भेजे गए सैंपल की संख्या 71
जांच रिपोर्ट आने वाले लोगों की संख्या 55
निगेटिव पाए गए लोगों की संख्या 54
पाजिटिव पाए गए लोगों की संख्या एक
रिपोर्ट न आने वालों की संख्या 16
दूसरे राज्यों से आए होम क्वारंटाइन किए गए लोगों की संख्या 9253