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मुरादाबाद के तीन गांवों में मिले 12 नए एचआइवी पॉजिटिव केस

बिलारी के तीन गांव में 12 नए एचआइवी पॉजिटिव केस मिले हैं। तीन दिन पहले यहां लगे स्वास्थ्य शिविर में यह बात सामने आने पर स्वास्थ्य विभाग के अफसर हलकान हैं।

By Narendra KumarEdited By: Published: Thu, 22 Aug 2019 09:10 AM (IST)Updated: Thu, 22 Aug 2019 09:10 AM (IST)
मुरादाबाद के तीन गांवों में मिले 12 नए एचआइवी पॉजिटिव केस
मुरादाबाद के तीन गांवों में मिले 12 नए एचआइवी पॉजिटिव केस

मोहसिन पाशा (मुरादाबाद ): बिलारी के तीन गांव में 12 नए एचआइवी पॉजिटिव केस मिले हैं। तीन दिन पहले यहां लगे स्वास्थ्य शिविर में यह बात सामने आने पर स्वास्थ्य विभाग के अफसर हलकान हैं। इसके साथ ही इन तीन गांव में एड्स रोगियों का आंकड़ा 250 के पार पहुंच गया है। तीनों गांव की रिपोर्ट यूपी एड्स सोसायटी को भेज दी गई है। 

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मुरादाबाद मंडल में 1700 से ज्‍यादा एचआईवी पॉ‍जीटिव 

मुरादाबाद मंडल के रामपुर, अमरोहा और मुरादाबाद तीन जिलों में 1700 से ज्यादा एचआईवी पॉजिटिव और एड्स रोगी हैं। इनमें से 1550 रोगी एआरटी सेंटर से दवा ले रहे हैं। मुरादाबाद के कुल रोगियों में से बिलारी के तीन गांव की स्थिति सबसे ज्यादा खतरनाक है। तहसील बिलारी के 250 एचआइवी और एड्स रोगियों में 90 फीसद तीन गांव के हैं। इन गांवों में रोगियों की बढ़ती संख्या चिंताजनक है। बड़े ही नहीं करीब 20 बच्चे भी एचआइवी से ग्रस्त हैं। 19 अगस्त को कार्तिक सेवा संस्थान के सहयोग से इन्हीं गांव में लगे स्वास्थ्य शिविर में 167 लोगों का परीक्षण किया गया। इनमें से 150 लोगों का टेस्ट हुआ। इसमें 12 नए लोग एचआइवी पॉजिटिव मिले हैं। नए रोगियों में छह को जिला अस्पताल स्थित एआरटी (एंटी रेट्रोवायरल ट्रीटमेंट) सेंटर बुलाकर इलाज शुरू करा दिया गया है। 

पत्नी और बेटी की मौत के बाद नई दुल्हन ले आया एड्स रोगी

बिलारी के एचआइवी प्रभावित एक गांव के व्यक्ति की पत्नी और बेटी की एड्स ने जान ले ली थी। इसके लिए वह खुद ही जिम्मेदार है। पत्नी को उसकी वजह से एड्स हुआ। पत्नी के समय से दवा न लेने की वजह से मौत हो गई। बेटी की भी एड्स ने जान ले ली। अब उसने दूसरी शादी कर ली है। उसकी जिदंगी भी डाल दी है। 

रोग प्रतिरोधक क्षमता कम करता है एचआइवी

ह्यमन इम्यूनोडिफिशिएंसी सिंड्रोम (एचआइवी) पॉजिटिव होने पर इंसान की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होने लगती है। कुछ लोग एचआइवी को ही एड्स मान लेते हैं, जबकि ऐसा नहीं है। यह एड्स का प्राथमिक स्तर है। 

इलाज के बहाने मौत बांट रहे हैं झोलाछाप

सामाजिक संस्थाओं की रिपोर्ट के मुताबिक झोलाछाप डॉक्टरों की वजह से बिलारी तहसील के गांव में एड्स रोग फैल रहा है। कुछ लोग प्रदेश के बाहर भी मजदूरी करने जाते हैं। वहां से भी एचआइवी वायरस लेकर आए हैं। ट्रक चालकों से जरिए भी गांव में एड्स फैला है। इसलिए सभी क्षेत्रों में काम करने की जरूरत है। 

इंजेक्शन से नशा लेने वाले 160 एड्स रोगी 

महानगर में इंजेक्शन के जरिए नशा लेने वाले करीब 160 एड्स रोगी हैं। यह सामूहिक रूप से बैठकर नशा करते हैं। कार्तिक सेवा संस्थान जिले में एड्स कंट्रोल सोसायटी, उत्तर प्रदेश के प्रोजेक्ट पर काम कर रहा है। संस्था नशे के आदी लोगों को संक्रमित निडिल का प्रयोग करने से बचने की सलाह देती है। 

मरीजों की संख्या का बड़ा कारण झोलाछाप हैं 

 कार्तिक सेवा संस्थान के डायरेक्टर जयशंकर शर्मा ने कहा कि बिलारी के गांव में एड्स के बढ़ते मरीजों की सबसे बड़ी वजह झोलाछाप डॉक्टर ही हैं। यह खुली निडिल का इस्तेमाल करके लोगों में एड्स जैसी जानलेवा बीमारी बांट रहे हैं। मैंने खुद अपनी आंखों से खुली सीङ्क्षरज से इन्जेक्शन लगाते देखा है। इन पर कार्रवाई होनी चाहिए। 

जल्द गांव में लगाया जाएगा शिविर 

अपर मुख्य चिकित्साधिकारी मुरादाबाद डॉ. दिनेश कुमार प्रेमी ने बताया कि बिलारी के गांवों में जल्द ही एक स्वास्थ्य शिविर और लगवाया जाएगा। नए एचआइवी पॉजिटिव लोगों के बारे में मुझे कोई जानकारी नहीं है। रिपोर्ट आने पर ही कुछ बता पाऊंगा।


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