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अमरोहा में गंगा की निगरानी करेंगे 10 लाख स्वयंसेवक, जानिए गंगा को निर्मल बनाए रखने की क्‍या है योजना Amroha News

उत्तराखंड व उत्तर प्रदेश समेत पांच राज्यों में गंगा की निगरानी दस लाख स्वयं सेवकों द्वारा की जाएगी। इसकी पूरी तैयारी कर ली गई है।

By Narendra KumarEdited By: Published: Tue, 21 Apr 2020 09:10 AM (IST)Updated: Tue, 21 Apr 2020 09:10 AM (IST)
अमरोहा में गंगा की निगरानी करेंगे 10 लाख स्वयंसेवक, जानिए गंगा को निर्मल बनाए रखने की क्‍या है योजना   Amroha News
अमरोहा में गंगा की निगरानी करेंगे 10 लाख स्वयंसेवक, जानिए गंगा को निर्मल बनाए रखने की क्‍या है योजना Amroha News

अमरोहा, जेएनएन। उत्तराखंड व उत्तर प्रदेश समेत पांच राज्यों में गंगा की निगरानी दस लाख स्वयं सेवकों द्वारा की जाएगी। गंगा तट वाले जनपदों में मासिक व पाक्षिक बैठक की व्यवस्था भी कराई जाएगी ताकि गंगा को स्वच्छ व निर्मल बनाने में आने वाली बाधाओं का समय से निस्तारण कर आगे बढ़ते रहें। 

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केंद्रीय जल शक्ति मंत्री ने दिए निर्देश

यह निर्देश केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र ङ्क्षसह शेखावत ने उत्तराखंड व यूपी समेत पांच राज्यों में वीडियो कांफ्रेङ्क्षसग के जरिए नमामि गंगे के प्रदेश स्तरीय पदाधिकारियों को दिए। उत्तराखंड, उत्तर-प्रदेश, बिहार, झारखंड समेत पांच राज्यों के नमामि गंगे-गंगा विचार मंच के प्रदेश स्तरीय पदाधिकारियों से लॉकडाउन में गंगा की स्थिति और समस्याओं के बारे में जाना। मंच के पश्चिमी प्रदेश सहसंयोजक अशोक शर्मा ने बताया कि उत्तराखंड के प्रदेश संयोजक लोकेंद्र ङ्क्षसह विष्ट ने गंगा की स्थिति को पूर्व की अपेक्षा बेहतर होया। इसका आंकलन कराने के लिए गंगा जल के नमूने का परीक्षण कराने की मांग रखी। केंद्रीय मंत्री ने गंगा अभियान से अधिक लोगों को जोडऩे पर बल देते हुए कहा कि पांचों राज्यों में स्वयंसेवकों की संख्या बढ़ाकर दस लाख की जाए, अभी तक यह संख्या चार लाख के लगभग है।

हर माह होगी पाक्षिक बैठक

जिला संयोजकों का संगठन का विस्तार करते हुए हर माह अथवा पाक्षिक बैठक कर लोगों को गंगा स्वच्छता मिशन के प्रति जागरूक करने पर भी जोर दिया। सभी को लॉकडाउन का पालन करने और पड़ोस के जरूरतमंद लोगों का ध्यान रखने को कहा। सहसंयोजक ने प्रयागराज की तर्ज पर ब्रजघाट व तिगरी स्थित गंगा घाटों पर भी गंगा की स्वच्छता को गंगा टास्क फोर्स की तैनाती की मांग की।

दिखेंगे सार्थक परिणाम 

दरअसल गंगा में प्रदूषण प्रमुख समस्याओं में से एक है। इसे रोकने के लिए यह रणनीति तैयार की गई है। माना जा रहा है यदि इस पर पूरी तरह अमल हुआ तो इसके सार्थक परिणाम दिखाई देंगे। 


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