Move to Jagran APP

भाई ने बहन के साथ मिलकर बहनोई को उतारा मौत के घाट

पुलिस ने कालीन बुनकर प्रमोद गौड़ हत्याकांड का पर्दाफाश करते हुए घटना में शामिल मृतक की पत्नी व उसके भाई को शनिवार की देर रात विध्याचल थाना क्षेत्र के अरामवती चौराहे से गिरफ्तार कर लिया। हत्याकांड में इस्तेमाल किए गए ईट व बाइक को बरामद करते हुए आरोपितों को जेल भेज दिया गया।

By JagranEdited By: Published: Sun, 23 Feb 2020 07:56 PM (IST)Updated: Sun, 23 Feb 2020 11:03 PM (IST)
भाई ने बहन के साथ मिलकर  बहनोई को उतारा मौत के घाट
भाई ने बहन के साथ मिलकर बहनोई को उतारा मौत के घाट

जागरण संवाददाता, मीरजापुर : पुलिस ने कालीन बुनकर प्रमोद गौड़ हत्याकांड का पर्दाफाश किया। घटना में शामिल मृतक की पत्नी व उसके भाई को शनिवार की देररात विध्याचल थाना क्षेत्र के अरामवती चौराहे से गिरफ्तार कर लिया। हत्याकांड में इस्तेमाल किए गए ईट व बाइक को बरामद करते हुए आरोपितों को जेल भेज दिया गया। घटना के पीछे 23 साल से बहन को घर के कारण मृतक से बदला देने की आग में जलना बताया जा रहा है। ये बाते पुलिस अधीक्षक डा. धर्मवीर सिंह ने पुलिस लाइन में घटना का खुलासा करते रविवार को बताई।

loksabha election banner

पूछताछ में मुख्य आरोपी भाई अंबरीश सिंह पुत्र सोहरत सिंह निवासी बेलवांडाड़ी थाना सहजनवा जनपद गोरखपुर ने बताया कि करीब 23 साल पहले 27 जून 1997 को गांव का ही प्रमोद गोड़ निवासी गोसाई तालाब विध्याचल उसकी बहन कंचन लता का अपहण कर ले गया था। जिसके खिलाफ गोरखपुर जनपद के महिला थाना में अपहरण का मुकदमा भी पंजीकृत है। घटना के बाद इसकी काफी खोजबीन की गई लेकिन ये लोग नहीं मिले। इस घटना से परिवार की पूरे गांव में काफी बदनामी हुई थी। तभी से प्रमोद से बदला लेने की आग में पूरा परिवार जल रहा था। तीन फरवरी को वह विध्याचल आया और बहन के साथ मां विध्यवासिनी के दर्शन पूजन किया। इसके बाद नगर के पक्केघाट घुमने आया। रात करीब दस बजे उसका घर देखने के बहाने घर गया तो पता चला कि प्रमोद घर पर नहीं बल्कि थोड़ी दूर पर स्थित कालीन के कारखाने में सो रहा है। वहां पहुंचकर बहन को बाहर ही छोड़ दिया और खुद अंदर चला गया। तखत पर सो रहे प्रमोद के सिर पर ईट से वार किया लेकिन घायल होने के बावजूद प्रमोद ने अपने को बचाने का प्रयास करते हुए उससे हाथापाई करने लगा। कई वार करने के कारण वह गंभीर रूप से घायल होकर जमीन पर गिर पड़ा। शोरगुल होने पर कंचन भी अंदर आ गई। इसी बीच उसने गमछे से प्रमोद की गला कसकर हत्या कर दी। यह देख कंचन शोर मचाने लगी लेकिन उसे डराने धमकाने पर डर गई और कुछ नहीं बोली। घटना के बाद दोनों मंझनपुर आ गए। दूसरे दिन जब पुलिस ने कंचन को बुलाया तो उसने मुझे भगा दिया और खुद सुरेश के साथ थाने आई। जहां शव की पहचान करने पर उसे पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। घटना का खुलासा करने के लिए एसओजी प्रभारी विनोद यादव, अजय यादव, क्राइम ब्रांच प्रभारी रामस्वरूप वर्मा तथा विध्याचल थाना प्रभारी वेद प्रकाश राय केदारनाथ मौर्या, भूपेंद्र सिंह आदि को लगाया। तीनों ने दिन रात मेहनत कर तीन सप्ताह बाद घटना का खुलासा करते हुए हत्याकांड में शामिल कंचन लता व उसके भाई अंबरीश को गिरफ्तार कर लिया। डीआईजी पीयूष श्रीवास्तव व पुलिस अधीक्षक ने घटना का खुलासा करने वाली टीम को 25 हजार रुपये इनाम देने की घोषणा की। कैसे पहुंचा बहनोई तक आरोपित भाई

कंचन लता ने 21 साल बाद परिवार की याद आने पर करीब डेढ़ साल पहले कंचन ने मंझनपुर गांव निवासी सुरेश दूबे जो भार्गव इंटर कालेज में लिपिक है। उनको अपनी बड़ी बहन शशिकिरन निवासी गोड़री थाना खलीलाबाद जनपद संतकबीरनगर के यहां भेजकर उनका मोबाइल नंबर मंगवाया और उनसे बातचीत करने लगी। इसकी जानकारी जब मुझे हुई तो उसने प्रमोद से बदला लेने की ठान ली। बहन कंचन से वह भी बात करने लगा। एक दिन विध्याचल दर्शन करने के लिए आने के बहाने वारदात को अंजाम देने का प्लान बनाया। पति से अलग रह रही थी पत्नी

मृतक प्रमोद गोड़ की पत्नी कंचन लता होमगा‌र्ड्स विभाग में प्लांटून कंमांडेट है। इन दिनों उसकी तैनाती कौंसाबी जनपद के महिला थाने में है। वह पिछले कुछ सालों से पति से अनबन होने के कारण कौंसाबी में रही रही है। प्रेम ने खत्म कर दी दोनों परिवारों की तीन जिदगिया

कंचन सिंह सामान्य बिरादरी की है जबकि प्रमोद गोड़ एससी एसटी कोटे में आता था। दोनों के बीच उपजे प्रेम संबंध के कारण उनके परिवार में ऐसी आग लगी कि दोनों के घरवाले एक दूसरे के खून के प्यासे हो गए और एक बाद एक हत्याए होने लगी। सबसे पहले कंचन के बड़े भाई धर्मवीर सिंह की अबूझ हाल में ट्रेन से गिरने से मौत हो गई जबकि उसके परिजनों ने कहा कि प्रमोद के घरवालों ने धर्मवीर की हत्या की है। बदले की आग में जल रहे परिजन कुछ दिनों बाद 2002 में घर के बाहर से जाते समय प्रमोद के बड़े भाई नील कमल गोड़ की फावड़े से काटकर हत्या कर दी थी। जिसके आरोप में अंबरीश, उसके पिता सोहरत सिंह, उसके चाचा व चाची आरोपित बनाए गए। अंबरीश नाबालिक होने के कारण उसका केस किशोर न्याय बोर्ड में चलने लगा। जबकि संदेश का लाभ देते हुए उसकी चाची को बरी कर दिया गया। वहीं सोहरत व उसके चाचा को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है लेकिन ये सभी हाईकोर्ट से जमानत पर चल रहे हैं। अपहरण के केस का खुलासा नहीं, हो गई हत्या

गोरखपुर निवासी कंचन लता अपहरण कांड का गोरखपुर पुलिस खुलासा करती इससे पहले ही 23 साल बाद उसके भाई अंबरीश ने प्रेमी प्रमोद को खोजकर तीन फरवरी की रात उसकी हत्या कर दी। यहीं नहीं जिस प्रेमिका कंचन को लेकर प्रमोद भागा था उसी का सहारा लेते उसके भाई ने उसको मौत के घाट उतार दिया।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.