भीख मांगे जो भी अदाकारी से बचके रहना उस भिखारी से..
अमरावती स्थित ज्ञानंदा एकेडमी ऑफ हायर एजुकेशन परिसर पर स्वामी विवेकानंद शिक्षण संस्थान की ओर से स्व. उमाशंकर लाल श्रीवास्तव की स्मृति में अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। इसमें देश के कवियों ने अपनी रचनाओं व काव्य रस के माध्यम से श्रोताओं को ओत-प्रोत किया।
जागरण संवाददाता, मीरजापुर : अमरावती स्थित ज्ञानंदा एकेडमी ऑफ हायर एजुकेशन परिसर पर स्वामी विवेकानंद शिक्षण संस्थान की ओर से स्व. उमाशंकर लाल श्रीवास्तव की स्मृति में अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। इसमें देश के कवियों ने अपनी रचनाओं व काव्य रस के माध्यम से श्रोताओं को ओत-प्रोत किया।
कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि एसडीएम सदर गौरव श्रीवास्तव, संस्थान की निदेशिका डा. शीला सिंह, अनुज श्रीवास्तव ने मां सरस्वती एवं स्वामी विवेकानंद के चित्र पर माल्यार्पण व दीप प्रज्जवलित कर किया। इसके उपरांत स्व. उमाशंकर लाल श्रीवास्तव के व्यक्तित्व व कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की गई। साहित्यकार डा. अनुज प्रताप सिंह व कवि डा. विश्राम को विवेक रत्न सम्मान 2020 से अलंकृत किया गया। कवयित्री विभा शुक्ला ने वाणी वंदना प्रस्तुत कर कवि सम्मेलन की शुरूआत की। कवि अशेाक बेशर्म ने भीख मांगे जो अदाकारी से बचके रहना तुम उस भिखारी से.. हास्य व्यंग सुनाया। डा. अनुज प्रताप सिंह ने मौन आवाहन शीर्षक कविता पढ़ी। रमाशंकर शुक्ल, छंदकार धर्म प्रकाश, झगड़ू भैया, लल्लू तिवारी, शुभम श्रीवास्तव आदि ने भी कविताएं पढ़ी। कार्यक्रम की अध्यक्षता साहित्यकार गणेश गंभीर व संचालन कवि कमलेश राजहंस ने किया। हरिशंकर लाल श्रीवास्तव ने अतिथियों का आभार जताया।