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साप्ताहिक आहार योजना ध्वस्त, रोज मिलती खिचड़ी

एक तरफ सरकार शिक्षा के साथ छात्र-छात्राओं को दोपहर में एमडीएम देने का दावा भले कर ले लेकिन धरातल पर शिक्षक सरकार के मंसूबों पर पानी फेरने से बाज नहीं आ रहे है। सरकार ने प्रतिदिन मेनू के अनुसार भोजन देने का निर्देश दिया है लेकिन नियमों को ताक पर रखकर बच्चों को मनमाने तरीके से एक ही भोजन दिया जाता है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 24 Jul 2019 09:26 PM (IST)Updated: Thu, 25 Jul 2019 06:23 AM (IST)
साप्ताहिक आहार योजना  ध्वस्त, रोज मिलती खिचड़ी
साप्ताहिक आहार योजना ध्वस्त, रोज मिलती खिचड़ी

जागरण संवाददाता, कछवां (मीरजापुर) : एक तरफ सरकार शिक्षा के साथ छात्र-छात्राओं को दोपहर में एमडीएम देने का दावा भले कर ले लेकिन धरातल पर शिक्षक सरकार के मंसूबों पर पानी फेरने से बाज नहीं आ रहे है। सरकार ने प्रतिदिन मेनू के अनुसार भोजन देने का निर्देश दिया है लेकिन नियमों को ताक पर रखकर बच्चों को मनमाने तरीके से एक ही भोजन दिया जाता है। उदाहरण के तौर पर मझवां ब्लाक के गोधना के पूर्व माध्यमिक विद्यालय में देखा जा सकता है। जहां बुधवार को छात्रों ने बताया कि यहां पर प्रतिदिन खिचड़ी ही मिलता है। यह तो एक बानगी है शेष विद्यालयों का अगर जांच कराया जाए तो सच्चाई खुद ब खुद सामने आ जाएगी।

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गोधना गांव के पूर्व माध्यमिक विद्यालय में दोपहर में एमडीएम के तहत खिचड़ी खाते हुए बच्चों ने बताया कि यहां पर खाने में रोज खिचड़ी ही मिलती है। सभी बच्चों ने एक साथ एक स्वर में कहा खिचड़ी ही मिलती है। वही अभिभावकों ने बताया कि जबकि साप्ताहिक आहार में सोमवार से लेकर शनिवार तक के मेनू में गरमा गरम दूध, रोटी, अरहर की दाल, तहरी, चावल, सोयाबीन, बड़ी सब्जी इत्यादी शामिल है और विशेषकर निगरानी समिति भी गठित है। इसके बाद भी भोजन की गुणवत्ता मानक और स्वच्छता को अधिकतर स्कूलों में ठेंगा दिखाकर मनमानी किया जा रहा है। तमाम स्कूलों में अध्यापक बच्चों को पढ़ाई के दौरान आराम फरमाते है और बच्चे इधर उधर घूमते रहते है। मामले को लेकर जब खंड शिक्षा अधिकारी शशांक शेषर से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि इसकी जांच कराई जाएगी और मामला सही पाए जाने पर संबंधित के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।


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