क्यूआर कोड से पहचाने जाएंगे विप्रा के भूखंड
विध्याचल- मीरजापुर विकास प्राधिकरण द्वारा भूखंडों के क्यूआर कोड बनाए जाने की प्रक्रिया चल रही है। इसके तहत अब भूखंडों का क्यूआर कोड स्कैन करने से कहीं से भी भूखंड की लोकेशन देखी जा सकेगी। इससे फर्जीवाड़े पर भी रोक लगेगी और भूखंडों की बिक्री भी आसानी से हो सकेगी। जल्द की कोडिग का काम शुरू किया जाएगा।
जागरण संवाददाता, मीरजापुर : विध्याचल-मीरजापुर विकास प्राधिकरण द्वारा भूखंडों के क्यूआर कोड बनाए जाने की प्रक्रिया चल रही है। इसके तहत भूखंडों का क्यूआर कोड स्कैन करने से कहीं से भूखंड की लोकेशन देखी जा सकेगी। इससे फर्जीवाड़े पर भी रोक लगेगी। भूखंडों की बिक्री भी आसानी से हो सकेगी। जल्द की कोडिग का काम शुरू होगा।
प्राधिकरण ने यह भी योजना बनाई है कि निजी डेवलपर अपने भूखंड का क्यूआर कोड जेनरेट कर सकते हैं, जिससे प्लाट की बिक्री सामान्य तरीके से हो सकेगी। विकास प्राधिकरण के अधिकारियों ने बताया कि इस योजना के बाद कोई कहीं से बैठकर भूखंड की वास्तविक लोकेशन देख सकते हैं। सड़क व आसपास की लोकेशन को भी सर्च कर सकते हैं। इस योजना के शुरू हो जाने से देश-विदेश में बैठे लोग भी बिना प्राधिकरण कार्यालय का चक्कर लगाए भूखंड की अधिकतम जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। इसलिए प्राधिकरण कार्यालय के चक्कर लगाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
ऑनलाइन रजिस्ट्री भी होगी शुरू
प्राधिकरण की मानें तो शासन स्तर पर आनलाइन रजिस्ट्री की तैयारी की जा रही है। इसका पोर्टल डेवलप होने के बाद प्राधिकरण के भूखंड की आनलाइन रजिस्ट्री भी शुरू की जा सकेगी। इस नई शुरूआत से आम लोगों को काफी सहूलियत होगी और उन्हें बार-बार सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगाने से आजादी मिलेगी।
वर्जन
क्यूआर कोड को स्कैन करते ही कहीं से भी प्राधिकरण के भूखंड की लोकेशन व अन्य जानकारियां स्क्रीन पर आ जाएंगी। इसकी तैयारी की जा रही है।
- रमेशचंद्र श्रीवास्तव, अवर अभियंता, विध्याचल-मीरजापुर विकास प्राधिकरण।