विंध्याचल धाम में मां विंध्यवासिनी मंदिर के गर्भगृह में रात नौ बजे से अंधेरा
विन्ध्य विकास परिषद के सचिव नगर मजिस्ट्रेट अविनाश कुमार ने बताया कि मंदिर पर लगे जनरेटर के बोबर लोड होने के कारण बिजली की लाइन बंद हो गई थी, जिसे आज ठीक कर दिया गया है। अब मंदिर में बिजली की आपूर्ति बहाल हो गई है।

कुछ पुरोहितों ने इन्वर्टर के बल्ब लगाकर थोड़ी रोशनी की व्यवस्था की।
जागरण संवाददाता, (विंध्याचल) मीरजापुर। मां विंध्यवासिनी धाम, जो आस्था का प्रमुख केंद्र है, गर्भगृह में कल रात से अंधकार में डूबा हुआ है। प्राप्त जानकारी के अनुसार, यह समस्या कल रात लगभग 9 बजे से उत्पन्न हुई थी।
मंदिर की देखरेख की जिम्मेदारी दो समितियों, तीर्थ विकास परिषद और विंध्य विकास परिषद, के पास है, लेकिन इसके बावजूद किसी ने भी इस समस्या के समाधान के लिए ठोस कदम नहीं उठाए हैं।
गर्भगृह में बिजली की अनुपस्थिति के कारण पूजन और आरती का कार्य प्रभावित हुआ। इस स्थिति को संभालते हुए कुछ पुरोहितों ने इन्वर्टर के बल्ब लगाकर थोड़ी रोशनी की व्यवस्था की, जिसके बाद माता का श्रृंगार और पूजन संभव हो सका।
बिजली की समस्या को लेकर श्रद्धालुओं में नाराजगी देखी जा रही है। 12 घंटे से अधिक समय बीत जाने के बावजूद बिजली बहाल न होने पर भक्त प्रशासन से त्वरित सुधार की मांग कर रहे हैं।
बड़े श्रृंगारिया शिवजी मिश्रा ने बताया कि रात की बड़ी आरती तो किसी तरह संपन्न कर ली गई, लेकिन भोर 4 बजे मंगला आरती के दौरान गर्भगृह की सफाई में कठिनाई आई। इस समस्या का समाधान करने के लिए बगल में स्थित एक लाज से पानी मांगा गया, जिससे धुलाई की गई।
विन्ध्य पंडा समाज के मंत्री भानु पाठक ने जानकारी दी कि आज दिन में 12 बजे मंदिर की बिजली की लाइन चालू हो गई है। वहीं, विन्ध्य विकास परिषद के सचिव नगर मजिस्ट्रेट अविनाश कुमार ने बताया कि मंदिर पर लगे जनरेटर के बोबर लोड होने के कारण बिजली की लाइन बंद हो गई थी, जिसे आज ठीक कर दिया गया है। अब मंदिर में बिजली की आपूर्ति बहाल हो गई है।
इस घटना ने श्रद्धालुओं के बीच चिंता और असंतोष का माहौल पैदा कर दिया था। भक्तों की आस्था को बनाए रखने के लिए प्रशासन को तत्परता से कार्य करना आवश्यक है। विंध्यवासिनी धाम में आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या को देखते हुए, ऐसी समस्याओं का समय पर समाधान करना बेहद महत्वपूर्ण है।

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