प्रसव के लिए आईं गर्भवती महिलाओं से अच्छा व्यवहार
गर्भवती महिलाओं और बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर जननी सुरक्षा योजना के अलावा बहुत सी लाभकारी योजनाओं को चलाने का कार्य स्वास्थ्य विभाग द्वारा किया जा रहा है। सीएमओ ने महिला चिकित्सालय में स्टाफ नर्सो व डाक्टरों के साथ बैठक कर बताया कि कुछ महिलाएं ऐसी भी है जो अपना प्रसव सरकारी केन्द्रों पर कराने से डरती है।
जागरण संवाददाता, मीरजापुर : गर्भवती महिलाओं और बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर जननी सुरक्षा योजना के अलावा बहुत सी लाभकारी योजनाओं को चलाने का कार्य स्वास्थ्य विभाग द्वारा किया जा रहा है। सीएमओ ने महिला चिकित्सालय में स्टाफ नर्सो व डाक्टरों के साथ बैठक कर बताया कि कुछ महिलाएं ऐसी भी है जो अपना प्रसव सरकारी केन्द्रों पर कराने से डरती हैं। इसके तमाम कारण बताये जा रहे हैं लेकिन उनमें एक मुख्य कारण यह है कि प्रसव कक्ष में महिला का कोई हमदर्द नहीं होता है। इसलिए प्रसव के समय कक्ष में गर्भवती महिला के साथ उसको सबसे ज्यादा चाहने वाली अर्थात ननद, बहन, भाभी, मां, सांस, देवरानी व जेठानी में से कोई एक महिला सदस्य प्रसव के समय कक्ष में बर्थ कंपेनियन के रूप में रह सकती है। इससे गर्भवती महिला को अपने का नजदीक होने का एहसास होता है जिससे उसको हिम्मत व बल मिलेगा।
जिला महिला चिकित्सालय के अधीक्षक डा. संजय ने बताया कि प्रसव के समय कक्ष में स्टाफ नर्स ही मौजूद होती है। जिन्हें न तो महिला प्रसव के पूर्व की ही कोई जानकारी होती है और न ही प्रसव कराने के बाद रहकर मां और बच्चे को होने वाली परेशानियों को तत्काल पहचान कर उन्हें नजदीकी चिकित्सालय पहुंचाने में मदद ही कर सकती है। इसलिए अब प्रसव योजना के तहत अब प्रसव कक्ष गर्भवती महिला अपने किसी रिश्तेदार को अपने साथ कंपेनियन योजना के तहत कक्ष में रख सकेगा। इसके साथ ही साथ उन्होंने बताया कि प्रसव के लिए आई गर्भवती महिला के साथ अच्छा व्यवहार करें। जिससे गर्भवती महिलाओं को किसी भी प्रकार का कोई मानसिक तनाव न हो सके। क्योंकि प्रसव के समय महिला को दर्द व घबराहट का सामना करना पड़ता है। जिसके कारण अभी भी कुछ ग्रामीण अंचल की महिलाएं घर पर ही प्रसव कराना चाहती है। वहां पर कोई उनके साथ अपना रहता है। इन बातों को ध्यान में रखते हुए चिकित्सालय में भी गर्भवती महिला अपने साथ किसी एक महिला रिश्तेदार या नजदीकी को अपने साथ ले जा सकती है।