अमन-चैन की दुआ के लिए उठे हाथ, निर्णय को सराहा
अयोध्या राम जन्म भूमि मामले पर सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला शनिवार को आया। प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई एसए बोबडे डीवाई चंद्रचूड़ अशोक भूषण और एस अब्दुल नजीर की संविधान पीठ के फैसले को सुनने के लिए लोगों में उत्सुकता बनी रही। तथ्यों के आधार पर संविधान पीठ के स्पष्ट आदेश को सुनकर जनमानस संतुष्ट दिख रहा था। संविधान पीठ के फैसले को सुनकर सभी वर्गाे के लोगों ने जमकर सराहा। शनिवार को लोगों को कंतित शरीफ की मजार पर सजदा किया तो विध्यवासिनी धाम में भी भक्तों ने मां के चरणों में मत्था टेका। देश के अमन चैन की दुआ के लिए हजारों लोगों के हाथ उठे।
जागरण संवाददाता, मीरजापुर : अयोध्या राम जन्म भूमि मामले पर सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला शनिवार को आया। प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई, एसए बोबडे, डीवाई चंद्रचूड़, अशोक भूषण व एस अब्दुल नजीर की संविधान पीठ के फैसले को सुनने के लिए लोगों में उत्सुकता बनी रही। तथ्यों के आधार पर संविधान पीठ के स्पष्ट आदेश को सुनकर जनमानस संतुष्ट दिख रहा था। संविधान पीठ के फैसले को सुनकर सभी वर्गाें के लोगों ने जमकर सराहा। शनिवार को लोगों ने कंतित शरीफ की मजार पर सजदा किया तो विध्यवासिनी धाम में भी भक्तों ने मां के चरणों में मत्था टेका। देश के अमन-चैन की दुआ के लिए हजारों लोगों के हाथ उठे।
संविधान पीठ का निर्णय सुनने के बाद तो एकबारगी तो लग रहा था कि जैसे जनपद के लोग संविधान पीठ के फैसले को जान रहे थे। शासन- प्रशासन अयोध्या फैसले के बाद की स्थिति को लेकर आशंकाओं से घिरा था। बीते कई दिनों से प्रशासन द्वारा दिन-रात तैयारियां चल रही थी। इसे लेकर गांवों, थानों, बाजारों में बैठकों का दौर चलता रहा। मंडलायुक्त प्रीति शुक्ला, डीआईजी पियूष श्रीवास्तव, डीएम सुशील कुमार पटेल, एसपी डा. धर्मवीर सिंह मय फोर्स स्वयं चक्रमण कर लोगों को सुरक्षा का अहसास दिलाया। लेकिन इनको क्या मालूम था कि गंगा-जमुनी तहजीब वाले विध्य की धरा पर अमन पसंद लोग रहते हैं। जहां मां विध्यवासिनी का जयकार गूंजती है तो वहीं दूसरी तरफ बगल में कंतित शरीफ की दरगाह पर मुल्क के अमन-चैन की दुआ के लिए भी सजदा होता है। फैसले के बाद की स्थिति को लेकर शासन-प्रशासन की आशंकाओं को जनपद के अमन पसंद लोगों ने सिरे से खारिज कर दिया। शनिवार को पता ही नहीं चला कि कब अयोध्या मामले का फैसला आया। फैसले को सुनने के बाद लोग अपने- अपने कामों में मशगूल रहे। इस निर्णय के बाद जनपद के लोगों ने गंगा जमुनी तहजीब की अनूठी मिसाल पेश की।