..तो भटौली पुल से होकर 25 से जा सकेंगे बाइक सवार!
दैनिक जागरण अभियान को मिले अपार जनसमर्थन का नतीजा है रहा कि भटौली निर्माणाधीन पुल के एप्रोच सड़क की मिट्टी पटाई का काम अब दो शिफ्ट में हो रहा है। इसी गति से काम चलता रहा तो 25 नवंबर तक पुल के बराबर मिट्टी पाट दी जाएगी और पुल बाइक सवारों के आवागमन के लिए शुरू किया जा सकेगा।
अश्वनी मोदनवाल, कछवां (मीरजापुर) :
'दैनिक जागरण' अभियान को मिले अपार जनसमर्थन का नतीजा रहा कि भटौली निर्माणाधीन पुल के एप्रोच सड़क की मिट्टी पटाई का काम अब दो शिफ्टों होने लगा है। मिट्टी की भराई के लिए हाइवा की संख्या भी बढ़ाकर सात कर दी गई है। इसी गति से काम चलता रहा तो 25 नवंबर से पहले ही पुल के बराबर मिट्टी पाट दी जाएगी। साथ ही भटौली पुल से होकर जाने को बाइक सवारों के लिए आवागमन चालू किया जा सकेगा।
25 नवंबर से मोटर साइकिल सवार लोगों को जान जोखिम में डालकर स्टीमर से गंगा में यात्रा करने से मुक्ति मिल सकती है। मिट्टी पाटने का काम पूरा होते सुलभता के साथ मुख्यालय से सीधा जुड़ाव हो जाएगा। कार्यदायी संस्था के लोगों ने बताया की एप्रोच सड़क बरैनी वाया कछवां मार्ग तक अटैच होना है। इस दौरान मिट्टी को लेकर आ रहे हाइवा ट्रक से कुछ दिन पहले बकरी की दबने से मौत हो गई थी तो कुछ लोग आकर डरा-धमका रहे थे। जिसपर थाने में तहरीर भी दी गई और चार हजार रुपये मुआवजा भी दिया गया। दरअसल, कछवां से बरैनी तक की सड़क ¨सगल लेन की है और आसपास के लोग अपने मवेशी सड़कों के किनारे ही बांधते हैं। इससे अक्सर हाइवा ट्रकों से दुर्घटना की संभावना बनी रहती है। इस समस्या के निजात के लिए जिला प्रशासन व पुलिस की मदद की दरकार है, जो अभी नहीं मिल पाई है। कर्मचारियों ने कहा कि वे चाहें तो 24 घंटे के अंदर मोटर साइकिल सवारों को पुल से आवागमन करा दें लेकिन उनके साथ ही बड़े वाहनों का भी इतना दबाव बन जाएगा की काम नहीं कर पाएंगे। बावजूद इसके 25 नवंबर तक बाइक सवारों के लिए पुल चालू किया जा सकता है। अब क्षेत्रीय लोगों के लिए एक बार फिर शासन-प्रशासन के साथ ही जनप्रतिनिधियों का सहयोग चाहिए ताकि नावों पर जान जोखिम में डालकर आवागमन करने वाले लोगों को राहत मिल सके। -----------------
मिट्टी भराई में कब कितने हाइवा
17 नवंबर- 4 120
18 नवंबर- 5 160
19 नवंबर- 7 180
20 नवंबर- 8 200
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सुलभ होंगी बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं
भटौली पक्का पुल बन जाने के बाद न जाने कितनी जानों का रखवाला बन जाएगा। कछवां सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से गंभीर होने पर गर्भवती महिलाओं की जान खतरे में पड़ जाती है। कभी-कभी तो महिलाओं को जल्दी इलाज न मिलने की वजह से जान से भी हाथ धोना पड़ता है। एम्बुलेंस जब रोगियों को लेकर जिला अस्पताल पर रेफर किया जाता है तो महज बीस मिनट की दूरी उन्हें करीब डेढ़ से दो घंटे में औराई होकर तय करनी पड़ती है। पुल बन जाने पर यहां से मरीज चंद मिनट में जिला अस्पताल पहुंचेंगे, बेशकीमती ¨जदगी बचेगी।
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स्टीमर पंखी टूटी, बची दुर्घटना
मंगलवार को भटौली से बरैनी की ओर आ रही सवारियों से भरी नाव की पंखी टूट गई, जिससे बीच धार में ही नाव रूक गई। नाव संचालकों ने किसी तरह रस्सी के सहारे नाव किनारे-किनारे बरैनी घाट तक पहुंचाया। इस दौरान पानी के तेज बहाव में एक बार नाव बहने लगी तो दूसरे स्टीमर संचालकों ने गंगा में कूदकर नाव की रस्सी पकड़ी और उसे खींचकर किनारे तक पहुंचाया। नाव से उतरने के बाद यात्रियों के चेहरे पर जान बचने की खुशी साफ दिखी। मंगलवार को तहसील दिवस होने की वजह से नाव पकड़ने वालों की संख्या रोजाना से चार गुना ज्यादा रही। कई राहगीरों को घंटों इंतजार के बाद नाव मिल पाई।
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बाइक सहित वकील गंगा में गिरे
मंगलवार को एक और दुर्घटना होते-होते बच गई। दरअसल काफी देर से नाव का इंतजार कर रहे अधिवक्ता अखिलेश कुमार द्विवेदी जल्दबाजी में नाव पर चढ़ने के चक्कर में बाइक सहित गंगा में गिर गए। इससे पास रखे कई जरूरी कागजात पानी में भींगकर खराब हो गए। पास में नाव खड़ी थी लेकिन संचालकों ने उनकी बाइक नहीं उठाई। घटना के बाद आसपास खड़े लोगों ने सहारा देकर किसी तरह से बाइक को बाहर निकाला। कचहरी पहुंचने पर अधिवक्ता अखिलेश ने जिलाधिकारी को पत्रक सौंपकर सुरक्षा इंतजाम मुहैया कराने की मांग की। कहा कि घाटों पर सुरक्षाकर्मी तैनात हों और पक्के पुल को जल्द बाइक सवारों के लिए खोला जाए नहीं तो किसी दिन बड़ा हादसा हो सकता है।
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जनपदवासी बोले-
भटौली पक्का पुल को लेकर शासन प्रशासन को गंभीर होना चाहिए। जनमानस की उनसे उम्मीद होती है कि सरकार का सबसे पहला काम जनता की सुविधा होनी चाहिए लेकिन यहां सुविधा को सुचारू नहीं किया जा रहा।
आसिफ अली, कछवां
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छात्र-छात्राओं को मुख्यालय जाने के लिए घोर कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है। समय और धन दोनों का दुरुपयोग हो रहा है तत्काल पूल से आवागमन चालू होना चाहिए। जन प्रतिनिधि गंभीरतापूर्वक ध्यान दें।
-अश्वनी कुमार कछवां
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बारह वर्षों का इंतजार, पुल को बीरबल की खिचड़ी बना कर रख दिया है। राजनीति की वजह से जनता को महत्वपूर्ण जनपथ से दूर रखना अन्याय है। ऐसा करने वालों के साथ जनता भी वैसा ही व्यवहार करेगी।
-रोशन हाशमी, कछवां
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कार्यदायी संस्था पर नकेल कस कर काम को तेज गति से कराने की जरूरत है। अब तक बड़ी लापरवाही हो चुकी है। अब बर्दाश्त से बाहर हो गया है। जिला प्रशासन कड़ा रूख अख्तियार करे नहीं तो जनता सड़क पर उतरने को बाध्य होगी।
-दिनेश सरोज, बजरडीहा कछवां
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व्यापारिक दृष्टिकोण से पुल बन जाने पर बहुत लाभ होगा। क्षेत्र का विकास होगा लेकिन न प्रशासन अभी तक नहीं जागा। आनन-फानन में दिन-रात काम करके पुल की सौगात जनता को मिले ताकि लोग सुखद यात्रा कर सकें।
-लवकुश रस्तोगी, कछवां
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भटौली पक्के पुल के निर्माण में देरी को लेकर एक-दूसरे पर आरोप लगाना बंद हो। तत्काल पुल बनाकर चालू कराया जाए। हजारों लोग रोज जान जोखिम में डालकर आवागमन स्टीमर से गंगा में करते हैं।
- रविशंकर गुप्ता, कछवां