रामचंद्रपुर के बगल वाले गांव को बदलाव का इंतजार
क्षेत्र के रामचंद्रपुर गांव को ग्लोबल बना दिया गया। विश्व पटल पर इसकी चर्चा हुई कारण युद्ध स्तर पर इसे स्वच्छता मिशन अभियान के तहत चमका दिया गया। हर घर को शौचालय मार्डन स्कूल कूड़ेदान, सोलर लाइट हर घर को बिजली कनेक्शन और जागरूकता अभियान इन सब को देखने यूनिसेफ की कार्यकारी निदेशक हेनरिटा फोर अपने टीम के साथ गांव को देखा और जनपद के आला अधिकारियों को वेलडन बोल गईं।
जासं, कछवां (मीरजापुर) : क्षेत्र के रामचंद्रपुर गांव को ग्लोबल बना दिया गया। विश्व पटल पर इसकी चर्चा हुई कारण युद्ध स्तर पर इसे स्वच्छता मिशन अभियान के तहत चमका दिया गया। हर घर को शौचालय मार्डन स्कूल कूड़ेदान, सोलर लाइट हर घर को बिजली कनेक्शन और जागरूकता अभियान इन सब को देखने यूनिसेफ की कार्यकारी निदेशक हेनरिटा फोर अपने टीम के साथ गांव को देखा और जनपद के आला अधिकारियों को वेलडन बोल गईं। वही अफसोस की बात है कि क्या ब्लाक क्षेत्र के अन्य गांवों की तकदीर नहीं चमकेगी लोगों को अपने गांव में भी यूनिसेफ टीम के अब तो आने का इंतजार बन गया है। रामचंद्रपुर गांव से ठीक सटा हुआ गांव सेमरी तमाम खामियों से भरा, एक तरफ जहां रामचन्द्रपुर गांव का आरसीसी सड़क समाप्त होता है।ठीक वही से शुरू होने वाला ईंट का क्षतिग्रस्त खड़ंजे और नाली की टूटी पटिया से शुरूआत होती है। आज भी गांव के अधिकतर लोग शौचालय विहिन है और आवास की दरकार है। गांव में साफ सफाई की खासा जरूरत है। स्कूलों में अच्छे पठन-पाठन की व्यवस्था आदि समस्याओं से निजात पाने की चाह लिए गांव चिराग तले अंधेरा वाली कहावत बन गया है। गांव के लोगों को एक आदर्श गांव बनने का सपना आखों में संजोए इंतजार है। कब उनके गांव में बदलाव की इबादत लिखा जाएगा। गांव निवासी मोहन, शिवशंकर, दिनेश, राजू ने कहां ब्लाक क्षेत्र के हर गांव को चमकाने की जरूरत है किसी एक गांव को नहीं।