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कृषि बिल से कमजोर होगा देश का सामाजिक व आर्थिक ढांचा : कांग्रेस

जागरण संवाददाता मीरजापुर कृषि कानून के विरोध में आंदोलनरत किसानों के समर्थन में हर क

By JagranEdited By: Published: Fri, 04 Dec 2020 05:40 PM (IST)Updated: Fri, 04 Dec 2020 05:40 PM (IST)
कृषि बिल से कमजोर होगा देश का सामाजिक व आर्थिक ढांचा : कांग्रेस
कृषि बिल से कमजोर होगा देश का सामाजिक व आर्थिक ढांचा : कांग्रेस

जागरण संवाददाता, मीरजापुर : कृषि कानून के विरोध में आंदोलनरत किसानों के समर्थन में हर कोई उतर आया है। जिला कांग्रेस सेवादल के कार्यकर्ताओं ने शुक्रवार को जिलाधिकारी को पत्रक सौंपा। साथ ही कृषि कानून को समाप्त करने व किसानों की मांगों के अनुरूप कानून बनाए जाने की मांग की। किसानों की मांग पूरी न होने पर आंदोलन करने की चेतावनी भी दी।

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जिलाध्यक्ष भूपेंद्र शुक्ला ने कहा कि देश-प्रदेश की भाजपा सरकार पूंजीपतियों के हित में कार्य कर रही है। वहीं किसान, नौजवान को कुचलने का प्रयास कर रही है। इससे देश का सामाजिक व आर्थिक ढांचा कमजोर होगा। कृषि कानून को लेकर देशभर में किसान आंदोलनरत हैं। हम सभी किसानों के साथ हैं। इस दौरान गुलाब शंकर पांडेय, कमलेश दुबे, गणेश शुक्ला, मो. सेराज अहमद, मानस मोहिलेख, अमित शुक्ला, आनंद शुक्ला, गिरिश्चंद, अंजनी नंदन पांडेय रहे। वहीं भारतीय कुर्मी महासभा के कार्यकर्ताओं ने भी किसान बिल वापस लेने की मांग को लेकर जिलाधिकारी के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजा। मौके पर सुशील सिंह पटेल, राधारमण सिंह, विकास सिंह पटेल, गौरव सिंह पटेल, तेज प्रताप सिंह, रत्नेश सिंह पटेल रहे। किसानों की प्रमुख मांगें :

- कृषि बिल 2020 वापस लिया जाए।

- मंडियों की व्यवस्था में सुधार किया जाए।

- स्वामीनाथन रिपोर्ट लागू किया जाए।

- कृषि को उद्योग का दर्जा दिया जाए।

- किसानों को लोकतांत्रिक तरीके से अपनी मांग रखने का अवसर दिया जाए।

- एमएसपी के अनुरूप भुगतान न होने पर सिविल कोर्ट जाने की अनुमति दी जाए।

- एमएसपी की दर पर खरीद न करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाए।


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