भगवान श्रीराम के जन्म लेते ही देवता पहुंच गए अयोध्या
नगर के महुवरिया स्थित बीएलजे इंटर कालेज के मैदान पर आयोजित श्रीराम कथा के पांचवे दिन के प्रसंग की चर्चा व्यासपीठ से दिलीप कृष्ण भारद्वाज ने कहा कि भगवान श्रीराम के जन्म लेने पर सभी देवी देवता अयोध्या में जा पहुंचे। कैलाश पर्वत के डोलने पर भोलेनाथ की तंद्रा टूटी। भोलेनाथ भी बेचैन हो उठे।
जागरण संवाददाता, मीरजापुर : नगर के महुवरिया स्थित बीएलजे इंटर कालेज के मैदान पर आयोजित श्रीराम कथा के पांचवे दिन के प्रसंग की चर्चा व्यासपीठ से दिलीप कृष्ण भारद्वाज ने कहा कि भगवान श्रीराम के जन्म लेने पर सभी देवी देवता अयोध्या में जा पहुंचे। कैलाश पर्वत के डोलने पर भोलेनाथ की तंद्रा टूटी। भोलेनाथ भी बेचैन हो उठे।
कथावाचक ने कहा कि भगवान राम के जन्म लेते ही महादेव कैलाश पर्वत छोड़कर नीलगिरी पर्वत पर पहुंचे। वह काकभुशुण्डि को चेला बनने पर राजी कर अयोध्या नगरी पहुंच गए। वहा सघन पहरा होने के कारण अंदर प्रवेश करने के महादेव गुरु बने और काकभुशुण्डि को चेला पहनाकर नजर झारने वाले बनकर रघुकुल नंदन के पास पहुंचे। वहा उन्होंने नजर झारने के साथ ही लल्ला को गोद में लेकर उनका भाग्य बांचा। द्वार पर महादेव के पहुंचने पर लल्ला रोने लगे। नजर उतारने वाले को अंदर लाया गया। भोलेनाथ का दर्शन कर श्रीराम खिल खिलाकर हंस पड़े। उन्होंने कहा कि जब भगवान राम वनवास गये तो वह 21 वर्ष की आयु उम्र पूरी कर 22 वें वर्ष में प्रवेश किया था। जब कर दूषण की बहन का नाक काटा तो दोनों भाई अपनी 14 हजार सैनिकों की सेना लेकर आ गये। रघुकुल नंदन श्रीराम के सुन्दर स्वरुप देख कर कहा कि वैसे तो मैंने अनेक हत्याएं की हैं पर ऐसी सुंदरता नहीं देखा है। भगवान के प्रति जैसी भावना होती है फल भी वैसा ही फल भी मिलता है। कथा के दौरान आलोक अग्रवाल, राजेश चौरसिया, संजय अग्रवाल, महेंद्र जायसवाल, अनिल बरनवाल, मौजी दूबे, मालती त्रिपाठी, राजकुमारी खत्री आदि मौजूद रहे।