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खतरे के निशान तक पहुंची गंगा की लहरे

इन दिनों की गंगा की लहरें कुछ ज्यादा ही उंची उठ रही हैं। इसी का नतीजा है कि तेज हवा चलने पर यह लहरें खतरे के निशान को भी चूम लेती हैं। लगातार प्रति घंटे तीन सेंटीमीटर की दर से बढ़ते गंगा के जलस्तर को देखकर प्रशासन बाढ़ की आशंका में डूब गया है। इसको लेकर फौरी तौर पर योजनाएं भी बनाई जाने लगी हैं। मंगलवार को कई बाढ़ चौकियों से संपर्क टूटने के बाद प्रशासन चौकन्ना हो गया है। हालांकि अधिकारी अभी खतरा नहीं मान रहे।

By JagranEdited By: Published: Tue, 28 Aug 2018 05:23 PM (IST)Updated: Tue, 28 Aug 2018 11:16 PM (IST)
खतरे के निशान तक पहुंची गंगा की लहरे
खतरे के निशान तक पहुंची गंगा की लहरे

जागरण संवाददाता, मीरजापुर : इन दिनों की गंगा की लहरें कुछ ज्यादा ही उंची उठ रही हैं। तेज हवा चलने पर यह लहरें खतरे के निशान को भी चूम लेती हैं। लगातार प्रति घंटे तीन सेंटीमीटर की दर से बढ़ते गंगा के जलस्तर को देखकर प्रशासन बाढ़ की आशंका में डूब गया है। इसको लेकर फौरी तौर पर योजनाएं भी बनाई जाने लगी हैं। मंगलवार को कई बाढ़ चौकियों से संपर्क टूटने के बाद प्रशासन चौकन्ना हो गया है।

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मंगलवार को गंगा का जलस्तर 70.944 मीटर रिकार्ड किया गया जो कि खतरे के निशान से अभी काफी नीचे है। लेकिन गंगा में उठ रही उंची लहरें बार-बार खतरे के निशान तक पहुंच रही हैं। इस वजह से गांव से लगायत गांवों के लोगों को विशेष हिदायत दी गई है और रात के समय सावधान रहने के लिए कहा गया है क्योंकि अब अगर पानी बढ़ता है वह आसपास के गांवों को अपनी चपेट में ले लेगा, जिससे हालात खराब हो सकते हैं। बाढ़ नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी अशफाक खां ने बताया कि यदि अगले दो दिनों तक इसी तरह से बारिश होती रही तो जलस्तर काफी तेजी से बढ़ेगा। उन्होंने बताया कि इसलिए सभी 24 बाढ़ चौकियों को अलर्ट रहने व हर चार घंटे पर रिपोर्ट देने के निर्देश दिए गए हैं। अधिकारियों ने बताया कि बीते दो दिनों से 3 सेंटीमीटर प्रतिघंटे की दर से गंगा का जलस्तर बढ़ रहा है जो आने वाले दो से तीन दिनों तक जारी रहने की संभावना बनी हुई है। बढ़ा कटान का खतरा

गंगा का जलस्तर बढ़ने से जो समस्याएं हैं वह तो हैं हीं किनारों पर हो रही कटान से भी लोग भयभीत हैं। मंगलवार को गंगा किनारे कई जगहों पर 10 फीट से भी ज्यादा कटान हुई जिसकी वजह से समस्या बढ़ गई है। ओलियर घाट निवासी गनेश गुप्ता ने बताया कि पिछली साल जितनी कटान हुई उससे ज्यादा इस बार हो रही है। यही वजह है कि आसपास के मोहल्लों में रहने वालों की नींद गायब है और दिन रात हो रही कटान से लोग दहशत में है। 'गंगा के जलस्तर व बाढ़ की स्थिति पर बराबर नजर रखी जा रही है। अभी घबराने जैसी स्थिति नहीं है फिर भी हम पूरी सतर्कता बरत रहे हैं।' राजित राम प्रजापति, एडीएम, मीरजापुर।


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