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कर्णावती नदी पर बना पुल ध्वस्त, एक वर्ष बाद भी मरम्मत नही

छानबे विकास खंड के अकोढ़ी-बबुरा संपर्क मार्ग पर कर्णावती नदी पर ध्वस्त पुल का मरम्मत एक वर्ष बाद भी पूरा नहीं कराया गया। वैकल्पिक व्यस्था के सहारे केवल दो पहिया या पैदल यात्री का ही आवागमन हो रहा है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 07 Aug 2018 08:22 PM (IST)Updated: Tue, 07 Aug 2018 10:22 PM (IST)
कर्णावती नदी पर बना पुल ध्वस्त, एक वर्ष बाद भी मरम्मत नही
कर्णावती नदी पर बना पुल ध्वस्त, एक वर्ष बाद भी मरम्मत नही

जागरण संवाददाता, गैपुरा (मीरजापुर) : छानबे विकास खंड के अकोढ़ी-बबुरा संपर्क मार्ग पर कर्णावती नदी पर ध्वस्त पुल की मरम्मत एक वर्ष बाद भी पूरा नहीं कराया गया। वैकल्पिक व्यवस्था के सहारे केवल दो पहिया या पैदल यात्री का ही आवागमन हो रहा है। चार पहिया या बड़े वाहनों का आवागमन लगभग एक वर्ष से ठप है। क्षेत्र के लोगों ने कई बार जनप्रतिनिधियों और विभागीय कार्यालयों का चक्कर लगाया लेकिन आज तक मात्र आश्वासन के अलावा कुछ नहीं मिला। ग्रामीणों ने आक्रोश जताते हुए बताया कि अगर समय रहते पुल की मरम्मत नहीं कराया गया तो बड़ी दुर्घटना से इंकार नहीं किया जा सकता है।

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छानबे क्षेत्र के बबुरा, सुपंथा, तिलई, जोपा, परवा, निफरा समेत दर्जन भर गावों के लोगों को जिला मुख्यालय पर जाने के लिए लगभग 25 किमी का अतिरिक्त चक्कर लगाना पड़ रहा है। नगर विधायक रत्नाकर मिश्र व तत्कालीन जिलाधिकारी ने कर्णावती नदी में अकोढी-बबुरा संपर्क मार्ग पर ध्वस्त पुल पर वैकल्पिक पुल बनाकर पैदल आवागमन शुरु करा कर अविलंब पुल निर्माण कराने का आश्वासन दिया था लेकिन एक वर्ष बीत जाने के बाद आज तक उसी वैकल्पिक व्यवस्था के सहारे पैदल व दोपहिया वाहन का आवागमन तो शुरू है। प्रधान प्रतिनिधि अकोढी पंकज ¨सह ने बताया कि कटान के कारण इस पुल से आवागमन खतरे से खाली नहीं है। गांव के तमाम बच्चे, बुजुर्ग व महिलाओं के साथ अन्य लोगों का आवागमन हो रहा है। ग्रामीणों का आरोप है कि लोक निर्माण विभाग की कुंभकर्णी नींद टूट नहीं रही है वह किसी बड़ी दुर्घटना का इंतजार कर रहा है।


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