विश्वनाथ मंदिर पर टिकी प्रशासन व श्रीविध्य पंडा समाज की निगाहें
सोमवार से देश भर के धार्मिक स्थल खोल दिए गए लेकिन विश्व प्रसिद्ध विध्चाचल मंदिर नहीं खोले जा सके। अब मां विध्यवासिनी के दर्शन-पूजन के लिए भक्तों को और इंतजार करना होगा। मंदिर खोले जाने को लेकर सोमवार को विध्याचल स्थित प्रशासनिक भवन पर नगर विधायक रत्नाकर मिश्र की उपस्थिति में श्रीविध्य पंडा समाज व जिला प्रशासन के बीच बैठक की गई लेकिन कार्ययोजना के अभाव के चलते विध्यवासिनी मंदिर खोलने की तारीख का फैसला नहीं हो सका।
जागरण संवाददाता, मीरजापुर : सोमवार से देश भर के धार्मिक स्थल खोल दिए गए लेकिन विश्व प्रसिद्ध विध्याचल मंदिर नहीं खोला जा सका। अब मां विध्यवासिनी के दर्शन-पूजन के लिए भक्तों को और इंतजार करना होगा। मंदिर खोले जाने को लेकर सोमवार को विध्याचल स्थित प्रशासनिक भवन पर नगर विधायक रत्नाकर मिश्र की उपस्थिति में श्रीविध्य पंडा समाज व जिला प्रशासन के बीच बैठक की गई लेकिन कार्ययोजना के अभाव के चलते विध्यवासिनी मंदिर खोलने की तारीख का फैसला नहीं हो सका। हालांकि विध्यवासिनी मंदिर खोले जाने को लेकर प्रशासन व पंडा समाज की निगाहें अब काशी विश्वनाथ मंदिर पर टिकी हुई हैं और सही समय व मुहुर्त की भी तलाश की जा रही है।
बैठक के दौरान जिलाधिकारी सुशील कुमार पटेल व पुलिस अधीक्षक डा. धर्मवीर सिंह ने पंडा समाज के पदाधिकारियों व तीर्थ पुरोहितों को सरकार के गाइडलाइन से अवगत कराया। जिलाधिकारी ने कहा कि विध्यवासिनी मंदिर पर जनेऊ व मुंडन संस्कार के साथ ही दर्शन-पूजन के लिए काफी संख्या में दर्शनार्थी आते हैं। कोरोना महामारी के चलते मंदिर पर मुंडन संस्कार कराना मुमकिन नहीं है। मंदिर खोलने का अधिकार पंडा समाज को है और सरकारी निर्देशों के तहत पंडा समाज का सहयोग करना जिला प्रशासन का दायित्व है। जिलाधिकारी ने कहा कि मंदिर खुलने पर एक से लेकर दस साल के बच्चे व बुजुर्ग प्रवेश नहीं कर सकेंगे। इसके अलावा जो बीमार हैं उन्हें भी मंदिर पर प्रवेश नहीं करने दिया जाएगा। आम दर्शनार्थी जांच के बाद ही दर्शन के लिए मंदिर तक जा सकेंगे हालांकि पंडा समाज के सुझाव पर तैयारी की जाएगी। नगर विधायक ने कहा कि मंदिर पर आने वाले दर्शनार्थियों को मास्क लगाना व सैनिटाइज्ड करना अनिवार्य होगा। पुलिस अधीक्षक ने कहा कि मंदिर खुलने के बाद संक्रमण की ²ष्टि से पुलिसकर्मियों व तीर्थपुरोहितों को ज्यादा सतर्क रहने की आवश्यकता है। वहीं श्रीविध्य पंडा समाज के अध्यक्ष पंकज द्विवेदी ने कहा कि काशी विश्वनाथ मंदिर और मथुरा के बांके बिहारी मंदिर के खुलने के पश्चात वहां की व्यवस्था की समीक्षा करने के बाद विध्यवासिनी मंदिर खोले जाने पर विचार किया जाएगा। हालांकि कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए सरकार की गाइडलाइन के अनुसार मंदिर पर लगभग सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। साफ-सफाई के साथ शारीरिक दूरी का पालन कराने के लिए गोला बनाया गया है। शेष कार्यों को जल्द से जल्द पूरा कराया जाएगा। साथ ही मंदिर पर दर्शनार्थियों की अधिक भीड़ न हो, इसके लिए टोकन की व्यवस्था किए जाने पर विचार किया जा रहा है। टोकन लेने के बाद क्रमवार सिर्फ पांच दर्शनार्थी ही मंदिर में प्रवेश कर सकेंगे। टोकन की व्यवस्था नि:शुल्क रहेगा। बैठक के दौरान एडीएम वित्त एवं राजस्व यूपी सिंह, नगर मजिस्ट्रेट जगदंबा सिंह, क्षेत्राधिकारी नगर, ईओ नगरपालिका ओमप्रकाश, एसडीएम सदर, पंडा समाज के मंत्री भानु पाठक, सनीदत्त पाठक, गुंजन मिश्र, रघुवर दयाल उपाध्याय आदि रहे। मंदिर न खुलने पर विध्यवासियों में ऊहापोह की स्थिति
एक दिन पूर्व पंडा समाज ने बैठक कर प्रशासन के निर्णय के बाद मंदिर खोले जाने पर सहमति जताई थी। उनका कहना था कि जिला प्रशासन की ओर से जब तक मंदिरों के बाहर लगने वाली भीड़ को नियंत्रित करने एवं सोशल डिस्टेंसिग का अनुपालन सुनिश्चित कराने का आश्वासन नहीं दिया जाता तब तक मंदिरों को खोला जाना संभव नहीं है। अब प्रशासन ने पंडा समाज पर मंदिर खोले जाने का निर्णय लेने का फैसला छोड़ दिया है। पंडा समाज व प्रशासन द्वारा मंदिर खोलने के लिए कोई निर्णय न लिए जाने पर विध्यवासियों में ऊहा-पोह की स्थिति है। मंदिर खोले जाने का निर्णय न होने पर दुकानदारों में मायूसी
सरकार की ओर से आठ जून को धार्मिक स्थल खोले जाने के आदेश के बाद विध्याचल के दुकानदारों के चेहरे पर काफी खुशी झलक रही थी लेकिन कार्ययोजना के अभाव के कारण पंडा समाज व प्रशासन के बीच बैठक के बाद भी विध्यवासिनी मंदिर खोले जाने का निर्णय न होने पर स्थानीय दुकानदारों में मायूसी छा गई। दुकानदारों का कहना है कि लगभग ढाई महीने से बंदी के चलते परिवार चलाना काफी मुश्किल हो गया है। नवरात्रि के दौरान मंदिर बंद रहने से लाखों का नुकसान हुआ है। बिक्री के लिए रखे गए सामान भी खराब हो रहे हैं। अष्टभुजा और कालीखोह मंदिर भी नहीं खुल सके
विध्यवासिनी मंदिर खुलने की तिथि तय न होने पर अष्टभुजा और कालीखोह मंदिर भी नहीं खुल सके। अब यहां भी विध्यवासिनी मंदिर खुलने का इंतजार किया जा रहा है। तीर्थ पुरोहितों का कहना है कि विध्यवासिनी मंदिर खुलने के बाद ही अष्टभुजा व कालीखोह मंदिर खोला जाएगा। मंदिर खुलने से पहले सरकार की गाइडलाइन के अनुसार दर्शन-पूजन की व्यवस्था कराई जाए। भक्तों ने सीढ़ी से ही की मां विध्यवासिनी की आराधना
केंद्र सरकार की ओर से धार्मिक स्थलों को खोलने के लिए अनुमति दी गई है। मंदिर खुलने की सूचना पर सोमवार की सुबह से लेकर शाम तक आम श्रद्धालु गंगा स्नान करने के बाद मां विध्यवासिनी मंदिर पहुंचे लेकिन मंदिर बंद होने पर श्रद्धालुओं ने सीढ़ी पर से ही मां की आराधना की। शादी विवाह का निमंत्रण पत्र देने के लिए श्रद्धालुओं ने मां विध्यवासिनी के चरणों में शादी का कार्ड चढ़ाया।
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बीस मार्च से विध्यवासिनी मंदिर बंद है। इस अप्रत्याशित बंदी के चलते लगभग साठ प्रतिशत तीर्थ पुरोहित भूखमरी के कगार पर हैं। ऐसी स्थिति में मंदिर खोला जाना अतिआवश्यक है।
- राज शुक्ला, तीर्थ पुरोहित विध्यवासिनी मंदिर पर सरकार की गाइडलाइन के अनुसार प्रशासन की ओर से व्यवस्था कराई जाए। मंदिर खुलने से सुरक्षा उपकरण के साथ ही शारीरिक दूरी बनाकर दर्शन-पूजन कराने की भी व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।
- आशु पांडेय, तीर्थ पुरोहित मंदिर बंद होने से दुकानदार से लेकर भिखारी तक भूखमरी के कगार पर हैं। मंदिर खुलने के बाद पचास हजार से अधिक लोगों की रोजी-रोटी शुरू हो जाएगी।
- रामू, तीर्थ पुरोहित मंदिर बंद होने से बिक्री के लिए रखे गए श्रृंगार के सामान व खिलौने खराब हो रहे हैं। इससे लाखों की पूंजी फंसी हुई है। मंदिर खुलने के बाद दुकानदारों को काफी हद तक सहुलियत होगी।
- मनोज कुशवाहा, व्यवसायी, विध्याचल चीनी मिट्टी के बर्तन, खिलौने व प्रतिमा जैसा का तैसा रखा हुआ है। बंदी के चलते परिवार चलाना मुश्किल हो गया है। कर्ज ऊपर से लदा है। अगर मंदिर खोल दिया जाए तो दुकानदारों को कुछ आमदनी हो सकेगी।
- जैकी मोदनवाल, व्यवसायी, विध्याचल विध्यवासिनी धाम में चुनरी बेचकर जीविकोपार्जन करता था। मंदिर न खुलने से दुकानें बंद हैं। इससे परिवार का भरण-पोषण नहीं हो पा रहा है। जल्द से जल्द मंदिर खोला जाए।
- हर्षित खत्री, व्यवसायी, विध्याचल
लगभग ढाई माह से बंदी के बाद अब दुकानदारों में आस जगी है कि मंदिर खुलने से फिर से उनका धंधा चलने लगेगा। अगर मंदिर जल्द से जल्द नहीं खोली गई तो हम लोगों की स्थिति और भी खराब हो जाएगी।
- आनंद बरनवाल, व्यवसायी, विध्याचल