ठंड से रोडवेज की कमाई में मंदी
जागरण संवाददाता, मीरजापुर : ठंडी का असर जन जीवन पर ही नहीं रोडवेज की कमाई पर भी पड़
जागरण संवाददाता, मीरजापुर : ठंडी का असर जन जीवन पर ही नहीं रोडवेज की कमाई पर भी पड़ रही है। ठंड में प्रतिदिन पचास से साठ हजार रुपये की आय कम हो गई है। डग्गामार वाहनों के संचालन बंद न होने से प्रतिदिन लाखों रुपये का चूना लग रहा है। प्रदेश के परिवहन मंत्री के आदेश के बावजूद डग्गामार वाहनों के खिलाफ अभियान नहीं चला। मीरजापुर डिपो से 77 बसों का संचालन हो रहा है। इसमें साठ बसें रोडवेज एवं 17 बसें अनुबंधित हैं। इन बसों के संचालन से सामान्य दिनों में रोडवेज को प्रतिदिन आठ लाख रुपये की आय हो जाती है। लेकिन इधर कड़ाके की ठंड बढने से आय में कमी हो गई है। अब यह आय घट कर साढे़ सात लाख रुपये हो गई है। प्रतिदिन पचास से साठ हजार रुपये की कमी हो गई है। एआरएम सीबी राम ने बताया कि ठंड से कम लेकिन डग्गामार वाहनों से रोडवेज को प्रतिदिन लाखों का चूना लग रहा है।
नहीं चला अभियान:
डग्गामार वाहनों के खिलाफ कारगर अभियान न चलाए जाने से प्राइवेट बसों का संचालन नहीं थम रहा है। प्रबंधन ने बेड़े में नई बसों को लगाने के लिए अनुबंधित बसों के रजिस्ट्रेशन पर रोक लगा दी है। इससे पहले से जो बसें अनुबंधित है केवल उन्हीं बसों का संचालन हो रहा है। इन बसों में एक दर्जन बसें ओवर ड्यू हो चुकी हैं। नई बसों के आने पर इन बसों का संचालन रोक दिया जाएगा। ऐसी बसों को लोकल स्तर पर चलाया जा रहा है। बसों के मामूली मरम्मत का काम डिपो के वर्कशाप में होता है। ज्यादा गड़बड़ी होने पर इन बसों को आजमगढ़ के वर्कशाप में भेज कर मरम्मत कराया जाता है। वर्कशाप में संविदा पर पर्याप्त कर्मचारियों को तैनात किया गया है। उनकी दिन रात तीन चरण में ड्यूटी लगाई जाती है।
मंत्री का आदेश बे-असर:
प्रदेश के सड़क परिवहन मंत्री स्वतंत्र देव ¨सह तीन माह पूर्व रोडवेज का निरीक्षण करने आए थे। उनके सामने भी डग्गामार वाहनों के संचालन का मामला सामने आया था। उन्होंने एआरटीओ व रोडवेज के एआरएम को संयुक्त रूप से डग्गामारी के खिलाफ अभियान चलाने का निर्देश दिया था लेकिन मंत्री के आदेश का अनुपालन नहीं हुआ। आज भी पूर्ववत डग्गामार वाहनों का संचालन हो रहा है। एआरएम ने कहा कि उन्होंने एआरटीओ को कई बार पत्र लिखा लेकिन वह अभियान चलाने के लिए समय नहीं दे रहे हैं।