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बटाई पर खेती करने वालों की ऊपज का होगा सत्यापन

सरकार द्वारा धान खरीद में बटाई पर खेती करने वाले किसानों को क्रय केंद्रों पर धान बेचने की राहत दी है लेकिन शर्तो के अधीन। बटाई पर खेती करने वाले किसान को संबंधित किसान से सहमति पत्र लेकर जमा करना होगा। बटाई पर खेती करने वाले किसानों की उपज का सत्यापन एसडीएम द्वारा किया जाएगा।

By JagranEdited By: Published: Tue, 12 Nov 2019 05:52 PM (IST)Updated: Tue, 12 Nov 2019 05:52 PM (IST)
बटाई पर खेती करने वालों 
की ऊपज का होगा सत्यापन
बटाई पर खेती करने वालों की ऊपज का होगा सत्यापन

जागरण संवाददाता, मीरजापुर : सरकार द्वारा धान खरीद में बटाई पर खेती करने वाले किसानों को क्रय केंद्रों पर धान बेचने की राहत दी है, लेकिन शर्तो के अधीन। बटाई पर खेती करने वाले किसान को संबंधित किसान से सहमति पत्र लेकर जमा करना होगा। बटाई पर खेती करने वाले किसानों की ऊपज का सत्यापन एसडीएम द्वारा किया जाएगा। एसडीएम से रिपोर्ट मिलने के बाद ही क्रय केंद्र पर धान खरीद हो सकेगी। इसके बाद ही उनके खाते में खरीद की धनराशि पीएफएमएस से भेजी जाएगी। वर्तमान समय में अब तक सात किसानों से 27.38 एमटी धान खरीद की जा चुकी है। पारदर्शिता बरतने के उददेश्य से जनपद में पहली बार पीएफएमएस से 99 कुंतल धान खरीद का एक लाख 77 हजार रूपया भुगतान भी किया गया है।

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जनपद में एक नवंबर से चल रही धान खरीद आगामी 29 फरवरी 2020 तक चलेगी। गांवों में कई जमीन विहीन किसान दूसरे बड़े किसानों से एक वर्ष की बटाई पर खेत लेकर खेती बारी करते हैं, लेकिन उनको अपनी उपज को बेचने के लिए खेत मालिक अथवा साहूकारों के पास जाना पड़ता है, जिससे उनको उपज का सही मूल्य नहीं मिल पाता है, इसको देखते हुए सरकार ने ये व्यवस्था लागू की है। हांलाकि इसके लिए बटाई पर खेती करने वाले किसानों को सहमति पत्र या ठेके पर लेकर खेती करने वाले बड़े किसानों को एग्रीमेंट देना होगा। जिला खाद्य व विपणन अधिकारी अजीत कुमार त्रिपाठी ने बताया कि शासन द्वारा सामान्य धान का 1815 रुपया प्रति कुंतल और ग्रेड ए धान का 1835 रुपया समर्थन मूल्य तय किया गया है। जिलाधिकारी द्वारा खरीद के लिए 105 क्रय केंद्र बनाए गए है। जिसमें खाद्य विभाग का 12, पंजीकृत उप सहकारी समिति का 18, एफपीसी का 13, पीसीएफ का 35, यूपी एग्रो का तीन, पीसीयू का सात, नैफेड का 12, कल्याण निगम का चार व भारतीय खाद्य निगम का एक क्रय केंद्र बनाया गया है।


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