कोरोना के डर से मंडलीय चिकित्सालय में भी सन्नाटा
कोरोना रोग के डर से शुक्रवार को मंडलीय चिकित्सालय में सन्नाटा छाया रहा। नाम मात्र के मरीज चिकित्सालय में दिखाई दिए। जो आए वे फटाफट डाक्टर को दिखाकर दवा लेकर गायब हो गए। इससे दवा और पर्ची काउंटर पर खाली खाली रहा।
जागरण संवाददाता, मीरजापुर : कोरोना रोग के डर से शुक्रवार को मंडलीय चिकित्सालय में सन्नाटा छाया रहा। नाम मात्र के मरीज चिकित्सालय में दिखाई दिए जो लोग आए भी वे फटाफट डाक्टर को दिखाकर चले गए। इससे दवा और पर्ची काउंटर पर सन्नाटा पसरा रहा। जिन मरीजों को अधिक बीमारी थी वहीं केवल अपना इलाज कराने आ रहे थे, अन्य कोई चिकित्सालय में नहीं दिखा। जबकि एक सप्ताह पहले तक 1500 से दो हजार मरीज अपना इलाज कराने आ रहे थे। मरीजों की संख्या में कमी आने पर डाक्टरों ने भी राहत की सांस ली।
मंडलीय चिकित्सालय में पिछले सौ सालों का रिकार्ड शुक्रवार को टूट गया। लोगों की मानें तो करीब सौ वर्ष पूर्व हैजा नामक बीमारी फैलने से सैंकड़ों लोगों की मौत हुई थी, जिससे पूरे जिले में हाहाकार मच गया था। उस समय केवल वही मरीज चिकित्सालय आते थे जो इस रोग से पीड़ित थे अन्यथा दूसरा कोई नहीं आता था। ऐसे में अस्पताल में सन्नाटा छा गया था। कुछ ऐसा ही हाल वर्तमान समय में आ गया है। आज की स्थिति के अनुसार मंडलीय चिकित्सालय में जहां 1800 से दो हजार मरीज प्रतिदिन इलाज कराने आते थे वहीं शुक्रवार को पांच सौ मरीज ही इलाज कराने आए। इसमें सबसे अधिक पेट दर्द, सर्दी जुकाम व अन्य बीमारी के आए। इसके बाद बच्चों का इलाज कराने के लिए लोग आए। कोरोना के डर से वार्ड में भर्ती मरीज भी छुट्टी कराकर अपने घर भाग रहे हैं ताकि वह इस बीमारी की चपेट में नहीं आ सके।