अस्तित्व की लड़ाई लड़ रही महिलाओं की सेवा नेक काम
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर देवा फाउंडेशन द्वारा संचालित अन्विता विशेषीकृत गृह (संवासिनी गृह) में महिला अधिकारों को लेकर एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कई दर्द के पहाड़ तुझपे टूटते देखा पर तुझे कभी नहीं टूटते देखा.. कुछ इसी जज्बे के साथ संवासिनी गृह में रह रही मानसिक मंदित अर्द्धविक्षिप्त किशोरियों द्वारा प्रस्तुत सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने लोगों का मन मोह लिया।
जागरण संवाददाता, चुनार (मीरजापुर) : अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर देवा फाउंडेशन द्वारा संचालित अन्विता विशेषीकृत गृह (संवासिनी गृह) में महिला अधिकारों को लेकर एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कई दर्द के पहाड़ तुझपे टूटते देखा, पर तुझे कभी नहीं टूटते देखा.. कुछ इसी जज्बे के साथ संवासिनी गृह में रह रही मानसिक, मंदित, अर्द्धविक्षिप्त किशोरियों द्वारा प्रस्तुत सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने लोगों का मन मोह लिया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद राज्य महिला आयोग उत्तर प्रदेश की सदस्य मीना चौबे व बाकी अतिथि भी इन किशोरियों और महिलाओं की प्रस्तुति व स्थिति देख कर भावुक हो गए।
कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि समेत आरएसएस सेवा गाथा की संयोजिका विजयलक्ष्मी, सीए सुदेशना बासु व अन्विता की सीईओ मोहिनी झंवर द्वारा दीप प्रज्जवलन के साथ हुआ। इस दौरान महिला आयोग की सदस्य मीना चौबे ने कहा कि जो महिलाएं अपने अस्तित्व को पाने की लड़ाई लड़ रही हो उनकी सेवा करना बेहद पुण्य का काम है। उन्होंने अन्विता प्रकल्प में संवासिनियों के लिए चलाए जा रहे सेवा कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि ऐसे रोगी अपने परिवारीजनों की ही उपेक्षा का शिकार होते हैं। मोहिनी झवर ने संस्था के उद्देश्यों की जानकारी देते हुए कहा कि 2016 में इस प्रकल्प की स्थापना की गई थी और आज इस प्रकल्प से 85 मनोरोगी और अर्द्धविक्षिप्त संवासिनी पूरी तरह ठीक होकर अपने घरों को जा चुकी है। अपनी टीम के साथ आए 39जीटीसी वाराणसी के सूबेदार महेंद्र कुमार यादव ने गंगा को अविरल बनाने के लिए लोगों को प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि महिलाएं समाज के किसी क्षेत्र में न पीछे हैं न रहेंगी। सांस्कृतिक कार्यक्रम संगीता, सुषमा, वीना, प्रीति, वंदना के निर्देशन में प्रस्तुत किए गए। संचालन सौम्या ने किया।