रेन वाटर हार्वेंस्टिग बनवाने में स्कूलों हो रहा गोलमाल
भावी पीढ़ी को जल संकट से उबारने के लिए सरकार द्वारा रेन वाटर हार्वेस्टिग व्यवस्था लागू की गई है। इसके तहत जनपद के सभी सरकारी भवनों और परिषदीय स्कूलों में रेन वाटर हार्वेस्टिग की व्यवस्था की जा रही है। जिला प्रशासन और बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा विद्यालय कलस्टर योजना के तहत कंपोजिट ग्रांट के माध्यम से निर्माण कराया जाना है। यही से बेसिक शिक्षा विभाग में गोलमाल का खेल शुरु हो गया है। कंपोजिट ग्रांट से निर्माण कराने की बजाए जन सहयोग से निर्माण कराकर अथवा बच्चों से गड्ढा खोदवाकर धनराशि का गोलमाल किया जा रहा है।
जागरण संवाददाता, मीरजापुर : भावी पीढ़ी को जल संकट से उबारने के लिए सरकार द्वारा रेन वाटर हार्वेस्टिग व्यवस्था लागू की गई है। इसके तहत जनपद के सभी सरकारी भवनों और परिषदीय स्कूलों में रेन वाटर हार्वेस्टिग की व्यवस्था की जा रही है। जिला प्रशासन और बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा विद्यालय कलस्टर योजना के तहत कंपोजिट ग्रांट के माध्यम से निर्माण कराया जाना है। यही से बेसिक शिक्षा विभाग में गोलमाल का खेल शुरु हो गया है। कंपोजिट ग्रांट से निर्माण कराने की बजाए जन सहयोग से निर्माण कराकर अथवा बच्चों से गड्ढा खोदवाकर धनराशि का गोलमाल किया जा रहा है।
जल संरक्षण के लिए रेन वाटर हार्वेस्टिग इस समय की सबसे बड़ी जरूरत बन गई है। सरकार इसके लिए आम जनमानस को जागरूक कर रही है तो दूसरी तरफ सभी सरकारी भवनों में रेन वाटर हार्वेस्टिग सिस्टम लागू बन रहा है। इसके तहत जनपद के 2228 परिषदीय स्कूलों सहित अन्य सरकारी भवनों में बनवाया जा रहा है। इसको बनवाने में धन की कमी नहीं आए इसके लिए कंपोजिट ग्रांट की व्यवस्था की गई है। बावजूद इसके शिक्षकों द्वारा बनवाने में धन का बंदरबांट किया जा रहा है। जिला समन्वयक अजय श्रीवास्तव ने बताया कि रेन वाटर हार्वेस्टिग बनवाने के लिए कंपोजिट ग्रांट से लगभग 19 हजार रूपया दिया जा रहा है।
------------
शिक्षकों को कंपोजिट ग्रांट से स्कूलों में रेन वाटर हार्वेस्टिग बनवाना है। बच्चों से कदापि कार्य न कराया जाए। इसमें किसी प्रकार की लापरवाही क्षम्य नहीं होगी।
- प्रवीण कुमार तिवारी, बीएसए, मीरजापुर।