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अक्षरों के हेरफेर से चल रहा प्रधानमंत्री आवास में गोलमाल

पुरानी कहावत है गांव बसा नहीं लुटेरे पहले ही पहुंच गए। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत लाभार्थियों को आवास मिला नहीं और आवास आवंटन में पहले से ही गोलमाल शुरु हो गया। विभागीय कर्मचारियों द्वारा प्रधानमंत्री आवास आवंटन व बजट वितरण में अक्षरों से गोलमाल किया जा रहा है। लाभार्थियों के नामों की आनलाइन फीडिग करते समय ही नाम के अंत में अक्षरों में जान बूझकर गड़बड़ी की जा रही है। नामों के अक्षरों में गड़बड़ी के चलते कंप्यूटर साफ्टवेयर एक से अधिक नामों वाले व्यक्तियों का मिलान नहीं कर पा रहा है और इसी कमी का फायदा आवास से जुड़े घपलेबाज उठा रहे है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 01 Mar 2019 06:20 PM (IST)Updated: Fri, 01 Mar 2019 06:20 PM (IST)
अक्षरों के हेरफेर से चल रहा
प्रधानमंत्री आवास में गोलमाल
अक्षरों के हेरफेर से चल रहा प्रधानमंत्री आवास में गोलमाल

जागरण संवाददाता, मड़िहान (मीरजापुर) : पुरानी कहावत है गांव बसा नहीं लुटेरे पहले ही पहुंच गए। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत लाभार्थियों को घर मिला नहीं और आवास आवंटन में पहले ही गोलमाल शुरू हो गया। विभागीय कर्मचारियों द्वारा प्रधानमंत्री आवास आवंटन व बजट वितरण में अक्षरों से गोलमाल किया जा रहा है। लाभार्थियों के नामों की आनलाइन फीडिग करते समय ही नाम के अंत में अक्षरों में जान बूझकर गड़बड़ी की जा रही है। नामों के अक्षरों में गड़बड़ी के चलते कंप्यूटर साफ्टवेयर एक से अधिक नामों वाले व्यक्तियों का मिलान नहीं कर पा रहा है और इसी कमी का फायदा आवास से जुड़े घपलेबाज उठा रहे है।

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विकास खंड पटेहरा कला के रामपुर रेक्सा में इस तरह का मामला प्रकाश में आया है। जिसमें एक ही परिवार में ग्राम प्रधान ने पति अजीज पुत्र कल्लू व पत्नी सखरी बानो पत्नी अजीज को भी इस योजना से लाभान्वित कर दिया। प्रधान व सेक्रेटरी ने पति-पत्नी को आवास का लाभ दोनों नामों के परिजनों की नाम के अक्षरों का उलटफेर कर सूची तैयार कर दी। जिसमें एक में शहीदन तो दूसरे में शहीदल लिखा गया। पति-पत्नी को लाभ पहुंचाने के लिए अक्षर एन और एल का इस्तेमाल किया गया, जबकि पात्र लाभार्थी आवास की बाट जोह रहे है। बता दे कि पटेहरा ब्लाक के रजौहा तथा रामपुर रेक्शा गांव में अनियमितता सामने आने के बाद आनन फानन में धन को जमा करा दिया गया। ग्राम विकास अधिकारी गोबिद पासवान ने बताया कि फैमिली आईडी है। वहीं कई लाभार्थियों के पिता या पति के नाम दूसरे धर्म के लोग दिख रहे है।

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ससमय आवास पूर्ण होने में संशय

पटेहरा ब्लाक में वर्ष 2016 -17 में 1168 आवास, वर्ष 2017 -18 में 578, वर्ष 2018 -19 में 383 सहित कुल 2129 आवास जारी है तो राजगढ़ ब्लाक में वर्ष 2016- 17 में 1103, वर्ष 2017 -18 में 742, वर्ष 2018-19 में 190 आवास आवंटित किए गए है।

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पति -पत्नी को आवास हो ही नही सकता है। मामले की जांच कराकर कार्रवाई की जाएगी। जांच के बाद ही सही स्थिति स्पष्ट हो पाएगी।

- डीपी सिंह, खंड विकास अधिकारी पटेहरा।


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