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जाति-धर्म से ऊपर उठ सोचने वाला हो सांसद

एक आदर्श सांसद में क्या-क्या गुण होने चाहिए इसकी अपेक्षा जनता में भी होती है। जनपद के लोगों ने बातचीत में बताया कि जिले का सांसद ऐसा हो जो जाति व धर्म से उपर उठकर सोचने वाला हो। सांसद को विकास करने के लिए जाति व धर्म के आधार पर स्थानों का चयन नहीं करना चाहिए बल्कि जहां सबसे ज्यादा जरुरत हो वहां पहले विकास किया जाए। आम लोगों की अपेक्षा है कि जाति व धर्म से अलग हटकर काम करने वाले नेता को ही सभी लोगों का पसंदीदा कहा जा सकता है। ऐसे कई नेता हुए जिन्होंने जाति-धर्म की राजनीति की लेकिन आज उन्हें पूछने वाला कोई नहीं है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 22 Mar 2019 07:20 PM (IST)Updated: Fri, 22 Mar 2019 10:57 PM (IST)
जाति-धर्म से ऊपर उठ सोचने वाला हो सांसद
जाति-धर्म से ऊपर उठ सोचने वाला हो सांसद

जासं, मीरजापुर : एक आदर्श सांसद में क्या-क्या गुण होने चाहिए इसकी अपेक्षा जनता में भी होती है। जनपद के लोगों ने बातचीत में बताया कि जिले का सांसद ऐसा हो जो जाति व धर्म से उपर उठकर सोचने वाला हो। सांसद को विकास करने के लिए जाति व धर्म के आधार पर स्थानों का चयन नहीं करना चाहिए बल्कि जहां सबसे ज्यादा जरुरत हो, वहां पहले विकास किया जाए। आम लोगों की अपेक्षा है कि जाति व धर्म से अलग हटकर काम करने वाले नेता को ही सभी लोगों का पसंदीदा कहा जा सकता है। ऐसे कई नेता हुए जिन्होंने जाति-धर्म की राजनीति की लेकिन आज उन्हें पूछने वाला कोई नहीं है। लोग बोले-

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'चुनाव आते ही लोगों को उनकी जाति या मजहब का एहसास दिलाने वाले नेता ही होते हैं। इसके बाद पांच साल कोई पूछने नहीं आता कि फलां जाति का वह व्यक्ति या फलाने धर्म के लोगों का क्या हाल है। इसलिए लोगों को यह समझना चाहिए।'

- दिलशाद अहमद

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'बात यह नहीं है कि कौन किसको वोट दे रहा है, बात यह होनी चाहिए कि जो भी जीते, वह सबको बराबर मौका दे। ऐसा न हो कि वे पहले से तय कर लें कि अमुक व्यक्ति ने हमें वोट नहीं दिया है तो उसे कोई लाभ न मिलने पाए।'

- मतीन अहमद

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'सभी सांसदों के लिए यह तय किया जाना चाहिए कि उन्हें इतने दिन अपने संसदीय क्षेत्र में रहना ही रहना है। क्योंकि ज्यादातर लोग जो चुनाव जीतकर जाते हैं वे दिल्ली या लखनऊ में ही रहना पसंद करते हैं। गांवों में तो कभी जाते ही नहीं, अब यह परंपरा बदलनी चाहिए।'

- विजय कुमार

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'हमारा सांसद ऐसा हो जो सबको साथ लेकर चल सके। उसके अंदर अपनेपन की भावना हो और जो भी विकास हो रहा है, उसे वे खुद देखें तो कई सारी सच्चाई सामने आ जाएगी। सांसद को मृदुभाषी व सरल व्यक्तित्व का होना चाहिए ताकि सभी उन तक पहुंच सकें।'

- अभिषेक

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