गंगा जलस्तर में तेजी से वृद्धि, तटवर्ती इलाकों में बढ़ी चौकसी
लगातार हुई बारिश व अन्य जिलों से छोड़े गए पानी की वजह से गंगा के जलस्तर में लगातार वृद्धि हो रही है। इसकी वजह से तटवर्ती इलाकों में चौकसी बढ़ गई है। शनिवार को गंगा का जलस्तर 75.
जागरण संवाददाता, मीरजापुर : लगातार बारिश व अन्य जिलों से छोड़े गए पानी की वजह से गंगा के जलस्तर में लगातार वृद्धि हो रही है। इसकी वजह से तटवर्ती इलाकों में चौकसी बढ़ गई है। शनिवार को गंगा का जलस्तर 75.850 मीटर पहुंच गया और प्रति घंटे तीन सेंटीमीटर की दर से यह बढ़त जारी है। जिले के सभी बाढ़ चौकियों को अलर्ट किया गया है।
गंगा का जलस्तर लगातार बढ़ने से इस वर्ष का सबसे ज्यादा जलस्तर शनिवार को रिकार्ड किया गया। अब 74 मीटर के आसपास रहा गंगा का जलस्तर शनिवार को 75 मीटर का आंकड़ा पार कर गया और इसी तरह से बढ़त जारी रही तो यह खतरे के निशान 77.740 के पास भी पहुंच सकता है। जिला प्रशासन की ओर से सभी 34 बाढ़ चौकियों को अलर्ट जारी किया गया है। केंद्रीय जल आयोग के अवर अभियंता रविशंकर सिंह ने बताया कि इस समय तीन सेंटीमीटर प्रतिघंटा पानी बढ़ रहा है जो कल से एक सेंटीमीटर कम हुआ है लेकिन यह बढ़ भी सकता है। वहीं जलस्तर के बढ़ाव को देखते हुए तटवर्ती इलाकों के ग्रामीण पानी से बचाव के लिए उपाय करने में जुट गए हैं।
मल्लेपुर के घरों में घुसा पानी
जासं, चील्ह : बढ़ते जलस्तर का सबसे ज्यादा असर चील्ह थानाक्षेत्र के मल्लेपुर गांव में देखा जा रहा है जहां कई घरों में पानी घुस गया। स्थानीय लोग अपने मवेशियों को बचाने के लिए ऊंचे स्थानों की ओर ले गए। बीती रात से ही गंगा का पानी गांवों की ओर चढ़ने लगा है जिसकी वजह से क्षेत्र में तिल्ली, बाजरा, परवल, लौकी की फसलें डूबने लगी हैं। स्थानीय लोगों ने बताया कि इसी तरह से पानी बढ़ता रहा तो तिलहन व सब्जियों की खेती पूरी तरह से बर्बाद हो जाएगी। शनिवार को पानी बढ़ने से मुजेहरा कला, बल्लीपरवा, चेकसारी, कोल्हुआ, मझिगवां, मवैया, हरसोसपुर, मझरा, सेमरां आदि गांवों तक पानी पहुंच गया जिससे स्थानीय किसानों व ग्रामीणों की चिता बढ़ गई। प्रशासन की ओर से अभी किसी अधिकारी ने क्षेत्र का दौरा नहीं किया है।
खेतों को आगोश में ले रहीं गंगा
जासं, सीखड़ : गंगा के बढ़ते जलस्तर के कारण बाढ़ का पानी शनिवार को मेड़िया पुल से होकर चुनारघाट-कछवां मार्ग स्थित कठेरवा मोड़ स्थित पुलिया से मार्ग के दूसरी ओर निकलकर खेतों में फैलने लगा। मेड़िया पुल से कठेरवा पुलिया के बीच निचले हिस्से के खेतों में पानी फैल गया है। इस वजह से मूंगफली, अरहर, बाजरा, तिल की फसल के नुकसान होने की संभावना बढ़ गई। वहीं गंगा का पानी सोता से होते हुए फुलहा गांव के गेट के पास पहुंच गया। पानी के बढ़ाव के कारण क्षेत्र के निचले हिस्से के गांवों पिपराही, धन्नूपुर, पसियाही, मझरा कला के खेतों में पानी घुस आया। पानी के बढ़ाव की रफ्तार पर सभी नजर बनाए हुए हैं। क्षेत्र की आठ बाढ़ चौकियों के माध्यम से स्थिति पर नजर रखी जा रही है।