कोरोना संकट के चलते बाजारों से राखी की चमक गायब
भाई बहन के पवित्र प्रेम और विश्वास के प्रतीक रक्षाबंधन पर्व को मात्र दस दिन शेष हैं लेकिन इस बार कोरोना संकट के चलते अभी तक राखी की चमक बाजारों में नहीं बिखर पा रही है। वहीं दूसरी ओर भारत-चीन सीमा विवाद के बाद लोगों में चीन के प्रति गुस्सा है जिसके चलते इस बार चाइनीज राखियां भी बाजारों से गायब हैं।
जागरण संवाददाता, चुनार (मीरजापुर) : भाई बहन के पवित्र प्रेम व विश्वास के प्रतीक रक्षाबंधन पर्व को मात्र दस दिन शेष हैं लेकिन इस बार कोरोना संकट के चलते अभी तक राखी की चमक बाजारों में नहीं बिखर पा रही है। दूसरी ओर भारत-चीन सीमा विवाद के बाद लोगों में चीन के प्रति गुस्सा है। इसके चलते इस बार चाइनीज राखियां भी बाजारों से गायब हैं। दुकानदारों ने अबकी देशी राखियों को तवज्जो देना शुरू किया है। वहीं बहनों को भी स्वदेशी राखियां ज्यादा भा रही हैं। हर साल जहां बाजार में सत्तर से अस्सी फीसद तक चाइनीज राखियों का कब्जा होता था वहीं इस बार दुकानदारों ने चाइनीज माल से तौबा कर ली है। हो सकता है नगर की कुछ एक दुकानों पर पिछले वर्ष का बचा खुचा माल व्यापारियों ने लगाया हो, लेकिन इस बार दिल्ली, बरेली, कोलकाता समेत वाराणसी में बनने वाली राखियां मार्केट में उपलब्ध हैं।
रक्षाबंधन पर एक महीने पहले से ही बाजार में चहक उठते थे। राखी की दुकानें सज जाती थीं। बहनें अपने भैया की कलाई सजाने को राखी चुनने पहुंचने लगती थीं। इस बार माहौल बिल्कुल अलग है। दुकानें कम दिख रही हैं। इसकी सबसे बड़ी वजह चार महीने से लॉकडाउन का होना है। लोग पर्व मनाने का उत्साह ही खोते जा रहे हैं। डिमांड में कमी आने से दुकानदार राखी मंगाने में इस बार अधिक पूंजी नहीं फंसा रहे हैं। राखी के कारोबारियोंका कहना है कि अबकी बड़ी मुश्किल है। राखी का मुख्य व्यवसाय तीन-चार दिन पहले ही चढ़ता है, लेकिन इस बार राखी के पहले रविवार व शनिवार पड़ जा रहा है। ऐसे में बिक्री में वह तेजी नहीं रहेगी। व्यापारी इस बार राखी के फीके बाजार से चिंतित हैं। वह कहते हैं कि कोरोना के डर से ग्राहक निकल ही नहीं रहे हैं।
क्या कहते हैं दुकानदार
भारत चीन विवाद के चलते बाजार में इस बार चाइना मेड राखियों की डिमांड में कमी है। स्वदेशी राखियां थोड़ी महंगी जरूर हैं लेकिन कारीगरी उम्दा है, बहनों को पसंद आ रही हैं।
-संतोष गुप्ता, दुकानदार
इस बार कोरोना संकट के चलते बाजार में रौनक नहीं हैं। सप्ताह में शनिवार रविवार की बंदी से भी बाजार उठ नहीं रहा है। त्योहार का बाजार ही दो दिनों का होता है लेकिन कोरोना के चलते ग्राहक नहीं निकल रहे हैं।
-शनि केशरी, दुकानदार