आसमान से बरसा सोना, फसलों को मिली संजीवनी
किसानों की मंशानुरुप आखिरकार बरसात हो गई। बारिश से किसानों के चेहरे खिल उठे। बारिश ने फसलों को एक नई संजिवनी प्रदान की तो किसानों ने राहत की सांस ली। बारिश से किसानों के गेहूं की फसल में वृद्धि होने के आसार है। बारिश को देखते हुए कृषि वैज्ञानिकों ने किसानों को खेती में बरते जाने वाले उपाय बताए है। उप निदेशक कृषि डा. अशोक उपाध्याय ने किसानों को यूरिया की टाप ड्रे¨सग अर्थात खेतों में यूरिया का छिड़काव करने की सलाह दी है।
जागरण संवाददाता, मीरजापुर : किसानों की मंशा के अनुरूप आखिरकार बरसात हो गई। बारिश से किसानों के चेहरे खिल उठे। बारिश ने फसलों को एक नई संजीवनी प्रदान की तो किसानों ने भी राहत की सांस ली। बारिश से किसानों के गेहूं की फसल में वृद्धि होने के आसार है। बारिश को देखते हुए कृषि वैज्ञानिकों ने किसानों को खेती में बरते जाने वाले उपाय बताए है। उप निदेशक कृषि डा. अशोक उपाध्याय ने किसानों को यूरिया की टाप ड्रे¨सग अर्थात खेतों में यूरिया का छिड़काव करने की सलाह दी है।
अगहन हून, पूष दून, माघ सवाई..
घाघ कवि की मौसम के बारे में कही गई बातों के अनुसार, बुधवार को तड़के हुई बरसात ने फसलों के लिए संजीवनी का कार्य किया। माघ माह में हुई बरसात से क्षेत्र में अरहर, चना, सरसों, अलसी, मसूर, मटर के साथ ही गेहूं की पैदावार में वृद्धि होना तय माना जा रहा है। पिछले दिनों हुई तेज धूप से बढ़े तापमान से किसानों के माथे पर ¨चता की लकीरें साफ दिखाई देने लगी थी। बुधवार को हुई बारिश से तापमान नीचे आ गया। जानकारों का मानना है कि अभी मौसम का ठंड रहना जरूरी है। ड्रमंडगंज संवाददाता के अनुसार हलिया विकास खंड में बुधवार की सुबह लगभग 20 मिनट बारिश के साथ पांच मिनट ओलावृष्टि भी हुई।बरसात से किसानों के चेहरे खिल उठे।किसानों के अनुसार पानी से चना मटर, मसूर, सरसों, अरहर, गेहूं की फसल को फायदा होगा। लालगंज में सुबह आधे घंटे से बरसात हुई। गरज चमक के साथ बारिश हुई तेज हवाओं को चलने से गलन बढ़ी। पानी से चना, मटर, मसूर, गेहूं, सरसो, अरहर आदि को फायदा मिलेगा।चुनार में तेज बारिश में साथ हुई ओलावृष्टि से मौसम ने अचानक मोड़ ले लिया। इससे अचानक से ठंड बढ़ गई।सुबह करीब 6 बजे तेज गरज के साथ शुरू हुई बारिश।
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यूरिया का करें छिड़काव
वर्तमान समय में ¨जक का प्रयोग करने से फसल अच्छी होगी और उत्पादन बढ़ेगा। किसान पांच किग्रा ¨जक सल्फेट को एक हजार लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करें। 20 किग्रा यूरिया का प्रति हेक्टेअर छिड़काव करें।
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वर्जन
किसानों के लिए मंगलवार की रात में पानी नहीं सोना बरसा। वर्तमान समय में गेहूं में ¨सचाई की काफी आवश्यकता थी। बारिश ने आखिरकार इसकी पूर्ति कर ही दिया। बारिश होने से किसानों के गेहूं की फसल में आशा के अनुरुप वृद्धि होगी।
- डा. अशोक उपाध्याय, उप कृषि निदेशक, ¨वध्याचल मंडल।