शुद्ध पानी बनेगा चुनावी मुद्दा, फ्लोराइड से प्रभावित कई गांव
शुद्ध पानी बनेगा चुनावी मुद्दा फ्लोराइड से प्रभावित कई गांव
सतीश रघुवंशी, मीरजापुर :
लोकसभा चुनाव के दौरान स्थानीय मुद्दे कई बार राष्ट्रीय मुद्दों पर हावी रहते हैं। इस बार भी मीरजापुर संसदीय क्षेत्र में कई स्थानीय मुद्दे नेताओं को परेशान कर सकते हैं। मझवां ब्लाक में पीने के शुद्ध पानी का मुद्दा गरम है। लालगंज, मड़िहान तहसीलों में जलस्तर तीन सौ फीट नीचे खिसकने से हैंडपंप सूख गए हैं। पहाड़ी नदियां, तालाबों का अस्तित्व दिन ब दिन खत्म होता जा रहा है। शुद्ध पानी के लिए जनपद में एकीकृत परियोजना अभी तक न बनी, न क्रियान्वित हुई। यह मुद्दा यहां के मतदाताओं को अंदर ही अंदर मथ रहा है।
जिले के आधे भूभाग में पानी की भयंकर किल्लत है। यह दशकों पुरानी समस्या ज्यों की त्यों चली आ रही है। खेती के लिए बाणसागर जैसी हजारों करोड़ की परियोजना तो चालू कर दी गई लेकिन पीने के शुद्ध पानी का अभी अकाल बना हुआ है। राजगढ़, पटेहरा, लालगंज, हलिया, पहाड़ी व छानबे, जिगना, ड्रमंडगंज पहाड़ी व पथरीला क्षेत्र है, जहां के लोगों तक पानी पहुंचा पाना बड़ी समस्या है। जनपद के तीन सौ से ज्यादा गांव ऐसे हैं जो पानी की समस्या से जूझ हैं। यहां जलस्तर 110 से गिरकर 300 फीट से भी नीचे चला गया है। लालगंज ब्लाक के राजमणि मिश्रा कहते हैं कि सड़क, बिजली, पानी में पानी सबसे पीछे आता है। जबकि जीवन का यह सबसे पहला आधार है। सरकारें आज तक जनता को शुद्ध पानी तक मुहैया नहीं करा पाईं। उन्होंने कहा कि जनपद के लोग पानी की समस्या को झेल रहे हैं। यह नेताओं के लिए मुद्दा बने न बने जनता का मुद्दा बना हुआ है।
पीने योग्य नहीं पानी
मझवां ब्लाक के गोरही ग्रामसभा स्थित हीरापुर व कछवां के लालपुर गांव के पानी की जांच जलनिगम ने कराई। लखनऊ के विधि विज्ञान प्रयोगशाला में हुई जांच में इन गांवों के पानी में फ्लोराइड की मात्रा खतरनाक स्तर तक पाई गई। इससे साफ है कि इन पूरे क्षेत्र के गांवों में हैंडपंप का पानी पीने योग्य नहीं है। इससे हड्डी रोग, दांत के रोग, सांस की बीमारी सहित कई बीमारियां होने का खतरा है। स्थानीय लोगों का कहना है इस बार के चुनाव में पानी हमारी प्रमुख मांग होगी।
जनपद में जल की स्थिति
भूगर्भ जल की उपलब्धता- 43532.33 हेक्टेयर मीटर
जल का वाíषक दोहन- 24132.18 हेक्टेयर मीटर
भविष्य की उपलब्धता- 22251.19 हेक्टेयर मीटर
भूगर्भ जल की विकास दर- 48.72 हेक्टेयर मीटर
जनपद में जलस्तर गिरावट- 40 सेमी. प्रतिवर्ष