श्रमिकों को वापस बुला रहे पंजाब-हरियाणा के किसान
पंजाब व हरियाणा में आने वाले कुछ दिनों के दौरान वृहद पैमाने पर धान की रोपाई की जानी है। इस काम के लिए ज्यादातर पूर्वी उत्तर प्रदेश व बिहार के श्रमिक ही लगाए जाते हैं। कोरोना जैसी वैश्विक महामारी के बाद इन राज्यों से भी ज्यादातर श्रमिक अपने-अपने गृह जनपद लौट आए हैं। लेकिन अब बड़े किसानों के फोन श्रमिकों के पास पहुंचने लगे हैं।
जासं, मीरजापुर : पंजाब व हरियाणा में आने वाले कुछ दिनों के दौरान वृहद पैमाने पर धान की रोपाई की जानी है। इस काम के लिए ज्यादातर पूर्वी उत्तर प्रदेश व बिहार के श्रमिक ही लगाए जाते हैं। कोरोना जैसी वैश्विक महामारी के बाद इन राज्यों से भी ज्यादातर श्रमिक अपने-अपने गृह जनपद लौट आए हैं। लेकिन अब बड़े किसानों के फोन श्रमिकों के पास पहुंचने लगे हैं।
मझवां ब्लाक की श्रमिक दुर्गा यादव ने बताया कि उन्हें पंजाब के एक बड़े किसान का फोन आया कि 30-35 श्रमिकों की व्यवस्था करें ताकि उनकी धान की रोपाई अच्छे तरीके से हो सके। दुर्गा यादव ने बताया कि किसानों द्वारा आने जाने के लिए बस की सुविधा भी दी जा रही है। साथ ही यह भी बताया कि वे किसानों के खेत-खलिहानों में बनाए गए अस्थाई शेल्टर होम में ही रहेंगे और भोजन पानी की व्यवस्था भी किसान द्वारा ही की जाएगी। दुर्गा यादव ने बताया कि पहले भी वे पंजाब व हरियाणा राज्य में काम कर चुके हैं इसलिए समस्या नहीं है। लेकिन कोरोना महामारी के वर्तमान हालात को देखते हुए वे यह निर्णय नहीं कर पा रहे कि जाएं या न जाएं। हालांकि परिवार के लोग उन्हें जाने से मना कर रहे हैं। इसी तरह मुंबई व सूरत से आए कामगारों को भी वापस बुलाया जा रहा है लेकिन वे जाने को तैयार नहीं हैं। हालात यहां तक खराब हैं कि अभी भी लोगों के आने का सिलसिला जारी है।