एससी-एसटी एक्ट संशोधन के विरोध में प्रदर्शन
चाहे संविधान जलाने वाले हों या संविधान विरोधी काम करने वाले, ये सभी आवाम की नजर में किसी आतंकी से कम नहीं हैं। बुधवार को कलेक्ट्रेट कार्यालय में एससीएसटी एक्ट कानून में हुए संसोधन विधेयक का विरोध करने पहुंचे अंतरराष्ट्रीय न्यायिक मानवाधिकार संरक्षण के प्रदेश उपाध्यक्ष अब्दुल खालिद खान ने यह बातें प्रदर्शन के दौरान कही। विरोध-प्रदर्शन के दौरान जमकर सरकार विरोधी नारे लगाए गए और संसोधन विधेयक को तत्काल वापस लेने की मांग की गई।
जागरण संवाददाता, मीरजापुर : बुधवार को कलेक्ट्रेट कार्यालय में एससी-एसटी एक्ट कानून में हुए संशोधन विधेयक का विरोध करने पहुंचे अंतरराष्ट्रीय न्यायिक मानवाधिकार संरक्षण के कार्यकर्तओं ने इसे सरकार द्वारा लिया गया गलत निर्णय बताकर प्रदर्शन किया और संशोधन विधेयक तत्काल वापस लेने की मांग की गई।
जिला कलेक्ट्रेट परिसर में एससी-एसटी एक्ट के दुरुपयोग पर सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिए गए आदेश को अध्यादेश लाकर संशोधन को वापस लेने की मांग पर प्रदर्शन किया गया। जिसे अंतरराष्ट्रीय न्यायिक मानवाधिकार संरक्षण सहित भारतीय छात्र संघ भारत, मीरजापुर सेवा समिति जैसे संगठनों का भी समर्थन मिला। मानवाधिकार संरक्षण के प्रदेश उपाध्यक्ष अब्दुल खालिद खान ने कहा कि जो भी लोग संविधान के विरोध में कार्य करते हैं, वे देश का भला करने वाले नहीं हैं। ऐसे लोगों को सत्ता में रहने का कोई अधिकार नहीं है और आने वाले चुनाव में आम जनता अपनी ताकत से ऐसी शक्तियों को खारिज करने का काम करेगी। उन्होंने कहा कि संविधान की धारा 14 व 15 समता का अधिकार दिया गया है जबकि प्रस्तावित विधेयक इस अधिकार का उल्लंघन करता है। उन्होंने यह भी आशंका जताई कि नए कानून से अत्याचार की वृद्धि होगी और इससे समाज में भेदभाव बढ़ेगा। प्रदर्शनकारियों ने इस विधेयक को तत्काल वापस लेने की मांग की और जिलाधिकारी के माध्यम से राष्ट्रपति को पत्र भेजकर अपनी बातें रखीं। इस अवसर पर सुनील कुमार पांडेय, आजाद आलम, र¨वद्र कुमार श्रीवास्तव, आशीष दूबे, राजमणि दूबे, हैदर अली, संजीव शुक्ला सहित दर्जनों लोग उपस्थित रहे।