मीरजापुर मेडिकल कालेज के निरीक्षण में प्रमुख सचिव को मिली खामियां, व्यवस्था में सुधार लाने का निर्देश
प्रमुख सचिव स्वास्थ्य व शिक्षा आलोक कुमार ने मंगलवार को मीरजापुर में मेडिकल कालेज के पुरुष व महिला सहित डेंगू वार्ड का निरीक्षण किया। उन्होंने चिकित्सालय के इमरजेंसी व चिल्ड्रेन वार्ड आदि को देखा। डेंगू वार्ड में भर्ती मरीजों को मिल रही चिकित्सकीय सुविधा के बारे में जानकारी ली।
जागरण संवाददाता, मीरजापुर : प्रमुख सचिव स्वास्थ्य व शिक्षा आलोक कुमार ने मंगलवार को मेडिकल कालेज के पुरुष व महिला सहित डेंगू वार्ड का निरीक्षण किया। उन्होंने चिकित्सालय के इमरजेंसी व चिल्ड्रेन वार्ड आदि को देखा। डेंगू वार्ड में भर्ती मरीजों को मिल रही चिकित्सकीय सुविधा के बारे में जानकारी ली। महिला चिकित्सालय में पहुंचे तो वहां घोर लापरवाही पाई। कर्मचारियों द्वारा अस्पताल से छुट्टी देने के बाद नवजात बच्चों के स्वास्थ्य की मानिटरिंग नहीं किए जाने के कारण उनकी मौत होना पाया। बताया कि यह घोर लापरवाही है। इस तरह की गलतियां बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
प्रमुख सचिव मां विंध्यवासिनी का दर्शन-पूजन करने के बाद सीधे मेडिकल कालेज के पुरुष चिकित्सालय पहुंचे। उन्होंने सबसे पहले इमरजेंसी को देखा। वहां भर्ती मरीजों से उनका हाल जाना। मरीजों का किए जा रहे इलाज के बारे में अधिकारियों से जानकारी ली। कहा कि मरीजों का समुचित इलाज किया जाए। चिल्ड्रेन वार्ड में भर्ती चील्ह के चेतगंज निवासी शिव यादव पुत्र स्व. मनोज कुमार की हालत दयनीय देख उसकी स्थिति के बारे में पूछा तो उसकी बहन ने बताया कि शिव को कुछ दिन पहले बुखार आया था।
दो दिनों से यहां लाई हैं, आराम नहीं मिला है। इस पर प्रमुख सचिव ने प्राचार्य से बच्चे की अच्छी तरह से इलाज कराकर ठीक करने का निर्देश दिया। कहा कि इसमें लापरवाही नहीं बरती जाए। इसके बाद वे डेंगू वार्ड पहुंचे। वहां एक नंबर पर भर्ती मांसी पांडेय निवासी बरौधा कछार के स्वास्थ्य के बारे बताया गया। स्वजनों ने बताया कि एक सप्ताह पूर्व उसे डेंगू हुआ था। ब्लीडिंग हो रही थी।
प्लेटलेट्स चढ़वाने पर अब कुछ आराम है। प्रमुख सचिव स्वास्थ्य, शिक्षा एवं प्रतिरक्षण आलोक कुमार ने महिला चिकित्सालय पहुंचकर प्रसूती वार्ड, केएमसी रूम तथा शिशु गहन चिकित्सा ईकाई का निरीक्षण किया। उसमें चार बच्चे भर्ती पाए लेकिन स्टाफ न होने के कारण व्यवस्था ठीक नहीं है। भर्ती बच्चों का रजिस्टर मांगा तो उसमें स्वास्थ्य कर्मियों की घोर लापरवाही पाई। योजना और नियम के तहत बच्चों का इलाज नहीं किया जा रहा है। एक से लेकर सवा किलो तक के बच्चों के इलाज में लापरवाही बरती जा रही है।
बच्चों को छुट्टी देने के बाद उनकी मानिटरिंग नहीं की जा रही है। इसके चलते सुनीता कोल का डेढ़ किलो का बच्चा अस्पताल से छुट्टी के एक सप्ताह बाद ही मर गया। इसके बाद पिपराडाड़ स्थित मेडिकल कालेज पहुंचकर वहां के आडीटोरियम में अधिकारियों के साथ बैठक की । कालेज के आगे के निर्माण व व्यवस्थाओं को लेकर चर्चा की। इस दौरान 145 बेड के नए भवन को जनवरी तक महिला चिकित्सालय को हैंडओवर करने का निर्देश दिया।
नए भवन को जल्द पूर्ण करने का दिया निर्देश
प्रमुख सचिव आलोक कुमार ने मंडलीय चिकित्सालय के बगल में स्थित 145 बेड के नए भवन को जल्द पूरा करके महिला चिकित्सालय को हैंडओवर करने का निर्देश दिया। राजकीय निर्माण निगम के अग्निहोत्री से भवन के निर्माण के बारे में पूछा तो उन्होंने बताया कि इस भवन में टोटी, शौचालय, लिफ्ट व फर्निशिंग का काम बचा है। जिसे करने में लगभग 20 दिन का समय लगेगा।
जनवरी तक इसे हैंडओवर कर दिया जाएगा। इस पर उन्होने कालेज के प्राचार्य से भवन में जो काम कराना है उसकी सूची बनाकर राजकीय निर्माण निगम के प्रोजेक्ट मैनेजर को देने का निर्देश दिया। जिसे वह बचे हुए काम पूरा करा लें। सीडीओ श्रील्क्ष्मी बीएस से पूरे कार्य की मानिटरिंग करने के लिए कहा। महिला चिकित्सालय के भवन को तोड़कर 200 बेड का नया भवन बनाया है। इसके लिए चिकित्सालय को मंडलीय चिकित्साकलय के 145 बेड के भवन में हैंडओवर करना होगा।