प्रधान ने नाले की सफाई से हाथ किए खड़े तो ग्रामीणों ने खुद उठाया बीड़ा
सिटी ब्लाक के भरूहना स्थित दलित बस्ती में कई साल से जाम पड़े नाले की सफाई कराने से प्रधान ने इंकार किया तो ग्रामीण खुद नाले की सफाई करने पहुंच गए। दो घंटे के अंदर करीब सौ मीटर नाले की सफाई कर डाला। लोगों ने ग्रामीणों के इस पहल को देख हर्ष जताया।
जागरण संवाददाता, मीरजापुर : विकास खंड सिटी के भरूहना गांव में बजबजाती नाली की सफाई से प्रधान ने जब हाथ खड़े कर दिए तो ग्रामीण नाराज नहीं हुए बल्कि समस्या से खुद ही निजात पाने के लिए मन बनाया। ग्रामीणों ने सरकारी व्यवस्था की बाट जोहने की बजाए खुद हाथों में बाल्टी, फावड़ा आदि लेकर रविवार को नाले पर पहुंचे और सफाई करने लगे। नाला सफाई शुरू होते ही अन्य ग्रामीण मदद के लिए खद जुट गए। दो घंटे के अंदर ही ग्रामीणों ने करीब सौ मीटर नाले की सफाई कर डाली। आमजन ने ग्रामीणों की इस नेक पहल को देख खुशी का इजहार किया। कहा कि जब सरकारी तंत्र फेल हो जाए तो इंसान को खुद से अपना कार्य लेना चाहिए। इससे उन्हें प्रशासन द्वारा कराए जाने वाले कार्य के लिए उनका मुंह नहीं देखना पड़ेगा।
भरूहना गांव की दलित बस्ती में जाने वाली सीसी रोड के किनारे पानी निकलने के लिए नाले का निर्माण कराया गया है। कई साल से नाले की सफाई नहीं होने के कारण वह पूरी तरह से जाम हो गया था। इसकी वजह से सड़क पर नाले का गंदा पानी बह रहा था। पानी निकलने का साधन न होने के कारण करीब एक फीट तक रोड पर पानी भरा हुआ था। इससे महिलाओं व बच्चों समेत अन्य लोगों को आने जाने में परेशानी हो रही थी। पानी के कारण सड़क पर काई जमने से उसमें गिरकर बस्ती के लोग चोटिल हो रहे थे। यह देख ग्रामीण प्रधान से पिछले कई महीने से नाले की सफाई कराने की मांग कर रहे थे लेकिन उनकी सुनवाई नहीं हो रही थी। आखिर में सोमवार को रक्षाबंधन का त्योहार होने पर ग्रामीणों ने प्रधान से एक बार फिर कहा कि नाले की सफाई करा दें। प्रधान ने कहा कि उनके पास इस समय मजदूर नहीं हैं। जब होंगे तब साफ करा देंगे। इसके बाद ग्रामीण हीरा मिस्त्री, संतोष कुमार, राजेश, विकास, शिवम, लवकुश, विवेक, राजाराम ने खुद ही नाला की सफाई करने पहुंच गए। कहा कि नाले का सही तरीके से ढाल नहीं बनाए जाने के चलते पानी नहीं निकल पा रहा है। इस तरह से ग्रामीणों ने न सिर्फ ग्राम प्रधान को आइना दिखाया बल्कि मनरेगा जैसी महत्वाकांक्षी योजना के जरिए लोगों को रोजगार देने की प्रक्रिया को सवालों के कठघरे में लाकर खड़ा कर दिया।