जंगल में अपराधी बेखौफ, खाक छान रही पुलिस
-तिहरे हत्याकांड का राजफाश न होने पर पुलिस की हो रही किरकिरी -अब शिकारियों पर प
-तिहरे हत्याकांड का राजफाश न होने पर पुलिस की हो रही किरकिरी
-अब शिकारियों पर पुलिस की नजर, कुछ लोगों से हो रही पूछताछ जागरण संबाददाता, लालगंज (मीरजापुर) : बहुचर्चित बामी गांव के तीन चचेरे भाइयों की हुई हत्या के मामले में घटना के आठवें दिन पुलिस जंगल की खाक छानती रही। वही बेखौफ अपराधी पुलिस की पकड़ से दूर है। पुलिस को अभी तक सही ढंग से घटना स्थल की जानकारी भी नहीं हो पाई है कि दरिदों ने किस जगह पर तीनों बालकों की हत्या किया था उस जगह को अभी तक चिन्हित नहीं किया जा सका है।
पुलिस के हाथ खाली होने के कारण एडीजी वाराणसी जोन बृजलाल शर्मा ने स्थानीय पुलिस पर लोगों के साथ व्यवहार कुशलता का अभाव मान रहे है। अधिकारियों की हो रही किरकिरी से जहां एक तरफ स्थानीय पुलिस परेशान हैं, वहीं मामले का पर्दाफाश न हो पाने के कारण अपराधी खुलेआम बेखौ़फ घुम रहे है। पुलिस दिन रात गांव की प्रत्येक घरों तक दस्तक देते हुए इस घटना की थोड़ी सी भी जानकारी लेने के लिए परेशान है लेकिन गांव का कोई भी व्यक्ति इस मामले में मुंह खोलने को तैयार नहीं है।
पुलिस ने शिकारियों से की दोबारा पूछताछ
बुधवार को भी पुलिस ने गांव के कुछ शिकारियों को थाने में बुलाकर पूछताछ किया इसके पहले भी इनसे पूछताछ की गई थी, लेकिन इन शिकारियों ने यह नहीं बताया था कि घटना के दिन एक दिसंबर को शिकार खेलने जंगल में गए हुए थे। शिकारियों द्वारा बात छिपाने से पुलिस तीन लोगों को दोबारा थाने पर बुलाकर गहन पूछताछ किए हैं। पुलिस का मानना है कि गांव का कोई न कोई व्यक्ति तो जरूर जानता होगा इस मामले में लेकिन कोई मुंह नहीं खोल रहा है। स्थानीय पुलिस ने पुलिस अधीक्षक के साथ मंगलवार को काफी देर तक लहंगपुर में बैठक कर मामले के खुलासा होने के लिए कई बिदुओं पर प्रकाश डाला था जिसे लेकर पुलिस आगे बढ रही है।
एसपी से महिला दारोगा की मांग
थाने की पुलिस ने एसपी से एक महिला दारोगा की मांग की है। महिलाओं से बात करने के लिए एक अनुभवी महिला दारोगा की आवश्यकता जताई गई है, हालांकि दो महिला कांस्टेबल इस मामले में कार्य कर रही हैं लेकिन यह अलग बात है कि अभी तक कहीं से सुराग नहीं मिल पाया। अब पुलिस महिलाओं के इर्द-गिर्द महिला पुलिस के माध्यम से जाने के योजना पर काम करना चाह रही है। इसमें महिलाओं से कुछ अहम सुराग मिल सकता है। अन्न त्याग कर पानी के सहारे जी रहे है परिजन
विगत एक सप्ताह से परिजन का रो-रो कर बुरा हाल हो गया है। परिजनों से मिलने आ रहे राजनीतिक पार्टी एवं सामाजिक कार्यकर्ताओं द्वारा उनको हरसंभव सांत्वना देते रहे है, लेकिन अब उनके सब्र का बांध टूटता हुआ दिखाई पड़ रहा है। खुलासा न होने से परिजन बेचैन है। तीन चचेरे भाइयों में हरिओम के पिता मुन्ना लाल तिवारी घटना के बाद अन्न त्याग दिया है। पानी पीकर किसी तरह जीवन जी रहे हैं सभी लोग इनको समझाने बुझाने की कोशिश किया, लेकिन वह अपने बच्चे के लिए पूरी तरह संतुलन खोते जा रहे हैं। घर पर आने वालों की अपनी डायरी में नाम मोबाइल नंबर लिखना नहीं भूल रहे है। कमोबेश यही स्थिति तीनों भाइयों की है अन्न को भूल गए है, घर में महिलाएं बेसुध होकर पड़ी हैं उनको आगे कुछ सूझ नहीं रहा है सिर्फ अंधेरा ही अंधेरा उनके सामने हैं। दरवाजे पर आने वाले प्रतिदिन नात रिश्तेदार ग्रामीण सांत्वना जरूर दे रहे हैं लेकिन उनके मन के अंदर सांत्वना नहीं मिल पा रही है। परिजन चाहते हैं कि मामले का खुलासा जल्दी से जल्दी हो जाए और उनके दिल के टुकड़ों को किसने और किस फायदे के लिए मौत के घाट उतार दिया। यह जानना चाहते हैं, लेकिन इसमें अभी तक खुलासा तो नहीं हो पाया है पुलिस आशान्वित है कि घटना की खुलासा जल्दी हो जाएगी। परिजन इसी आशा में प्रतिदिन गुजार रहे हैं। तीन बच्चों में दोनों का व्रतबंध हुआ था। जबकि एक का अभी व्रतबंध नहीं हुआ है। इनके मौत के बाद अंतिम संस्कार में शामिल क्रिया कर्म की जिम्मेदारी तीनों बच्चों के बड़े पिता जयनारायन तिवारी द्वारा की जा रही है।
पीड़ित परिवार से मिलने पहुंचे एमएलसी आशीष पटेल
लालगंज: क्षेत्र के बामी गांव में तीन चचेरे भाइयों की हुई हत्या के बाद राजनैतिक सामाजिक नेताओं का पीड़ित परिवार से मिलने का सिलसिला लगा हुआ है। घटना के आठवें दिन बुधवार को एमएलसी आशीष पटेल छानबे विधायक राहुल प्रकाश के साथ पीड़ित परिवार से मिलकर सांत्वना देने पहुंचे थे। इतने दिन बाद सिर्फ अकेले एमएलसी आशीष पटेल को आए देख सांसद अनुप्रिया पटेल के न पहुंचने का मलाल परिजनों में साफ दिखाई दे रहा था। एमएलसी ने मृतक हरिओम, शिवम, सुधांशु के पिता से मिलकर उन्हें आश्वस्त करते हुए सांत्वना प्रदान किया कि धैर्य बनाए रखें और पुलिस हत्यारों को जरूर गिरफ्तार करेगी। उनके साथ अपना दल के जिलाध्यक्ष राम लोटन बिद, डा. एसपी पटेल, लाल बहादुर सिंह परिजनों से मिल कर ढाढ़स बंधाया।