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गंदगी का पर्याय बना शहर का पक्का पोखरा इलाका

नगर के पक्का पोखरा मुहल्ला इन दिनों गंदगी का पर्याय बन चुका है। गंगा प्रदूषण नियंत्रण इकाई की ओर से वाटर ट्रीटमेंट प्लांट की बनी नाली से निकलने वाली दुर्गंध से लोगों का जीना मुहाल हो गया है। साथ ही खुली नालियों एवं गंदगी से उत्पन्न जीवाणु लोगों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर डाल रहे हैं।

By JagranEdited By: Published: Sun, 16 Feb 2020 05:49 PM (IST)Updated: Sun, 16 Feb 2020 11:18 PM (IST)
गंदगी का पर्याय बना शहर का पक्का पोखरा इलाका
गंदगी का पर्याय बना शहर का पक्का पोखरा इलाका

जागरण संवाददाता, मीरजापुर : नगर के पक्का पोखरा मुहल्ला इन दिनों गंदगी का पर्याय बन चुका है। गंगा प्रदूषण नियंत्रण इकाई की ओर से वाटर ट्रीटमेंट प्लांट की बनी नाली से निकलने वाली दुर्गंध से लोगों का जीना मुहाल हो गया है। साथ ही खुली नालियों एवं गंदगी से उत्पन्न जीवाणु लोगों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर डाल रहे हैं। यही नहीं यह पानी गंगा में नाले के माध्यम से गिरता है, जो लोगों के स्वास्थ्य के साथ ही गंगा को भी प्रदूषित कर रहा है।

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दशकों पूर्व नगर की गंदगी को फिल्टर करने के लिए गंगा प्रदूषण नियंत्रण इकाई की ओर से पक्का पोखरा क्षेत्र में वाटर ट्रिटमेंट प्लांट का निर्माण किया गया था। प्लांट के आरम्भ होने के साथ ही दुर्गंध ने स्थायी रूप से यहां अपना डेरा जमा लिया। इसके साथ ही समूचे क्षेत्र में जगह-जगह पसरी गंदगी और खुली नालियों से उत्पन्न जीवाणुओं ने लोगों को अपना शिकार बनाना शुरू कर दिया। इसके कारण बूढ़ों से लेकर बच्चे तक मच्छरजनित बीमारियों की चपेट में आ जाते हैं। स्थिति यह है कि बीमारी से त्रस्त लोगों की संख्या में बराबर इजाफा हो रहा है। शहर के विकास के लिए करोड़ों खर्च के बाद भी पक्का पोखरा मोहल्ला मूलभूत सुविधाओं से वंचित है। उबड़-खाबड़ सड़क, पटी नालियां व जर्जर विद्युत पोल एवं तार से लोग काफी परेशान हैं। दुर्गंध दे रही नाले में लोग मृत जानवर को भी फेंक देते हैं। इससे परेशानी और बढ़ जाती है। कुछ दिन पूर्व नाले में एक नवजात का शव भी मिला था। मोहल्लावासियों का कहना है कि वार्ड की सभासद भी मोहल्ले की ओर रूख नहीं करतीं। इससे समस्या और बढ़ती जा रही है। इस सम्बंध में स्थानीय लोगों ने कई बार जिला प्रशासन व नगर पालिका परिषद से शिकायत की, पर उनकी तकलीफ सुनने को कोई तैयार नहीं है।

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- इनसेट

दुर्गंध से फैल रही मलेरिया, अस्पताल में भी नहीं मिलती सुविधा

पक्का पोखरा मोहल्ला निवासी संजय सोनकर ने बताया कि नाले से उठ रही दुर्गंध से पूरा मोहल्ला काफी परेशान हैं। इतना ही नहीं लोग तरह-तरह के बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं। हम लोग ठेला लगाकर परिवार का भरण-पोषण करते हैं। ऐसे में इलाज कराने की रकम भी जुटा पाना मुश्किल है। मंडलीय चिकित्सालय पर गरीब मरीजों को बेहतर सुविधा नहीं मिलने के कारण लोग निजी चिकित्सालय का शरण लेते हैं। बताया कि नाले से निकल रहे दुर्गंध के कारण उसका पुत्र लगभग एक महीने से मलेरिया की चपेट में है। जिसका इलाज प्राइवेट चिकित्सालय पर कराया जा रहा है। हालांकि अभी स्वास्थ्य में सुधार है।

----------------------- - वर्जन

गंदा पानी को फिल्टर करने के बाद उसमें से निकलने वाली दुर्गंध को खत्म करने के लिए वर्ष 2018 में क्लोनेशन प्लांट लगाया गया था। तकनीकी खराबी के कारण तीन दिन से प्लांट बंद है। इसके मरम्मत के लिए वाराणसी से इंजीनियर बुलाए गए हैं। जल्द ही ठीक कराकर प्लांट को चालू करा दिया जाएगा। इससे लोगों को दुर्गंध से निजात मिलेगी।

------ रोबिन किशोर, परियोजना अभियंता, गंगा प्रदूषण नियंत्रण इकाई

------------------------- क्या बोले मोहल्लावासी :- - हम सभी मोहल्लावासी दशकों से पक्का पोखरा से निकलने वाले दुर्गंध से परेशान हैं। शिकायत के बाद भी समस्या का हल नहीं किया गया।

-----अशोक पटेल - इस समस्या से कई बार जिला प्रशासन व नगर पालिका परिषद को अवगत कराया गया लेकिन अधिकारियों की बेरूखी के कारण लोग काफी त्रस्त हैं।

-----चंदन सोनकर - रात के समय मोहल्ले में अंधेरा पसर जाता है। जबकि कई मोहल्ले में नगर पालिका की ओर से प्रकाश की व्यवस्था की गई है लेकिन यहां पर स्ट्रीट लाइट की भी व्यवस्था नहीं की गई।

-----देवी - शहर में होने के बावजूद हम लोग गांव की जिदगी जीने को मजबूर हैं। मूलभूत सुविधाओं का भी पूर्णत: अभाव है।

-----राजकुमार - मोहल्ले की सड़कों के किनारे नालियां न होने से काफी परेशानी होती है और घरों का गंदा पानी सड़क पर बहता रहता है। इससे तरह-तरह की बीमारी भी फैल रही है।

-----रीता - अधिकारियों से समस्या की शिकायत करते-करते थक चुके हैं। अब आंदोलन की एकमात्र सहारा बचा है।

-----निर्मला देवी - मोहल्ले में मूलभूत सुविधाओं का अभाव है। सभासद भी इस पर ध्यान नहीं देतीं और न ही प्रशासन।

-----गंगा विष्णु - मोहल्ले में नाली की व्यवस्था की जाए और टूटी-फूटी सड़क की मरम्मत की जाए तो काफी सहुलियत होगी।

-----बाबूराम सोनकर - अगर नगर पालिका परिषद की नजरें इनायत हो जाए तो इस मोहल्ले का भी कायाकल्प हो सकता है।

-----बंजारा सोनकर - जनप्रतिनिधियों को ईमानदारी के साथ मोहल्ले के विकास के लिए कार्य करना चाहिए जिससे लोगों को मूलभूत सुविधा मुहैया हो सके।

-----संजय सोनकर - गंदगी से फैल रही बीमारी से लोग काफी परेशान हैं। मच्छररोधी दवा का छिड़काव भी नहीं होता। इससे लोग कई तरह के बीमारियों के शिकार हो रहे हैं।

-----दीपू - उबड़-खाबड़ मार्ग होने के कारण लोगों को आवागमन में काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। तत्काल सड़क की मरम्मत की जाए।

-----लालबहादुर - वाटर ट्रीटमेंट प्लांट से निकलने वाला काफी दुर्गंधयुक्त है और यही पानी गंगा में प्रवाहित की जाती है। इससे अदांजा लगाया जा सकता है कि यह पानी गंगा को कितना प्रदूषित करता होगा।

-----प्रदीप - शिकायत के बाद भी कोई कार्रवाई न होने पर मोहल्लावासी शिकायत करना भी छोड़ दिए। लोगों ने इस अपनी नियती मान लिया है।

-----सूरज - मोहल्ले में फैल रही दुर्गंध को दूर नहीं किया गया तो मजबूरन लोगों को ट्रीटमेंट प्लांट को बंद करने के लिए आवाज उठाना पड़ेगा।

-----कल्लू - जिला प्रशासन व नगर पालिका परिषद यहां बसे लोगों को इस समस्या से निजात दिलाने के लिए आवश्यक कदम उठाए, नहीं तो मोहल्लावासी आंदोलन को बाध्य होंगे।

-----देशभूषण - यदि दुर्गंध दे रहे नाले को ऊपर से ढक दिया जाए तो कुछ राहत हो सकती है। प्रशासन इस पर ध्यान दे।

-----सुभावती - इस मार्ग से गुजरने वालों को दुर्गंध का एहसास होते ही पता चल जाता कि पक्का पोखरा के पास आ गए हैं। यह कितने शर्म की बात है लेकिन अधिकारी जानकर भी अनजान हैं।

-----दुर्गा प्रसाद - मोहल्ले में प्रतिदिन साफ-सफाई नहीं होती। सफाईकर्मियों का दर्शन भी कभी-कभी ही होता है। इससे चारों तरफ गंदगी का अंबार लगा है।

-----गुड़िया देवी - यदि अधिकारी मोहल्ले का निरीक्षण करें तो उन्हें खामियां खुद-बखुद नजर आएंगी। सभासद भी मोहल्ले के साफ-सफाई दिलचस्पी नहीं रखतीं। इससे लोगों को गंदगी से जूझना पड़ रहा है।

-----जलवा देवी --------------------------------


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