धान की नर्सरी में लग रहे कीड़े, दवा नदारद
जागरण संवाददाता, मीरजापुर: इस समय धान की नर्सरी डाली जा रही है। वर्षा न होने से परेशान किसान किसी प्
जागरण संवाददाता, मीरजापुर: इस समय धान की नर्सरी डाली जा रही है। वर्षा न होने से परेशान किसान किसी प्रकार निजी साधनों से ¨सचाई की व्यवस्था कर रहा है लेकिन अब उसे कीड़ों का भी सामना करना पड़ रहा है। धान की नर्सरी डालने के तीन-चार दिन में ही इन टिड्डी (कीड़ों) का झुंड पहुंच जा रहा है और नर्सरी को चट कर जा रहा है। किसान हलकान हैं।
इस बार जिले में 90 हजार हेक्टेअर भूमि पर धान की खेती का लक्ष्य है। इसके लिए किसान एक माह पहले से ही लगे हुए हैं। बहुत से किसानों ने तो सांडा विधि से धान की खेती शुरू की तो अधिकतर किसान परंपरागत रूप से धान की नर्सरी डाल रहे हैं। जून का अंतिम सप्ताह चल रहा है और पानी नहीं बरस रहा है। हालांकि वातावरण में नमी बनी हुई है लेकिन पानी नहीं मिल रहा है। यही नमी किसानों के लिए मुसीबत बन रही है। यदि पानी बरस जाता तो कोई समस्या नहीं होती लेकिन नमी के चलते कीड़े बढ़ते ही जा रहे हैं। इन फुदक कर चलने वाले टिड्डियों के कारण धान की फसल की सुरक्षा को खतरा हो गया है। जहां तक फसल सुरक्षा केंद्रों की बात है तो उनमें से अधिकांश तो बंद ही चल रहे हैं। वहां से किसानों को कोई राहत नहीं मिल रही है। किसान बाजार से महंगे दामों में दवाएं ले रहे हैं लेकिन वह प्रभावी नहीं सिद्ध हो रही है। आशंका जताई जा रही है कि यदि शीघ्र ही इन कीड़ों का उपाय नहीं किया गया तो धान की फसल नष्ट होने की संभावना बन रही है। वर्जन ..
अभी जिले में 105 न्याय पंचायतों में किसान पाठशाला चल रही है। अधिकांश कर्मचारी वहां ड्यूटी दे रहे हैं। इसलिए हो सकता है कि कहीं- कहीं केंद्र बंद हो। दो- तीन दिनों में वह संपन्न हो जाएगी। उसके बाद से केंद्र नियमित रूप से खुलने लगेगी और किसानों को दवाएं मिलेंगी। सभी केंद्रों पर पर्याप्त दवाएं हैं। उसका कोई संकट नहीं है।
- पवन कुमार प्रजापति, जिला कृषि अधिकारी, मीरजापुर।